हिमाचल में 14 अध्यापकों को मिला राज्य स्तरीय शिक्षक अवार्ड

शिमला : शिक्षक दिवस पर हिमाचल प्रदेश के 14 शिक्षकों को राज्यस्तरीय शिक्षक अवार्ड से सम्मानित किया गया। राजभवन शिमला में आयोजित राज्य स्तरीय शिक्षक समारोह में इन शिक्षकों को सम्मानित किया गया। इस वर्ष राज्य स्तरीय शिक्षक अवार्ड के लिए प्रदेश भर से 40 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिन्हें शिक्षा विभाग की राज्य स्तरीय कमेटी ने जांच के बाद विभिन्न मापदंडों को ध्यान में रखते हुए 13 शिक्षकों के नाम अवार्ड के लिए फाइनल किए हैं। एक नाम आज सुबह ही सूची में शामिल किया गया यानी कुल 14 शिक्षकों को राज्यपाल ने स्टेट अवार्ड देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर बीते वर्ष के दो राष्ट्रीय सम्मान पा चुके शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया।

शिक्षक दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने बताया कि हिमाचल शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य है और शिक्षा में गुणवत्ता लाने का प्रयास सरकार कर रही है। सरकारी स्कूलों ढांचा का मजबूत हो। इसके लिए और अधिक कार्य करने की जरूरत है।

इस दौरान शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर भी सम्मान समारोह में मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि हिमाचल में शिक्षा के क्षेत्र को मजबूत करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए है। शिक्षकों की भर्ती करने के अलावा कम बच्चों वाले स्कूल बन्द किए है। सरकारी स्कूलों में कम होती शिक्षकों व बच्चों की संख्या के सवाल पर उन्होंने कहा की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करेंगे, जिससे भविष्य में सुधार हो ।

उधर, सम्मान पाने वाले शिक्षकों ने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि एक शिक्षक के लिए इससे बेहतर क्या हो सकता है कि शिक्षक दिवस पर उसके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मान मिले। इन सम्मान पाने वाले शिक्षकों ने स्कूलों में बच्चों के साथ जुड़कर शिक्षा को आगे बढ़ाने के साथ साथ कोरोना काल में लोगों को जागरूक भी किया और बेहतर परिणाम भी लाए।

अजब गजब हुआ मौसम : शिमला और कुल्लू में ओलावृष्टि, मंडी में तूफान, धर्मशाला में हुई बारिश…

शिमला : हिमाचल प्रदेश में येलो अलर्ट के बीच मौसम बदला है. बीते 12 घंटे में प्रदेश के कई इलाकों में आंधी, तूफान, बारिश और ओले गिरे. लगातार 4-5 दिन धूप खिलने के बाद सोमवार शाम को प्रदेश के कुछ जिलों में मौसम बदला और बारिश हुई. शिमला, मंडी, धर्मशाला और कुल्लू में बारिश के … Read more

प्रदेश की ऊंची चोटियों पर ताजा हिमपात,समूचा प्रदेश ठंड की चपेट में

शिमला : प्रदेश में इस बार मौसम रंग बदल रहा है। प्रदेश में कहीं बारिश तो कहीं ओलावृष्टि व हिमपात का समाचार है। बीते कल प्रदेश की ऊंची चोटियों पर ताजा हिमपात हुआ है। बीते चौबीस घंटे में हिमाचल प्रदेश के शिमला, मंडी, कुल्लू, चंबा, कांगड़ा में बारिश और बर्फबारी हुई है।जिससे समूचा प्रदेश ठंड … Read more

Bypolls Election 2023 Live: यूपी-बंगाल समेत 6 राज्यों की 7 विधानसभा सीटों पर वोटिंग जारी, जानें उपचुनाव में अबतक कितनी हुई वोटिंग

Assembly Bypoll Election 2023 Live: 6 राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए आज मतदान हो रहा है. इसमें उत्तर प्रदेश के घोसी और पश्चिम बंगाल की धूपगुड़ी सीट भी शामिल है. पढ़िए हर लाइव अपडेट.

