विदेशी टेक्नोलॉजी पर निर्भरता खतरे की घंटी, स्वदेशी तकनीकों में निवेश अनिवार्य, बोले CDS अनिल चौहान

नेशनल डेस्क: चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने बुधवार को कहा कि भारत को अपनी सुरक्षा के लिए स्वदेशी तकनीकों में निवेश और निर्माण करना बहुत जरूरी है। उन्होंने खासकर यूएएस-रोधी (ड्रोन विरोधी) प्रणालियों के महत्व पर प्रकाश डाला जो हमारे देश के लिए जरूरी हैं।

विदेशी तकनीकों पर निर्भर रहने से तैयारियां कमजोर होंगी 

दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि विदेशी तकनीकों पर निर्भर रहने से हमारी तैयारियां कमजोर होती हैं और हमें जरूरी पुर्जों की कमी का सामना करना पड़ता है। इससे हमारे हथियारों और प्रणालियों की उपलब्धता पर असर पड़ता है। जनरल चौहान ने 7 मई को शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर का उदाहरण दिया, जिसमें स्वदेशी रूप से विकसित यूएएस-रोधी सिस्टम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि ये प्रणालियां भारत के भूभाग और हमारी जरूरतों के हिसाब से बनाई गई हैं, इसलिए हमारी रक्षा में मददगार हैं। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ने इस ऑपरेशन के दौरान भारत के खिलाफ ड्रोन और मंडराते हुए हथियारों का इस्तेमाल किया, लेकिन ये भारतीय सैन्य या नागरिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को नुकसान नहीं पहुंचा पाए। भारतीय सशस्त्र बलों ने गतिज (फिजिकल) और गैर-गतिज (इलेक्ट्रॉनिक) उपायों से इन ड्रोन को रोक दिया और कुछ ड्रोन तो बिना नुकसान के भी बरामद किए गए। सीडीएस ने कहा कि ड्रोन तकनीक युद्ध में विकासात्मक बदलाव ला रही है। इनका उपयोग लगातार बढ़ रहा है और सेना ने इन्हें युद्ध में बहुत असरदार तरीके से इस्तेमाल किया है। कार्यक्रम के दौरान जनरल चौहान ने मानेकशॉ सेंटर में विदेशी कंपनियों से आयात हो रहे यूएवी (ड्रोन) और काउंटर-यूएएस तकनीकों के कई महत्वपूर्ण घटकों के स्वदेशीकरण की प्रदर्शनी का भी दौरा किया। सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा कि हमें अपनी सुरक्षा के लिए देश में ही ड्रोन रोकने वाली तकनीकें बनानी और उस पर पैसा लगाना होगा। विदेशी तकनीकों पर निर्भर रहने से हमारी सेना कमजोर होती है। हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर में हमारे देश की बनाई ड्रोन रोकने वाली तकनीकों ने बहुत मदद की। पाकिस्तान ने ड्रोन भेजे, लेकिन वे न तो हमारे सैनिकों को नुकसान पहुंचा पाए और न ही हमारी नागरिक जगहों को। हमारी सेना ने उन्हें फिजिकल और इलेक्ट्रॉनिक दोनों तरीकों से नाकाम किया। ड्रोन तकनीक युद्ध में धीरे-धीरे बदलाव ला रही है, और सेना ने इसका अच्छा इस्तेमाल किया है। साथ ही, विदेश से आने वाले कई जरूरी हिस्सों को भारत में ही बनाना शुरू करना चाहिए, ताकि हम मजबूत बन सकें।

