सोलन : नौणी यूनिवर्सिटी में आयोजित कोर्स के दौरान एक व्यक्ति द्वारा फर्जी सर्टिफिकेट पेश करने का मामला सामने आया है। डॉ. बलबीर सिंह दिल्टा, प्रिंसिपल नौणी यूनिवर्सिटी ने 27 मार्च को पुलिस थाना सदर सोलन में रिपोर्ट दर्ज करवाई। रिपोर्ट के अनुसार, यूनिवर्सिटी में “Sustainable Floriculture & Landscaping in the Scenario of Climate” विषय पर 22 से 30 मार्च तक एक शॉर्ट कोर्स का आयोजन किया गया था। तमिलनाडु के अमरीश प्रकाश नागराज (37), पुत्र नागराज, निवासी गांव पल्लमवनाथम, तहसील अरुपुकोटटाई, जिला विरुद्धनगर ने प्रवेश के समय अपने शैक्षणिक प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए थे। सभी प्रतिभागियों के दस्तावेजों की वेरिफिकेशन के दौरान, अमरीश प्रकाश नागराज के सर्टिफिकेट को भी संबंधित विश्वविद्यालय, कृषि विश्वविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र मदुरई, तमिलनाडु को भेजा गया। मदुरई विश्वविद्यालय प्रशासन ने दस्तावेजों की जांच के बाद नौणी यूनिवर्सिटी को सूचित किया कि अमरीश प्रकाश नागराज द्वारा पेश किए गए सर्टिफिकेट न तो उनकी यूनिवर्सिटी द्वारा जारी किए गए थे और न ही वह कभी उनका छात्र या कर्मचारी रहा था। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि सर्टिफिकेट पर विश्वविद्यालय के डीन की फर्जी मोहर और हस्ताक्षर मौजूद थे। फर्जी सर्टिफिकेट के इस मामले में पुलिस थाना सदर सोलन ने मामला दर्ज किया और त्वरित कार्रवाई करते हुए, पुलिस ने आरोपी अमरीश प्रकाश नागराज को 27 मार्च को नौणी से गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी के बाद आरोपी को 28 मार्च को माननीय न्यायालय में पेश किया जाएगा। पुलिस आरोपी के आपराधिक रिकॉर्ड की जांच कर रही है। इस घटना ने यूनिवर्सिटी और स्थानीय प्रशासन को सकते में डाल दिया है। पुलिस थाना सदर सोलन में दर्ज रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और मामले की जांच जारी है।
Day: March 28, 2025
संजौली मस्जिद मामला : आयुक्त अदालत को मामले के निपटारे के लिए दिया 6 हफ्ते का समय
शिमला : हिमाचल हाई कोर्ट में संजौली मस्जिद मामले पर सुनवाई में हाई कोर्ट ने नगर निगम आयुक्त अदालत को 6 हफ्तों में मामले के निपटारे का और समय दिया है। नगर निगम आयुक्त अदालत ने उच्च न्यायालय से मामले के निपटारे के लिए 8 हफ्ते का और समय मांगा था। इससे पहले अक्टूबर में हाई कोर्ट ने नगर निगम आयुक्त को आठ हफ्तों के भीतर निपटारे के आदेश दिए जिसकी अवधि दिसंबर में पूरी हो गई है, लेकिन निपटारा अभी भी नहीं हुआ है। संजौली लोकल रेजिडेंट पक्ष के वकील जगत पॉल ने कहा कि उच्च न्यायालय की ओर से दी गई 8 हफ्तों की अवधि 20 दिसंबर को खत्म हो गई थी, लेकिन अभी भी मामला नगर निगम आयुक्त अदालत में विचाराधीन है। नगर निगम आयुक्त ने मामले के निपटारे के लिए आठ हफ्तों का और समय मांगा था जिस पर हाई कोर्ट ने 6 हफ्तों का और समय देते हुए नगर निगम आयुक्त अदालत को निपटारे के आदेश दिए हैं। इस मामले में लोकल रेजिडेंट ने हाई कोर्ट में एग्जीक्यूशन पिटीशन भी दायर की है जिस पर 1 अप्रैल को सुनवाई होनी है।
गर्भवती महिलाओं-बच्चों के पोषण पर सुक्खू सरकार का फोकस, इन योजनाओं को लाभार्थियों तक पहुंचाने की अपील
बाल विवाह पर प्रभावी कदम उठाने पर जोर