झारखंड की डुमरी विधानसभा सीट के सभी बूथों पर उपचुनाव के लिए शांतिपूर्वक वोटिंग हो रही है. दोपहर 1 बजे तक यहां 43.55 फीसदी मतदान हो चुका है.

Ghosi Bypoll 2023: बीजेपी प्रत्याक्षी का दावा- 2024 में हम यूपी में जीतेंगे 80 सीटघोसी सीट पर बीजेपी उम्मीदवार दारा संह चौहान ने कहा, भाजपा भारी बहुमत से जीत रही है. 2024 लोकसभा चुनाव में हम लोग यूपी में 80 सीट जीतेंगे.

Jharkhand Bypolls 2023: डुमरी सीट पर 11 बजे तक कितनी वोटिंग?झारखंड की डुमरी विधानसभा सीट पर सुबह 11 बजे तक मतदान का प्रतिशत 27.56 रहा.

Uttarakhand Bypolls 2023: बागेश्वर सीट पर 11 बजे तक कितनी वोटिंग?उत्तराखंड की बागेश्वर सीट पर सुबह 11 बजे तक 22.94 फीसदी मतदान हुआ.

Ghosi Bypoll 2023: घोसी सीट पर 11 बजे तक कितनी वोटिंग?यूपी के विधानसभा क्षेत्र घोसी में सुबह 11 बजे तक 21.5 फीसदी मतदान हुआ है.

Ghosi Bypoll 2023: सपा नेता रामगोपाल बोले- वोट डालने से मुस्लिम को नहीं रोका तो जीत हमारी होगीसपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा, घोसी में अगर मुस्लिम को वोट डालने से नहीं रोका गया तो समाजवादी पार्टी बहुमत से जीतेगी. घोसी में हमलोग जीत रहे हैं. यूपी सरकार से लोगों में घोर निराशा है. यूपी में जनता को लूट जा रहा है.

Uttarakhand Bypolls 2023: बागेश्वर सीट पर अबतक 10.2 फीसदी वोटिंगउत्तराखंड की बागेश्वर सीट पर सुबह 9 बजे तक 10.2 फीसदी मतदान हुआ.

Jharkhand Bypolls 2023: डुमरी सीट पर 9 बजे तक 11.40 फीसदी मतदानझारखंड की डुमरी विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान सुबह 7 से जारी है. यहां 9 बजे तक हुए मतदान का प्रतिशत 11.40 रहा.

Ghosi Bypoll 2023: घोसी विधानसभा सीट पर 9 बजे तक मतदान प्रतिशतयूपी की घोसी विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए वोटिंग जारी है. यहां सुबह 9 बजे तक 9.12 फीसदी मतदान हुआ है.

Ghosi Bypoll 2023: सपा प्रत्याशी ने बीजेपी उम्मीदवार दारा सिंह चौहान पर लगाए गंभीर आरोपयूपी की घोसी विधानसभा उपचुनाव में सपा से सुधाकर सिंह और बीजेपी से दारा सिंह चौहान प्रत्याशी हैं. सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह ने दादनपुर प्राथमिक विद्यालय जाकर वोट डाला. मतदान करने के बाद प्रशासन सहित बीजेपी के प्रत्याशी दारा सिंह चौहान पर गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने कहा, प्रशासन समाजवादी पार्टी के वोटर्स को परेशान कर रहा है. दारा सिंह चौहान के साथी खुलेआम पैसा बांट रहे हैं. चुनाव को प्रभावित कर रहे हैं फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

Kerala Bypolls 2023: यूडीएफ के कांग्रेस उम्मीदवार ने डाला वोटकेरल में यूडीएफ के कांग्रेस उम्मीदवार चांडी ओमन ने पुथुपल्ली उपचुनाव के लिए अपना वोट डाला. केरल की पुथुपल्ली विधानसभा सीट पर कांग्रेस और लेफ्ट दोनों आमने सामने हैं.

Bypolls 2023: धुपगुड़ी सीट पर कांग्रेस और लेफ्ट का गठबंधनपश्चिम बंगाल की धुपगुड़ी विधानसभा सीट पर कांग्रेस और लेफ्ट का गठबंधन है. टीएमसी और बीजेपी से दो दो हाथ कर रहे हैं. यहां कांग्रेस ने नहीं बल्कि लेफ्ट ने उम्मीदवार खड़ा किया है.