4 साल से फरार चोरी का आरोपी पुलिस ने ठियोग से किया गिरफ्तार

सोलन/अर्की: लंबे समय से पुलिस फरार चल रहे घोषित भगोड़े अपराधी को पकड़ने में बड़ी सफलता मिली है। पुलिस थाना अर्की की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर ठियोग क्षेत्र से गणेश उर्फ कमल गिरी (26), पुत्र राज कुमार, निवासी गांव एवं डाकघर ननंखड़ी, तहसील ननखड़ी, जिला शिमला को गिरफ्तार किया। यह आरोपी वर्ष 2021 से लगातार फरार चल रहा था और चोरी के मामलों में न्यायालय द्वारा भगोड़ा घोषित किया जा चुका था। पुलिस ने जानकारी दी कि गणेश के खिलाफ पुलिस थाना अर्की में मामला संख्या 25-01-2021 को दर्ज हुआ था। अदालत द्वारा बार-बार समन जारी करने के बावजूद आरोपी कोर्ट में पेश नहीं हो रहा था, जिस पर उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया था। जांच के दौरान यह भी सामने आया कि गणेश उर्फ कमल गिरी के खिलाफ दाड़लाघाट थाना में भी दो चोरी के मामले दर्ज हैं। इन मामलों में भी वह न्यायालय द्वारा भगोड़ा अपराधी घोषित किया गया था। अर्की पुलिस लगातार इस अपराधी की तलाश कर रही थी, जो अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार ठिकाने बदलता रहा। आखिरकार, ठियोग क्षेत्र में उसकी मौजूदगी की सूचना मिलते ही पुलिस ने दबिश देकर उसे गिरफ्तार कर लिया। अर्की पुलिस ने आरोपी को माननीय न्यायालय में पेश किया है।

210 ग्राम चरस के साथ दो युवक गिरफ्तार…

लाइव हिमाचल/कुनिहार: कुनिहार पुलिस ने बुधवार सुबह मादक पदार्थों की तस्करी की कोशिश को नाकाम करते हुए दो युवकों को 210 ग्राम चरस के साथ गिरफ्तार किया है।गश्त के दौरान पुलिस को गुप्त सूचना प्राप्त हुई कि अर्की की ओर से एक संदिग्ध मोटरसाइकिल (HP-64C-1436) पर दो युवक भारी मात्रा में चरस लेकर आ रहे हैं। सूचना मिलते ही पुलिस टीम ने तत्परता दिखाते हुए पुराना बस स्टैंड कुनिहार के पास नाकाबंदी की। कुछ समय बाद उक्त मोटरसाइकिल मौके पर पहुंची, जिसे तुरंत रोककर जांच की गई। तलाशी के दौरान मोटरसाइकिल पर सवार दोनों युवकों के पास से कुल 210 ग्राम चरस बरामद हुई। पूछताछ में  पहचान मुकेश (21) पुत्र सूरत सिंह, निवासी गांव काण्डी, डाकघर हरलोग, तहसील शिलाई और माधव खिदड़ी (22) पुत्र हेमन्त कुमार, निवासी छोटा चौक नाहन, जिला सिरमौर के रूप में हुई। दोनों आरोपियों को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया तथा उनके विरुद्ध पुलिस थाना कुनिहार में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने वारदात में प्रयुक्त मोटरसाइकिल को भी जब्त कर कब्जे में ले लिया है। थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपियों के आपराधिक रिकॉर्ड की जांच की जा रही है और यह भी पता लगाया जा रहा है कि वे मादक पदार्थ कहां से लाए और किसे सप्लाई करने जा रहे थे। गिरफ्तार दोनों आरोपियों को माननीय न्यायालय में पेश किया जा रहा है।

‘पाइपों में RDX भरकर धमाके करेंगे’, गोल्डन टेंपल को लगातार तीसरे दिन बम से उड़ाने की धमकी