एसडीएम नरेश वर्मा ने बैठक में उपस्थित विभिन्न संबंधित अधिकारियों को महिला एवं बाल विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं को प्रभावी तरीके से पात्रों तक पहुंचाने की अपील की। उन्होंने बाल विवाह जैसी कुप्रथा पर प्रभावी कदम उठाने पर भी बल दिया। इस मौके पर बाल विकास परियोजना अधिकारी इंद्र सिंह गर्ग ने कहा कि समेकित बाल विकास सेवाओं के अंतर्गत अनौपचारिक पूर्वशाला शिक्षा, पूरक पोषाहार, प्रतिरक्षण, स्वास्थ्य जांच, संदर्भ सेवा (चिकित्सा परामर्श) और स्वास्थ्य एवं पोषाहार शिक्षा शामिल है। आनी खंड के अंतर्गत संचालित 176 आंगनबाड़ी केंद्रो में खाद्यान्न नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा उपलब्ध करवाया जा रहा है। बीते दो सालों में बेटी है अनमोल योजना के तहत 4,95,600 की एफडीआर पात्र बेटियों के नाम पर विभाग द्वारा जमा की गई है। वर्तमान सरकार ने शगुन योजना में 45 बेटियों को 31-31 हजार और सात मामलों में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 51-51 हजार रुपये पात्र बेटियों को वितरित किए गए हैं। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में वर्तमान सरकार ने 486 महिलाओं को अभी तक 6-6 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई है। आंगनबाड़ियों के संचालन से संबंधित विभिन्न समस्याओं को दूर करने के लिए एसडीएम ने विभिन्न निर्देश जारी किए। इसके अलावा मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के अंतर्गत गठित उप मंडल स्तरीय समिति ने सुखाश्रय योजना प्रावधानों और इसके तहत पात्र लाभार्थियों को लाभ प्रदान करने पर भी विस्तार से विचार-विमर्श किया। इस बैठक में बीडीओ आनी राजेंद्र कुमार, बाल विकास परियोजना अधिकारी इंद्र सिंह गर्ग, एसडीओ जल शक्ति पुष्पराज, तहसील कल्याण अधिकारी मंजुला शर्मा, एसएचओ पीएल जोशी, बीईईओ शांति सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित रहे।
भाजपा की रैली सुपरहिट, सरकार का सिंहासन हिला : संदीपनी
सरकार के मीडिया सलाहकार की आंखों में खोट, इलाज करवाए
शिमला : भाजपा प्रवक्ता सांदीपनि भारद्वाज ने कहा की सरकार के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान की आंखों में खोट आ गया है और उनको अपनी आंखों का इलाज कर लेना चाहिए। भाजपा को रैली सुपरहिट रही जिसने सरकार का सिंहासन हिला दिया। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश के समस्त नेतृत्व जयराम ठाकुर, राजीव बिंदल, श्रीकांत शर्मा एवं संजय टंडन के आह्वान पर शिमला में 10000 से अधिक की संख्या में कार्यकर्ता जुटे और चौड़ा मैदान में एक विशाल प्रदर्शन सरकार के खिलाफ किया गया। इस प्रदर्शन में माफियाराज के बारे में सरकार को खरिकोटि सुनाई गई और विमल नेगी की मृत्यु को लेकर सीबीआई जांच की भी मांग की गई, पर दोनों मुद्दों में लगता है कि सरकार बैक फुट पर है। इसीलिए उनके मीडिया सलाहकार बेतुकी एवं बिना सर पैर की बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के कोने-कोने से कल कार्यकर्ता चौड़ा मैदान में उपस्थित रहा और वहां पर पैर रखने की भी जगह नहीं थी, प्रशासन से लेकर सरकार कांप उठी थी। भाजपा के कार्यकर्ताओं के नारों की गूंज विधानसभा की कुर्सी तक पहुंची जहां मुख्यमंत्री तक भयभीत हो गए थे, मुख्यमंत्री का सिंहासन डोल उठा था । हिमाचल प्रदेश में माफिया राज, भ्रष्टाचार, गैंगवार, नशा, शराब जैसे मुद्दे आम हो गए हैं और कल इसके बारे में अनेकों उदाहरण भी भाजपा के नेतृत्व द्वारा रखे गए। श्रीकांत शर्मा ने तो विमल नेगी की मृत्यु को लेकर नैतिकता के आधार पर सीबीआई जांच भी मांगी। उन्होंने कहा कि अभी तो केवल सरकार को ढाई साल हुए हैं और तब कार्यकर्ताओं एवं जनता सरकार के खिलाफ जोश है जिस जोश के कारण शिमला में चौड़ा मैदान पर 10000 से अधिक की संख्या इकट्ठी हो गई थी, जब सरकार को 5 साल का समय हो जाएगा तब सोचिए कि हिमाचल प्रदेश में सरकार की हालत क्या होगी। उन्होंने कहा कि छोटा शिमला में भी दृष्टि बाधित संघ के कार्यकता अपना धरना प्रदर्शन कर रहे थे और पुलिस वालों ने वहां भी उनके साथ जोर जबरदस्ती की, जिसमें से एक व्यक्ति सड़क से गिर कर घायल भी हुआ। यह कृत्य सरकार को दिख नहीं रहा है, पर सरकार को केवल अपना हिटलर यानी मुख्यमंत्री दिख रहा है। वह हिटलर जो सुबह उठ के एक निर्णय लेता है चाहे वह जनहित में हो या ना हो और उसे पूरा करें करने को निकल जाता है। उन्होंने कहा कि हिटलर साहब आप सुन लीजिए कि हिमाचल की जनता तो आपसे दुखी हो चुकी है, आपका नाम में भले सुख होगा पर केवल मात्र अपने हिमाचल को दुख ही दुख दिया है।