Bypolls 2023: कहां-कहां हो रहे उपचुनावविपक्षी गठबंधन उत्तर प्रदेश की घोसी सीट, झारखंड की डुमरी, त्रिपुरा की धनपुर और बॉक्सनगर और उत्तराखंड की बागेश्वर सीट पर संयुक्त रूप से मुकाबला कर रहा है जबकि पश्चिम बंगाल के धुपगुड़ी और केरल के पुथुपल्ली में गठबंधन के घटक ही एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.

Bypolls Result 2023: इंडिया गठबंधन की पहली चुनावी परीक्षा आजविपक्षी गठबंधन इंडिया की पहली चुनावी परीक्षा आज है. आज 6 राज्यों की 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान होना है. यूपी की घोसी सीट पर बीजेपी और समाजवादी पार्टी सीट की सीधी टक्कर है. 8 सितंबर को चुनावी नतीजे आएंगे.

सरकार ने बदले ट्रांसफर नियम अब इतने दिनों में करनी होगी जॉइनिंग

शिमला : प्रदेश सरकार ने अधिकारियों के ट्रांसफर और तैनाती के संबंध में केंद्रीय सिविल सेवा (नियुक्ति समय) के नियम 1979 में संशोधन किया है। राज्य के कार्मिक विभाग ने सोमवार देर शाम इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। इसमें कहा गया है कि 30 किमी या उससे कम ट्रांसफर होने पर एक दिन और 30 किमी से ज्यादा दूरी पर ट्रांसफर होने पर पांच दिन में नियुक्ति देनी होगी। विभाग ने अनुबंध पर तैनात कर्मचारियों के मामले में इससे पहले 31 जुलाई को आदेश जारी किए थे।

अधिसूचना में कहा गया है कि नियमों में बदलाव इस बात को ध्यान में रखकर लिया गया है कि ट्रांसफर होने पर सक्षम प्राधिकारी संबंधित अधिकारी या कर्मचारी को निर्धारित समय पर रिलीव करने में देरी कर रहे हैं। ऐसे में संबंधित प्राधिकर्ता से उम्मीद जताई गई है कि वे तबादलों के आदेश में तत्परता से कार्रवाई करेंगे और रिलीव करने की समयसीमा 2 दिन से ज्यादा नहीं होगी। यह उन मामलों में लागू होगा, जहां प्रभार का अंतरण करने की जरूरत न हो। उन मामलों में जहां प्रभार का अंतरण करना जरूरी हो, वहां संबंधित अधिकारी को पांच दिन में रिलीव कर दिया जाएगा। अगर इस समयसीमा में अधिकारी को रिलीव नहीं किया गया तो उन्हें स्वत: ही कार्यमुक्त मान लिया जाएगा।

सीएम की अध्यक्षता में 14 सितंबर को होगी मंत्रिमंडल की बैठक

शिमला : मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू की अध्यक्षता में 14 सितंबर को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक होगी। इस बैठक आपदा के कारण प्रदेश में उपजे ताजा हालात और विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर चर्चा होगी।सूचना के अनुसार, कैबिनेट में स्वास्थ्य, शिक्षा, वन सहित दूसरे विभागों में भर्तियों के मामले मंजूरी के लिए लाए जा सकते हैं। संभव है कि नए चयन आयोग को भी मंजूरी के लिए कैबिनेट में लाया जाए, क्योंकि प्रदेश में आठ महीने से भर्तियां लटकी हुई है। इससे युवाओं में सरकार के प्रति रोष पनपता जा रहा है। ऐसे में संभव है कि कैबिनेट में नई भर्ती आयोग को मंजूरी दिलाई जाए। कैबिनेट में विधानसभा में विपक्ष के हमलों का किस तरह जवाब दिया जाए, इसे लेकर भी चर्चा होगी। लोकसभा चुनाव से पहले हो रहा मानसून सत्र इस सरकार की दशा व दिशा तय करेगा। इसलिए सुक्खू कैबिनेट में इसे लेकर चर्चा होगी। इसी तरह मंत्रिमंडल बैठक में भारी बारिश से हुई तबाही के बाद राहत एवं पुनर्वास कार्य को लेकर चर्चा की जाएगी। इसमें सरकार भविष्य में बरसात के दौरान होने वाले नुकसान को कम करने के लिए बनाई जा रही योजना पर चर्चा करेगी।