पंजाब: अमृतसर के श्री हरिमंदिर साहिब को एक बार फिर बम से उड़ाने की धमकी वाला ईमेल आया है। लगातार तीसरे दिन ऐसी धमकी आई है। यह ईमेल एसजीपीसी के प्रबंधकों को भेजा गया है। जिसके बाद श्री हरिमंदिर साहिब परिसर और उसके आसपास पुलिस की ओर से सुरक्षा को पहले से और ज्यादा बढ़ा दिया गया है। इसके साथ ही अर्धसैनिक बल भी तैनात कर दिए गए हैं। जानकारी के मुताबिक एसजीपीसी को बुधवार को फिर से एक ईमेल प्राप्त हुआ, जिसमें लिखा हुआ था कि आसपास की पाइपों में आरडीएक्स भर दिया गया है और इसी के साथ धमाके किए जाएंगे। वहीं पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह ने कहा कि सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। साइबर सेल की ओर से ईमेल की जांच की जा रही है। जल्द ही इन शरारती तत्वों को दबोच लिया जाएगा। श्री हरिमंदिर साहिब को आने जाने वाले हर एक रास्ते पर सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है और लोगों पर नजर रखी जा रही है। इसके अलावा संदिग्ध लोगों के सामान आदि की भी जांच की जा रही है। धमकी के बाद श्री हरिमंदिर साहिब के आसपास पंजाब पुलिस के साथ-साथ बीएसएफ को भी तैनात किया गया। वहीं इसके अलावा पूरे इलाके में डॉग और बम स्क्वायड भी तैनात कर दिए गए है। पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने कहा कि ईमेल को ट्रेस करने की कोशिश की जा रही है। उनकी साइबर टीम इस काम में जुटी हुई है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सुरक्षा पहरा कड़ा कर दिया है। किसी भी सूरत में घबराने की जरूरत नहीं है।

जम्मू-कश्मीर को मिले राज्य का दर्जा, मानसून सत्र में लाएं कानून’, राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सरकार से संसद के आगामी मानसून सत्र में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए विधेयक लाने का अनुरोध किया है। राहुल गांधी ने यह पत्र बुधवार को भेजा, जिसमें उन्होंने सरकार से जम्मू-कश्मीर को एक बार फिर राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की। राहुल गांधी ने पत्र में कहा, “हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वह केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए संसद के आगामी मानसून सत्र में विधेयक लाए।” उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने कई बार जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस देने की सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया है। राहुल गांधी ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री मोदी के उन बयानों का हवाला भी दिया, जिनमें उन्होंने राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा किया था। 19 मई 2024 को भुवनेश्वर में दिए अपने साक्षात्कार और 19 सितंबर 2024 को श्रीनगर में रैली के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि सरकार राज्य का दर्जा बहाल करेगी। राहुल गांधी ने कहा कि यह पहली बार है जब किसी राज्य का दर्जा घटाकर केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों की राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को जायज बताया और कहा, “यह मांग उनके संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकारों पर आधारित है।” अगस्त 2019 में, मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था, जिससे जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को समाप्त कर दिया गया। इसके बाद जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों—जम्मू-कश्मीर और लद्दाख—में विभाजित कर दिया गया।

लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने का आग्रह

राहुल गांधी ने लद्दाख के मुद्दे पर भी सरकार से ध्यान देने की अपील की। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से अनुरोध किया कि लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने के लिए कानून लाया जाए। राहुल गांधी का कहना था कि यह कदम लद्दाख के लोगों की सांस्कृतिक, विकासात्मक और राजनीतिक आकांक्षाओं को पूरा करेगा और उनके अधिकारों, भूमि और पहचान की रक्षा करेगा। संविधान की छठी अनुसूची में असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिज़ोरम के जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन से संबंधित प्रावधान होते हैं। इस अनुसूची के तहत कुछ जनजातीय क्षेत्रों के लिए स्वायत्तशासी संस्थाओं का गठन किया जाता है, जो इन क्षेत्रों के प्रशासन का ध्यान रखते हैं। राहुल गांधी का यह पत्र जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों के अधिकारों को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की एक कोशिश है। उन्होंने दोनों क्षेत्रों के लिए संवैधानिक बदलाव की आवश्यकता को जोर देते हुए, प्रधानमंत्री से इन मुद्दों पर शीघ्र कार्यवाही की अपील की है।