विधायकों के लिए नया भवन बनाएगी सरकार : सीएम सुक्खू
Himachal News: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में हिमाचल के असुरक्षित भवनों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मेट्रोपोल भवन अनसेफ घोषित है. विधायकों को उसमें आवास न अलॉट किए जाएं, यदि अनहोनी होती है तो विधानसभा इसके लिए जिम्मेदार होगी. विधानसभा सत्र के अंतिम दिन बीजेपी विधायक विपिन परमार ने कहा कि हिमाचल की … Read more
राज्यसभा में राणा सांगा पर हंगामा, भाजपा ने सपा सांसद और मल्लिकार्जुन से माफी की मांग की
नेशनल डेस्क: राज्यसभा के बजट सत्र के दौरान शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ। भाजपा ने समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद रामजी लाल सुमन की राणा सांगा के बारे में की गई विवादित टिप्पणी पर विरोध जताया। भाजपा का आरोप था कि सुमन ने राणा सांगा को गद्दार कहकर उनका अपमान किया, जिसके बाद पार्टी ने सुमन से माफी की मांग की। साथ ही भाजपा ने कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे के बयान पर भी सवाल उठाए। भाजपा का कहना था कि खरगे इस मामले को जाति से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, जो कि सही नहीं है। भाजपा नेताओं ने यह भी कहा कि जब तक सुमन और खरगे माफी नहीं मांगते, तब तक कोई समझौता नहीं होगा। समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन ने 21 मार्च को राज्यसभा में राणा सांगा को “गद्दार” कहा था। इस बयान के बाद भाजपा के नेताओं ने सुमन को निशाना बनाया। सुमन का कहना है कि वह अपने शब्दों पर कायम हैं और माफी नहीं मांगेंगे। इस पर भाजपा के नेताओं ने उन्हें अपमानजनक और निंदनीय टिप्पणी करने के लिए आड़े हाथ लिया। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और पीयूष गोयल ने भी इस बयान की आलोचना की और कहा कि यह जातिवाद को बढ़ावा देने वाली टिप्पणी है। डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने कहा, “जब तक कांग्रेस और रामजी सुमन जी माफी नहीं मांग लेते, हम इस मुद्दे पर समझौता नहीं करेंगे। इसी बीच, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि वे और उनकी पार्टी देशभक्तों का सम्मान करते हैं, जिन्होंने देश के लिए अपनी जान दी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी व्यक्ति कानून को अपने हाथ में लेकर तोड़फोड़ करने का हक नहीं रखता। खरगे ने सुमन के विवादास्पद बयान के बाद उनके घर पर हुए हमलों का जिक्र किया और इसे दलित विरोधी कार्रवाई बताया। भाजपा ने खरगे के इस बयान को लेकर भी विरोध जताया और उन्हें माफी की मांग की। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा। उन्होंने राणा सांगा को राष्ट्रीय नायक बताया और उनकी बहादुरी का सम्मान किया। धनखड़ ने कहा कि इस तरह के संवेदनशील मुद्दों पर बोलते वक्त सदस्यों को बहुत सावधानी बरतनी चाहिए और सदन की गरिमा बनाए रखनी चाहिए। यह विवाद राज्यसभा में दिनभर गर्माता रहा और सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
मेंहदोबाग स्कूल के प्रिंसिपल निलंबित, अभद्र व्यवहार और विवादित कार्यशैली के आरोप…