सिरमौर के “विकेश तोमर” ने एक लाख देकर की आपदा प्रभावितों की मदद

पांवटा साहिब : हिमाचल प्रदेश सहित उत्तराखंड में भी मानसून की बारिश आफत बनकर बरसी है। जिसमें आम जनजीवन को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। भूस्खलन से कईं घर तबाह हो गए है तो कुछ खतरे की जद में है, जिससे लोगों को अपने घरों को छोड़ सुरक्षित स्थानों पर रहना पड़ रहा है। ऐसे में लोग एक-दूसरे की मदद कर इंसानियत की मिसाल पेश कर रहे है।

सिरमौर जिला के पांवटा साहिब के रहने वाले विकेश तोमर ने भी कुछ ऐसा कर इंसानियत की मिसाल पेश की है। उत्तराखंड के दूर-दराज गांव जाखल में लगभग 15 दिन पहले भूस्खलन हुआ और अचानक घर में दरारें आने लगी व जमीन धंसने लगी। ग्रामीणों की मानें तो 15 से 20 मिनट के भीतर मकान इतने धंस गए कि अब वे रहने लायक नहीं बचे। गांव के लोग तुरंत वहां से भागे। गनीमत यह रही कि गांव में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है। 28 परिवार इस भूस्खलन से प्रभावित हुए हैं, जोकि अब तक पास के प्राइमरी स्कूल में रह रहे है।

सूचना मिलते ही जिला सिरमौर के पांवटा के गांव किल्लोड के रहने वाले विकेश तोमर ग्रामीणों की मदद के लिए तुरंत गांव पहुंचे और वहां जाकर उनका हाल जाना। इस दौरान विकेश ने  ग्रामीणों को एक लाख की आर्थिक मदद दी। आश्वासन भी दिया कि किसी भी प्रकार की कोई परेशानी हो तो वे उनके साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति का सामना केवल एक दूसरे की मदद करके ही किया जा सकता है।

बता दें कि विकेश तोमर गांव कलाथा, आँजभोज, तहसील पांवटा साहिब के रहने वाले हैं। समाजसेवी के साथ-साथ वे व्यवसाई भी हैं। वे पूर्व में भाजपा जिला संयोजक आईटी विभाग सिरमौर, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य आईटी विभाग और सोलन के प्रभारी आईटी विभाग में रहे हैं।

लाहौल की नेहा ने की नर्सिंग में PHD, विशेष स्तनपान के बारे में महिलाओं को देंगी जानकारी

क़ुल्लू : जिला लाहौल स्पीति के उदयपुर तहसील के तिंदी के बरोर गांव की रहने वाली नेहा ठाकुर ने नर्सिंग में पीएचडी की डिग्री हासिल की है। नेहा ठाकुर इन दिनों जिला कुल्लू के शमशी में रह रही है और उन्होंने अपने शोध पत्र में महिलाओं को विशेष स्तनपान के बारे में जागरूक किया है ताकि महिलाएं अपने नवजात शिशु को सही तरीके से स्तनपान करवा सके। नेहा ठाकुर ने यह डिग्री जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी से स्त्री रोग विभाग से हासिल की है। नेहा ठाकुर ने बताया कि अपने शोध में उन्होंने जिला कुल्लू के विभिन्न ग्रामीण इलाकों को चुना। जहां महिलाओं में आज भी नवजात शिशु को स्तनपान करवाने के बारे में कई भ्रामक जानकारी थी। ऐसे में उन्होंने विशेष स्तनपान के अभ्यास में माताओं की जैविक शैली, नवजात शिशु कारक, जैविक, मनोविज्ञानी, सामाजिक, व्यक्तिगत कारक या मिथक कारक के प्रति शोध किया और पता चला कि आज भी ग्रामीण इलाकों में महिलाओं को स्तनपान के बारे में कोई खास जानकारी नहीं है।