Himachal Cement Rate: फिर महंगा हुआ सीमेंट, अब इतने रुपये में मिलेगा बैग

लाइव हिमाचल/सोलन: हिमाचल प्रदेश में सीमेंट की कीमतों में एक बार फिर बढ़ोतरी हुई है। बरसात के मौसम में एसीसी गोल्ड सीमेंट के दाम 10 रुपये बढ़ गए हैं, जबकि सामान्य सीमेंट की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। अब तक 490 रुपये में मिलने वाला एसीसी गोल्ड सीमेंट का एक बैग अब 500 रुपये में मिल रहा है। सामान्य सीमेंट का बैग 440 रुपये में मिल रहा है। जानकारी के अनुसार बरसात के मौसम में लोग एसीसी गोल्ड सीमेंट का अधिक इस्तेमाल करते हैं। इस सीमेंट का इस्तेमाल छत डालने से लेकर प्लास्टर तक के लिए किया जाता है। वहीं, दूसरी ओर जिले में 8 एमएम सरिया 6,200 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से उपलब्ध है। 12 एमएम सरिया 5,850 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से मिल रहा है। 16 एमएम 5,970, 10 एमएम 6,090 और 8 एमएम सीमेंट 6,200 रुपये प्रति क्विंटल की दर से मिल रहा है। 

एसपी सोलन ने गोद लिए सुल्तानपुर स्कूल का दौरा कर छात्रों से किया संवाद…

लाइव हिमाचल/सोलन : एसपी सोलन गौरव सिंह ने को रोकने में सहयोग करें। मंगलवार को अपने गोद लिए को बिना संकोच के पुलिस विभाग सुल्तानपुर सरकारी स्कूल का दौरा के साथ अपने विचार साझा करने किया। इस दौरान उन्होंने स्कूल के बारे भी प्रोत्साहित किया गया। साथ ही स्टूडेंट्स और टीचर्स से वन-टू-वन संवाद किया। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य युवा पीढ़ी को सकारात्मक गतिविधियों की
ओर प्रेरित करना है। उन्होंने कहा कि जिला पुलिस के सभी राजपत्रित अधिकारी अपने- अपने एडॉप्टेड स्कूल में लगातार
संवाद कर रहे हैं। सुल्तानपुर स्कूल को गोद लेकर नशीले पदार्थों के प्रति जागरूकता फैलाने और छात्र छात्राओं में
अकेडमिक्स, खेल कूद, एनसीसी, एनएसएस, स्वास्थ्य आदि के प्रति रुचि विकसित करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की गई है। इस पहल के तहत पुलिस विभाग की ओर से स्कूल प्रबंधन को नियमित रुप से जागरूकता  कार्यक्रम, सेमिनार साथ ही छात्रों को खेल और अन्य रचनात्मक गतिविधियों से जोड़कर उनके व्यक्तित्व विकास पर भी जोर देने को कहा। इस अवसर पर शिक्षकों
इस अभियान का उद्देश्य छात्रों से भी अपील की गई कि वे बच्चों को नशे के खिलाफ दृढ़ संकल्पित के व्यवहार पर नजर रखें और बनाना और उनको इस सामाजिक किसी भी प्रकार के नशे की लत बुराई से बचाना है।

प्रदेश में मॉनसून के 26 दिन, 106 लोगों की हुई मौत, 1050 घर टूटे और 850 करोड़ रुपये बहा ले गया ये सैलाब

शिमला : हिमाचल प्रदेश में मॉनसून सीजन के शुरुआती 26 दिनों में ही भारी नुकसान हुआ है. अब तक भयंकर तबाही देखने को मिली है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, इस सीजन में अब तक 106 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 189 लोग घायल हुए हैं. इसके अलावा, 35 लोग अब भी लापता हैं. इसमें 44 मौतें सड़क हादसे में हुई है. अब तक प्रदेश को 850 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है.

