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प्रदेश में मॉनसून के 26 दिन, 106 लोगों की हुई मौत, 1050 घर टूटे और 850 करोड़ रुपये बहा ले गया ये सैलाब

शिमला : हिमाचल प्रदेश में मॉनसून सीजन के शुरुआती 26 दिनों में ही भारी नुकसान हुआ है. अब तक भयंकर तबाही देखने को मिली है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, इस सीजन में अब तक 106 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 189 लोग घायल हुए हैं. इसके अलावा, 35 लोग अब भी लापता हैं. इसमें 44 मौतें सड़क हादसे में हुई है. अब तक प्रदेश को 850 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है.

रिपोर्ट के अनुसार, बारिश और भूस्खलन से 384 घर पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके हैं, जबकि 666 मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है. 850 पशुशालाएं और 244 दुकानें भी पूरी तरह जमींदोज हो गई हैं. पशुधन की बात करें तो 1190 मवेशियों की मौत हो चुकी है, वहीं 21,500 पोल्ट्री पक्षी भी मारे गए हैं. मौसम के कहर के चलते  मंगलवार शाम तक प्रदेश में एक राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) सहित 257 सड़कों पर यातायात बंद हो गया है. 151 ट्रांसफार्मर ठप हो चुके हैं और जलापूर्ति की 171 परियोजनाएं भी प्रभावित हुई हैं. विभागीय नुकसान का आंकलन करें तो लोक निर्माण विभाग और जल शक्ति विभाग को अब तक 818 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है.राज्य सरकार स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और राहत एवं पुनर्वास कार्यों में तेजी लाई जा रही है. लगातार हो रही बारिश के कारण शिमला जिले के रामपुर के नाथपा बांध में जलस्तर तेजी से बढ़ गया है. जलस्तर अधिक होने के चलते एसजेवीएन द्वारा बांध से अतिरिक्त पानी सतलुज नदी में छोड़ा गया, जिससे नदी का जल-प्रवाह लगातार बढ़ता जा रहा है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एसजेवीएन और शिमला जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है. प्रशासन ने स्थानीय लोगों और पर्यटकों से सतलुज नदी के किनारे न जाने की अपील की है, साथ ही नदी से सुरक्षित दूरी बनाए रखने का आग्रह किया है. प्रशासन ने चेताया है कि अचानक जलस्तर बढ़ने से नदी में तेज बहाव हो सकता है, जिससे किसी भी प्रकार की अनहोनी की आशंका बनी रह सकती है।

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