वहीं, अपने शोध में उन्होंने पाया कि विशेष स्तनपान के बारे में जानकारी महिलाओं को प्रसव से पहले दी जानी चाहिए। ताकि प्रसवोत्तर अवधि में जानकारी को अपने जीवन शैली में उतार सके। शोध के दौरान डॉ नेहा ठाकुर ने गांव-गांव जाकर महिलाओं को जागरूक किया तथा माताओं को स्तनपान के बारे में बताया। महिलाओं को यह जानकारी दी गई कि कैसे और कब तक शिशु को स्तनपान करवाएं और शिशु या माता के लिए इसके क्या-क्या लाभ है।

डॉ नेहा ठाकुर ने बताया कि इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के द्वारा इस विषय को लेकर कई सवाल भी पूछे गए। जिसका सही उत्तर के साथ निवारण किया गया। डॉ नेहा ठाकुर ने बताया कि उन्हें अपने पिता जय चंद ठाकुर का काफी सहयोग मिला और अपने अन्य शिक्षकों की मदद से आज वो इस मुकाम को हासिल कर पाई है।

Teacher’s Day 2023: आखिर 5 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस ? जानिए इसका इतिहास

Teacher’s Day 2023: आज 5 सितंबर को देश में हर साल शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। ये दिन देश के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति, विद्वान, दार्शनिक व भारत रत्न से सम्मानित डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को समर्पित है। जानकारी दे दें कि राधाकृष्णन का जन्म इसी दिन 1888 में हुआ था। इस दिन हर साल स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। छात्र अपने प्रिय शिक्षकों के प्रति अपनी प्रेम व्यक्त करने के लिए कई तरह के कार्यक्रम का भी आयोजन करते हैं।

छात्रों के लिए उत्सव का दिन

ये दिन छात्रों के लिए उत्सव का दिन होता है। इस दिन बच्चे अपने टीचर्स को गिफ्ट, चॉकलेट और मिठाइयां व अन्य तरह की ग्रीटिंग भी देते हैं। साथ ही छात्र स्कूलों और कॉलेजों में अपने शिक्षकों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करते हैं।

किसी भी समाज में शिक्षकों का स्थान बहुत ऊंचा है. भारतीय परंपरा में गुरु को भगवान से भी बड़ा कहा गया है. किसी का शिक्षित होना एक पीढ़ी का शिक्षित होना है. इसलिए शिक्षक को हमारे देश में बहुत महत्वपूर्ण स्थान दिया जाता है. देश भर में शिक्षको सम्मान देने के लिए वर्ष में एक दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह दिन 5 सितंबर होता है. सन 1962 से हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है. महान शिक्षक एवं दार्शनिक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का 5 सितंबर को जन्मदिन होने के कारण यह निर्णय किया गया था. शिक्षक दिवस की प्रेरणा भले ही सिर्फ डॉ. राधाकृष्णन हों,लेकिन देश के हर शिक्षक के सम्मान में मनाया जाता है.

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षक, दार्शनिक, राजनयिक और राजनेता थे. वह हमारे देश के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे. दरअसल 13 मई, 1962 को जब वह राष्टर्पति बने तो उनके छात्रों ने बड़े स्तर पर उनका जन्‍मदिन मनाने की स्वीकृति मांगी. इस पर राधाकृष्णन ने कहा कि अगर वे इस दिन को देशभर के शिक्षकों के सम्मान में शिक्षक दिवस के रूप में मनाएं तो मुझे गर्व होगा. इस तरह देशभर में पहली बार 5 सितंबर 1962 में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के अवसर पर शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत हुई.

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का प्रारम्भिक जीवन

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितम्बर 1888 को मद्रास प्रेसीडेन्सी के चित्तूर जिले के तिरूत्तनी ग्राम के एक तेलुगुभाषी ब्राह्मण परिवार में  हुआ था. राधाकृष्णन के पुरखे पहले कभी ‘सर्वेपल्ली’ नामक ग्राम में रहते थे और 18वीं शताब्दी के मध्य में उन्होंने तिरूतनी ग्राम की ओर निष्क्रमण किया था. परिवार निर्धन था लेकिन परिवार में विद्या का महत्व था. उनके पिता राजस्व विभाग में काम करते थे. परिवार बड़ा था. इसलिए सीनित आय में घर चलाने में परेशानी होती थी.