नाहन : सिरमौर जिले के पच्छाद ब्लॉक स्थित मेंहदोबाग जमा दो स्कूल के प्रिंसिपल मुरली मनोहर गुप्ता को राज्य सरकार के शिक्षा सचिव ने निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई ग्राम पंचायत की शिकायत और विभागीय रिपोर्ट्स के आधार पर की गई है। सरकार के जारी आदेशों में कहा गया है कि प्रिंसिपल के अभद्र व्यवहार के कारण स्कूल में शिक्षण कार्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा था। जिला शिक्षा निदेशक ने शिकायतों की जांच के बाद अपनी रिपोर्ट में प्रिंसिपल को स्कूल से हटाने की सिफारिश की थी, ताकि स्कूल में शिक्षण का माहौल बना रहे। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि मुरली मनोहर गुप्ता पहले सोलन में भी अभद्र व्यवहार और विवादित कार्यशैली के चलते चार्जशीट का सामना कर चुके हैं। निलंबन के दौरान उनका मुख्यालय एलीमेंट्री निदेशालय निर्धारित किया गया है। हाल ही में स्कूल की डीपी और कुछ शिक्षकों ने पत्रकार सम्मेलन आयोजित कर प्रिंसिपल की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि प्रिंसिपल का व्यवहार और फैसले स्कूल के हित में नहीं थे। इस घटनाक्रम के बाद शिक्षा विभाग ने कार्रवाई करते हुए यह कदम उठाया है।
हिमाचल में माइनिंग पॉलिसी में होगा बदलाव : मुख्यमंत्री
शिमला : हिमाचल प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान माइनिंग पॉलिसी का मुद्दा उठा। चंबा के विधायक नीरज नैयर के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में माइनिंग पॉलिसी में बदलाव किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार इस बदलाव के लिए सभी तथ्यों और मामलों का अध्ययन करेगी और जनता से सुझाव भी लिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि वर्तमान माइनिंग रूल्स 1971 से लागू हैं, जिनमें 2015 में कुछ संशोधन किए गए थे। इससे पहले भरमौर के विधायक डॉक्टर जनक राज के मूल सवाल के जवाब में उद्योग मंत्री हषवर्धन चौहान ने कहा कि माइनिंग पॉलिसी के तहत चंबा जिला की सलूणी तहसील में सयूल खड्ड के किनारे तलोड़ी में एक खनन पट्टा व उसके आसपास कंडला और मोहड़ी में एक-एक खनन पट्टा मंजूर किया गया है। उद्योग मंत्री ने स्पष्ट किया कि इन खनन पट्टों को प्रदान करते समय माइनिंग पॉलिसी व नियमों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है।
मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार मीडिया नरेश चौहान बोले- फ्लॉप रही भाजपा की रैली, सभी आरोप निराधार
शिमला : मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान ने 27 मार्च को जारी एक प्रेस वक्तव्य में भाजपा द्वारा आयोजित ‘हल्ला-बोल’ रैली को प्रदेश के हितों से ध्यान भटकाने का विफल प्रयास करार दिया। उन्होंने कहा कि यह रैली भाजपा की हल्ला, हुड़दंगबाजी और अराजकता फैलाने की सोच को दर्शाती है। नरेश चौहान ने कहा कि वर्तमान में विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है, जो प्रदेश हित के मुद्दों पर गम्भीर चिंतन और मंथन का मंच प्रदान करता है। ऐसे में सदन की कार्यवाही में भाग न लेना और विधानसभा परिसर के बाहर सरकार पर तथ्यहीन आरोप लगाते हुए अराजकता फैलाना विपक्ष को शोभा नहीं देता। उन्होंने कहा कि भाजपा ने तथाकथित माफिया राज के मुद्दे पर सरकार को घेरने का विफल प्रयास किया, जबकि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू सहित मंत्रिमंडल के सदस्यों और कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा के भीतर इन सभी मुद्दों पर विस्तृत जानकारी दी। चौहान ने कहा कि भाजपा का यह प्रदर्शन उनके मानसिक दिवालियापन का प्रतीक है और यह दिखाता है कि भाजपा सदन के भीतर संख्या बल की कमी के चलते विचलित है। नरेश चौहान ने कहा कि जिस माफिया राज