



नेशनल डेस्क: राज्यसभा के बजट सत्र के दौरान शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ। भाजपा ने समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद रामजी लाल सुमन की राणा सांगा के बारे में की गई विवादित टिप्पणी पर विरोध जताया। भाजपा का आरोप था कि सुमन ने राणा सांगा को गद्दार कहकर उनका अपमान किया, जिसके बाद पार्टी ने सुमन से माफी की मांग की। साथ ही भाजपा ने कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे के बयान पर भी सवाल उठाए। भाजपा का कहना था कि खरगे इस मामले को जाति से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, जो कि सही नहीं है। भाजपा नेताओं ने यह भी कहा कि जब तक सुमन और खरगे माफी नहीं मांगते, तब तक कोई समझौता नहीं होगा। समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन ने 21 मार्च को राज्यसभा में राणा सांगा को “गद्दार” कहा था। इस बयान के बाद भाजपा के नेताओं ने सुमन को निशाना बनाया। सुमन का कहना है कि वह अपने शब्दों पर कायम हैं और माफी नहीं मांगेंगे। इस पर भाजपा के नेताओं ने उन्हें अपमानजनक और निंदनीय टिप्पणी करने के लिए आड़े हाथ लिया। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और पीयूष गोयल ने भी इस बयान की आलोचना की और कहा कि यह जातिवाद को बढ़ावा देने वाली टिप्पणी है। डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने कहा, “जब तक कांग्रेस और रामजी सुमन जी माफी नहीं मांग लेते, हम इस मुद्दे पर समझौता नहीं करेंगे। इसी बीच, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि वे और उनकी पार्टी देशभक्तों का सम्मान करते हैं, जिन्होंने देश के लिए अपनी जान दी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी व्यक्ति कानून को अपने हाथ में लेकर तोड़फोड़ करने का हक नहीं रखता। खरगे ने सुमन के विवादास्पद बयान के बाद उनके घर पर हुए हमलों का जिक्र किया और इसे दलित विरोधी कार्रवाई बताया। भाजपा ने खरगे के इस बयान को लेकर भी विरोध जताया और उन्हें माफी की मांग की। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा। उन्होंने राणा सांगा को राष्ट्रीय नायक बताया और उनकी बहादुरी का सम्मान किया। धनखड़ ने कहा कि इस तरह के संवेदनशील मुद्दों पर बोलते वक्त सदस्यों को बहुत सावधानी बरतनी चाहिए और सदन की गरिमा बनाए रखनी चाहिए। यह विवाद राज्यसभा में दिनभर गर्माता रहा और सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।