प्रारम्भिक शिक्षा गांव में पूरी करने के बाद उन्होंने 1902 में मैट्रिक स्तर की परीक्षा उत्तीर्ण की और उन्हें छात्रवृत्ति भी प्राप्त हुई. दर्शनशास्त्र में एमए करने के पश्चात् 1918 में वे मैसूर महाविद्यालय में दर्शनशास्त्र के सहायक प्राध्यापक नियुक्त हुए. बाद में उसी कॉलेज में वे प्राध्यापक भी रहे. डॉ. राधाकृष्णन ने अपने लेखों और भाषणों के माध्यम से विश्व को भारतीय दर्शन शास्त्र से परिचित कराया. डॉ. राधाकृष्णन को सन् 1954 में भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया था.

VIDEO: सतलुज नदी में तूफान की चपेट में आई स्टीमबोट, बाल-बाल बची 40 लोगों की जान

मंडी : हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में स्टीमबोट पर सवार 40 लोगों की जान उस वक्त अटक गई, जब सतलुज नदी में कौल डैम जलाशय के बीच में तूफान आ गया और स्टीमबोट हिचकोले खाने लग गई.  जैसे-तैसे यह स्टीमबोट किनारे पर लगी और लोगों ने फटाफट कूदकर अपनी जान बचाई. स्टीमबोट पर स्कूली बच्चे भी सवार थे. मामला सोमवार शाम सुंदरनगर उपमंडल के तहत आने वाले ऐहन गांव का है.

दरअसल, यहां बीते 15 दिन से सलापड़-ततापानी सड़क बंद है, जिस कारण लोगों को आने-जाने के लिए स्टीमबोट का सहारा लेना पड़ रहा है. शाम को जब यह स्टीमबोट क्यान से ऐहन गांव की तरफ जाने लगी तो अंतिम बोट होने के कारण लोग भी इसमें दनादन चढ़ गए. ध्वाल और हरनोड़ा स्कूलों के बच्चों सहित 40 लोग इसमें सवार हो गए.

जैसे ही स्टीमबोट मंझधार में पहुंची तो अचानक तूफान आ गया. बोट हिचकोले खाने लग गई. इतने में कोलडैम प्रबंधन की एक बड़ी स्टीमबोट यहां से गुजरी और उस कारण पानी में बड़ी-बड़ी लहरें उठ गई जिससे बोट और ज्यादा हिचकोले खाने लग गई. बोट चालक ने सूझबूझ दिखाकर कड़ी मशक्कत के बाद हिचकोले खाती हुई बोट को किनारे तक ला पाने में कामयाब हो गया. जैसे ही लोग सतलुज नदी के तट पर पहुंचे तो उन्होंने कूदकर अपनी जान बचा ली और बोट से सुरक्षित उतर गए. इसका एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें देखा जा सकता है कि लोग कैसे बोट छोड़कर भाग रहे हैं और दोबारा बोट में न जाने की बात कह रहे हैं.

कोलडैम वाटरवेज एंड टूरिज्म डेवलेपमेंट सोसायटी के सचिव हंसराज ने बताया कि 15-20 दिन से सलापड़-तत्तापानी सड़क मार्ग बारिश के कारण बंद पड़ा हुआ है. इस कारण सोसायटी द्वारा लोगों और स्कूली बच्चों को आने-जाने के लिए मुफ्त बोट सेवा दी जा रही है. क्षेत्र के लोगों द्वारा बार-बार शासन और प्रशासन से सड़क मार्ग को खोले के लिए मांग करने के बावजूद भी आज दिन तक सड़क मार्ग को खोल नहीं जा सका है. इन्होंने डीसी मंडी को भी सड़क मार्ग खोलने तक अन्य बोट का इंतजाम करने की मांग की है.