को लेकर भाजपा प्रदर्शन कर रही है, वह भाजपा के शासनकाल में तेजी से पनपा था। कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद से माफिया हाशिये पर है और सरकार की कानूनी कार्रवाई से डरकर भाग रहा है। प्रदेश सरकार ने नशा माफिया के खिलाफ कठोर कदम उठाए हैं। नशा तस्करों की संपत्ति जब्त करने का प्रावधान किया गया है। बजट सत्र के दौरान ‘हिमाचल प्रदेश संगठित अपराध (निवारण एवं नियंत्रण) विधेयक’ पेश किया गया, जिसमें चिट्टा तस्करी, नकली शराब बनाना-बेचना, और संगठित अपराध के मामलों में दोषियों के लिए फांसी या उम्रकैद के प्रावधान के साथ 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त, ‘हिमाचल प्रदेश मादक पदार्थ एवं नियंत्रित पदार्थ (निवारण, नशा मुक्ति और पुनर्वास) विधेयक-2025’ भी पेश किया गया। इसमें पुनर्वास केंद्र खोलने, कोष गठन, और नशा तस्करी में पकड़े जाने पर सख्त सजा का प्रावधान किया गया है। सरकारी कर्मचारी के शामिल होने पर डेढ़ गुना अधिक सजा का प्रावधान है। नरेश चौहान ने कहा कि यदि भाजपा इन मुद्दों के प्रति गंभीर है तो उसे सदन के भीतर उपस्थित रहकर इन विधेयकों पर चर्चा कर सकारात्मक सुझाव देने चाहिए थे। उन्होंने कहा कि भाजपा यदि अपने शासनकाल में कठोर कदम उठाती तो कांग्रेस सरकार को नशे की गम्भीर स्थिति का सामना न करना पड़ता। उन्होंने दोहराया कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार प्रदेशवासियों को माफिया मुक्त और भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने के लिए प्रतिबद्ध है। पेपर लीक माफिया पर नकेल कसते हुए सरकार ने हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग को बंद कर राज्य चयन आयोग का गठन किया है ताकि भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
हिमाचल प्रदेश में PMGSY के तहत कांगड़ा के लिए सर्वाधिक 570 हैबिटेशन की स्वीकृति : डॉ. राजीव भारद्वाज
धर्मशाला : हिमाचल प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (PMGSY) के तहत अब तक कुल 2562 हैबिटेशन को सड़क नेटवर्क से जोड़ने की स्वीकृति प्रदान की गई है। इनमें से 2544 हैबिटेशन को सड़क सुविधा से जोड़ दिया गया है, जबकि 18 हैबिटेशन का कार्य अभी लंबित है। यह जानकारी केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने लोकसभा में सांसद डॉ. राजीव भारद्वाज के प्रश्न के उत्तर में दी। पासवान ने बताया कि वर्ष 2014 से अब तक हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सड़क नेटवर्क स्वीकृत किए गए हैं। इन जिलों में बिलासपुर के 133 हैबिटेशन, चंबा के 299 हैबिटेशन, हमीरपुर के 103 हैबिटेशन, कांगड़ा के 570 हैबिटेशन, किन्नौर के 37 हैबिटेशन, कुल्लू के 217 हैबिटेशन, लाहौल-स्पीति के 12 हैबिटेशन, मंडी के 442 हैबिटेशन, शिमला के 315 हैबिटेशन, सिरमौर के 186 हैबिटेशन, सोलन के 107 हैबिटेशन और ऊना के 141 हैबिटेशन को सड़क सुविधा प्रदान करने की स्वीकृति दी गई है। इनमें से चंबा के 7 हैबिटेशन, कांगड़ा के 1 हैबिटेशन, कुल्लू के 4 हैबिटेशन और शिमला के 8 हैबिटेशन का कार्य अभी लंबित है। वहीं, मंडी जिले के लिए स्वीकृत 442 हैबिटेशन के स्थान पर 444 हैबिटेशन को सड़क नेटवर्क से जोड़ने का कार्य पूरा कर लिया गया है। इस योजना के तहत हिमाचल प्रदेश के दुर्गम और दूरदराज के क्षेत्रों में सड़क संपर्क बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि ग्रामीण इलाकों में लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा मिल सके। विशेष रूप से कांगड़ा जिले के लिए 570 हैबिटेशन को जोड़ने की स्वीकृति प्रदेश में सर्वाधिक है, जिससे यहां के ग्रामीण क्षेत्रों को सड़क नेटवर्क से जोड़ने में बड़ी सफलता मिली है।