रिपोर्ट के अनुसार, बारिश और भूस्खलन से 384 घर पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके हैं, जबकि 666 मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है. 850 पशुशालाएं और 244 दुकानें भी पूरी तरह जमींदोज हो गई हैं. पशुधन की बात करें तो 1190 मवेशियों की मौत हो चुकी है, वहीं 21,500 पोल्ट्री पक्षी भी मारे गए हैं. मौसम के कहर के चलते  मंगलवार शाम तक प्रदेश में एक राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) सहित 257 सड़कों पर यातायात बंद हो गया है. 151 ट्रांसफार्मर ठप हो चुके हैं और जलापूर्ति की 171 परियोजनाएं भी प्रभावित हुई हैं. विभागीय नुकसान का आंकलन करें तो लोक निर्माण विभाग और जल शक्ति विभाग को अब तक 818 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है.राज्य सरकार स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और राहत एवं पुनर्वास कार्यों में तेजी लाई जा रही है. लगातार हो रही बारिश के कारण शिमला जिले के रामपुर के नाथपा बांध में जलस्तर तेजी से बढ़ गया है. जलस्तर अधिक होने के चलते एसजेवीएन द्वारा बांध से अतिरिक्त पानी सतलुज नदी में छोड़ा गया, जिससे नदी का जल-प्रवाह लगातार बढ़ता जा रहा है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एसजेवीएन और शिमला जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है. प्रशासन ने स्थानीय लोगों और पर्यटकों से सतलुज नदी के किनारे न जाने की अपील की है, साथ ही नदी से सुरक्षित दूरी बनाए रखने का आग्रह किया है. प्रशासन ने चेताया है कि अचानक जलस्तर बढ़ने से नदी में तेज बहाव हो सकता है, जिससे किसी भी प्रकार की अनहोनी की आशंका बनी रह सकती है।

CM सुक्खू ने की अमित शाह से मुलाकात, बोले- राज्य में भरी बारिश और बाढ़ से लगभग 1000 करोड़ रुपये का हुआ नुकसान

Himachal CM Sukhu meets Amit Shah: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और उन्हें अवगत कराया कि राज्य में अचानक आई बाढ़ और बादल फटने से लगभग 1000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जबकि मंसू अभी शुरू ही हुआ है। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार। उन्होंने बताया कि इस आपदा के दौरान बहुमूल्य जानें गयीं तथा सड़कें, पुल, भवन, सिंचाई योजनाएं, जलापूर्ति योजनाएं और बिजली आपूर्ति प्रणालियां सहित प्रमुख बुनियादी ढांचे पर गंभीर असर पड़ा। मुख्यमंत्री ने राहत एवं पुनर्बहाली कार्यों के लिए केन्द्र सरकार से उदार सहयोग का अनुरोध किया।

राज्य को पिछले तीन वर्षों में लगभग 21,000 करोड़ रुपये का हुआ नुकसान
उन्होंने आगे कहा कि 2023 से प्राकृतिक आपदाएं एक आवर्ती घटना बन गई हैं और विज्ञप्ति के अनुसार, राज्य को पिछले तीन वर्षों में लगभग 21,000 करोड़ रुपये का संचयी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष ( एनडीआरएफ ) के माध्यम से प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

मौजूदा मानदंडों में संशोधन करने का पुरजोर आग्रह किया
हालाँकि, ऐसी आपदाओं के बार-बार घटित होने के कारण, राज्य के लिए अपने सीमित संसाधनों के साथ पुनर्स्थापना कार्य करना और बुनियादी ढांचे का पुनर्निर्माण करना कठिन हो गया था। विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुख्यमंत्री सुखू ने कहा कि राज्य की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए राहत एवं पुनर्बहाली गतिविधियों की मंजूरी के संबंध में केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित मौजूदा दिशानिर्देश अपर्याप्त हैं।उन्होंने मौजूदा मानदंडों में संशोधन करने का पुरजोर आग्रह किया, विशेष रूप से वर्तमान सीमा को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने का, जिससे राज्य को राहत और बहाली के प्रयासों में महत्वपूर्ण सहायता मिलेगी। केंद्रीय गृह मंत्री ने मुख्यमंत्री को राज्य को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया।

