



शिमला : मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान ने 27 मार्च को जारी एक प्रेस वक्तव्य में भाजपा द्वारा आयोजित ‘हल्ला-बोल’ रैली को प्रदेश के हितों से ध्यान भटकाने का विफल प्रयास करार दिया। उन्होंने कहा कि यह रैली भाजपा की हल्ला, हुड़दंगबाजी और अराजकता फैलाने की सोच को दर्शाती है। नरेश चौहान ने कहा कि वर्तमान में विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है, जो प्रदेश हित के मुद्दों पर गम्भीर चिंतन और मंथन का मंच प्रदान करता है। ऐसे में सदन की कार्यवाही में भाग न लेना और विधानसभा परिसर के बाहर सरकार पर तथ्यहीन आरोप लगाते हुए अराजकता फैलाना विपक्ष को शोभा नहीं देता। उन्होंने कहा कि भाजपा ने तथाकथित माफिया राज के मुद्दे पर सरकार को घेरने का विफल प्रयास किया, जबकि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू सहित मंत्रिमंडल के सदस्यों और कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा के भीतर इन सभी मुद्दों पर विस्तृत जानकारी दी। चौहान ने कहा कि भाजपा का यह प्रदर्शन उनके मानसिक दिवालियापन का प्रतीक है और यह दिखाता है कि भाजपा सदन के भीतर संख्या बल की कमी के चलते विचलित है। नरेश चौहान ने कहा कि जिस माफिया राज को लेकर भाजपा प्रदर्शन कर रही है, वह भाजपा के शासनकाल में तेजी से पनपा था। कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद से माफिया हाशिये पर है और सरकार की कानूनी कार्रवाई से डरकर भाग रहा है। प्रदेश सरकार ने नशा माफिया के खिलाफ कठोर कदम उठाए हैं। नशा तस्करों की संपत्ति जब्त करने का प्रावधान किया गया है। बजट सत्र के दौरान ‘हिमाचल प्रदेश संगठित अपराध (निवारण एवं नियंत्रण) विधेयक’ पेश किया गया, जिसमें चिट्टा तस्करी, नकली शराब बनाना-बेचना, और संगठित अपराध के मामलों में दोषियों के लिए फांसी या उम्रकैद के प्रावधान के साथ 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त, ‘हिमाचल प्रदेश मादक पदार्थ एवं नियंत्रित पदार्थ (निवारण, नशा मुक्ति और पुनर्वास) विधेयक-2025’ भी पेश किया गया। इसमें पुनर्वास केंद्र खोलने, कोष गठन, और नशा तस्करी में पकड़े जाने पर सख्त सजा का प्रावधान किया गया है। सरकारी कर्मचारी के शामिल होने पर डेढ़ गुना अधिक सजा का प्रावधान है। नरेश चौहान ने कहा कि यदि भाजपा इन मुद्दों के प्रति गंभीर है तो उसे सदन के भीतर उपस्थित रहकर इन विधेयकों पर चर्चा कर सकारात्मक सुझाव देने चाहिए थे। उन्होंने कहा कि भाजपा यदि अपने शासनकाल में कठोर कदम उठाती तो कांग्रेस सरकार को नशे की गम्भीर स्थिति का सामना न करना पड़ता। उन्होंने दोहराया कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार प्रदेशवासियों को माफिया मुक्त और भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने के लिए प्रतिबद्ध है। पेपर लीक माफिया पर नकेल कसते हुए सरकार ने हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग को बंद कर राज्य चयन आयोग का गठन किया है ताकि भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।