कामधेनु की मूर्ति को घर में रखने के हैं इतने लाभ, जानकर आज ही खरीद लाएंगे आप

कामधेनु को हिंदू पौराणिक शास्त्रों में सुरभि, नंदिनी आदि नामों से भी पुकारा जाता है। कामधेनु वह दिव्य गाय हैं जो मनुष्य की समस्त इच्छाओं को पूरा कर सकती हैं। माना जाता है कि कामधेनु का प्राकट्य भी समुद्र मंथन से हुआ था। इसके बाद ऋषि-मुनियों के साथ कामधेनु का वास हुआ। शास्त्रों के अनुसार,कामधेनु के विभिन्न अंग कई देवी-देवताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसे में कामधेनु की मूर्ति को घर में रखने से कई शुभ लाभ आपको प्राप्त हो सकते हैं। आज इसी के बारे में हम आपको विस्तार से जानकारी देंगे।

कामधेनु की मूर्ति को घर में रखने के लाभ 

  • वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में कामधेनु की मूर्ति रखने से वास्तु से जुड़े दोष दूर होते हैं। घर में सकारात्मकता आती है और आपकी मनोकामनाओं को भी कामधेनु पूरा करती हैं।
  • अगर किसी दंपत्ति को संतान प्राप्ति में परेशानियां आ रही हैं तो वो कामधेनु (बछड़े के साथ) की मूर्ति घर में लगा सकते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने जल्द ही संतान की प्राप्ति होती है।
  • भौतिक सुख-संपदा प्राप्त करने के लिए भी आपको कामधेनु गाय घर में रखनी चाहिए। कामधेनु की मूर्ति घर में रखने से व्यवसाय और करियर के क्षेत्र में भी आप लाभ पाते हैं और आपकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है।
  • कामधेनु न केवल आपकी सांसारिक इच्छाओं को पूरा करती हैं बल्कि आध्यात्मिक जीवन में भी सफलता आप प्राप्त कर सकते हैं। कामधेनु की मूर्ति घर में रखने से धर्म और अध्यात्म में आपकी रुचि जागती है और आपको पारलौकिक अनुभव होते हैं।

कहां स्थापित करें कामधेनु की मूर्ति

वास्तु के अनुसार, कामधेनु की मूर्ति घर में रखने से आपको लाभ तभी होगा जब आप इसे सही दिशा में रखेंगे। कामधेनु की मूर्ति को घर में रखने की सबसे सही दिशा है उत्तर-पूर्व जिसे ईशान कोण भी कहा जाता है। इसके साथ ही जिस स्थान पर कामधेनु की मूर्ति रखें वहां हमेशा साफ सफाई करें। विशेष मौकों पर कामधेनु को गंगाजल से स्नान भी आपको करवाना चाहिए। इन बातों का अगर आप ध्यान रखते हैं तो कामधेनु आपकी समस्त इच्छाओं को पूरा करती हैं।

कैसी होनी चाहिए मूर्ति

वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर में पीतल, तांबा, चांदी या सोने से बनी कामधेनु गाय की मूर्ति रखना अधिक शुभ माना जाता है। इसके अलावा आप  संगमरमर या मिट्टी से बनी मूर्ति भी अपने घर में रख सकते हैं। इस बात का खास ख्याल रखें कि मूर्ति में बछड़ा भी जरूर होना चाहिए। आप चाहें तो घर में कामधेनु की तस्वीर भी लगा सकते हैं।

रखें इन बातों का ध्यान

अगर आपके घर में कामधेनु की मूर्ति विराजमान है, तो आपको कुछ नियमों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। मूर्ति पर कभी भी धूल न जमने दें और न ही उसे गंदा होने दें। आर चाहें, तो नियमित रूप से इस मूर्ति की साफ-सफाई भी कर सकते हैं। इसके लिए कामधेनु की मूर्ति को गंगाजल से धोकर और फूल, अक्षत और धूप-दीप से सजाकर इसकी पूजा करें। अगर आप इन सभी नियमों का पालन करते हुए अपने घर में कामधेनु की मूर्ति स्थापित करते हैं, तो आपको इसके कई लाभ देखने को मिल सकते हैं।