दुर्गम क्षेत्रों में आपदा प्रभावितों की सहायता के लिए ड्रोन तकनीक का होगा उपयोग : डाॅ. शांडिल

– शामती में अभी तक लगभग 65 लाख रुपये की राशि प्रदान

सोलन : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोज़गार मंत्री कर्नल डाॅ. धनीराम शांडिल ने कहा कि भारी वर्षा से प्रभावित व्यक्तियों का उचित पुनर्वास करने के लिए प्रदेश सरकार युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रभावितों को समय पर राहत प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देशानुसार दिन-रात कार्य किया जा रहा है। डाॅ. शांडिल गत सांय सोलन के शामती में भारी वर्षा से प्रभावित व्यक्तियों को राहत राशि एवं राशन किट प्रदान कर रहे थे।

डाॅ. शांडिल ने इस अवसर पर शामती में भारी वर्षा से प्रभावित परिवारों को प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित राशि के अनुसार लगभग 27.50 लाख रुपये की राशि वितरित की।

उन्होंने कहा कि शामती में अभी तक 105 प्रभावित परिवारों को 65 लाख रुपये से अधिक की राहत राशि वितरित की गई है। उन्होंने कहा कि इसमें से 60 परिवारों को पूर्व में भी लगभग 37 लाख रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि सोलन ज़िला में अभी तक आपदा प्रभावित परिवारों को 1.18 करोड़ रुपये से अधिक की राहत राशि प्रदान की गई है।

डाॅ. शांडिल ने कहा कि ज़िला में भारी वर्षा के कारण हुए नुकसान का पूरा आकलन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा प्रभावितों को यथा सम्भव सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि दुर्गम क्षेत्रों में भारी वर्षा से हुए नुकसान का आकलन करने और प्रभावित क्षेत्रों को सहायता पहुंचाने के लिए ड्रोन तकनीक का उपयोग किया जाएगा।

इस अवसर पर जोगिन्द्रा सहकारी बैंक के अध्यक्ष मुकेश शर्मा, नगर निगम सोलन के पार्षद सरदार सिंह ठाकुर, नगर निगम सोलन के मनोनीत पार्षद रजत थापा, ग्राम पंचायत शामती की प्रधान जयवंती, खण्ड कांग्रेस समिति सोलन के अध्यक्ष संजीव ठाकुर, शहरी कांग्रेस समिति के अध्यक्ष अंकुश सूद, उपमण्डलाधिकारी सोलन कविता ठाकुर, पुलिस उपाधीक्षक अनिल धोल्टा, तहसीलदार सोलन मुल्तान सिंह बनियाल, रोगी कल्याण समिति के सदस्य विनेश धीर सहित अन्य गणमान्य तथा विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

हिमाचल में बारिश से हुए नुकसान की रिपोर्ट केंद्रीय टीम के समक्ष रखेगी सरकार : उप मुख्यमंत्री

सुंदरनगर : हिमाचल प्रदेश में त्रासदी (Disaster) से हुए नुकसान के आकलन के लिए केंद्रीय सर्वेक्षण टीम प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए पहुंच गई हैं। प्रदेश सरकार बाढ़ से सूबे में हुए नुकसान की रिपोर्ट केंद्रीय टीम (central team) के समक्ष रखेगी। केंद्र सरकार से राहत कार्यों के लिए प्रदेश को अधिक से अधिक आर्थिक सहायता की मांग की जाएगी। यह बात बुधवार को डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने अपने एक दिवसीय मंडी दौरे के दौरान सुंदरनगर में मीडिया से औपचारिक बातचीत के दौरान कही। वहीं मुकेश अग्निहोत्री ने केंद्रीय सर्वेक्षण टीम के साथ बैठक कर प्रदेश में हुए नुकसान की स्थिति से भी अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आई त्रासदी के कारण कुल्लू व मनाली (Kullu-Manali) में बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बाढ़ के कारण सूबे में हुए नुकसान की पूरी जानकारी केंद्र सरकार को दे दी है। केंद्र सरकार से बार-बार राहत और पुनर्वास को लेकर सहायता करने की मांग कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की केंद्र सरकार की सर्वेक्षण टीम के वापस लौटने के बाद उनकी अनुशंसा की जानकारी भी ली जाएगी।

डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में मौसम ठीक होने पर शिमला-मंडी सड़क मार्ग पर बहे मुख्य पुल का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुल निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग के मंत्री (PWD Minister) से भी बात की जाएगी। इसके साथ ठियोग क्षेत्र में वैकल्पिक वैली ब्रीज को फिर से बनाने को लेकर कार्य शुरू करेगी।

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में आगामी दिनों में सेब का सीजन भी शुरू होने वाला है। इसलिए इन मार्गों को जल्द से जल्द शुरू करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मंडी-कुल्लू सड़क मार्ग पर आए हुए मलबे को साफ करने के लिए भी एनएचएआई (NHAI) के साथ बैठक कर कार्य शुरू कर दिया है।

शिमला : बिना अधिग्रहण किए नहीं बनाई जा सकती सड़क…

शिमला : हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि बिना भूमि अधिग्रहण किए किसी व्यक्ति की भूमि को सड़क के लिए प्रयोग नहीं किया जा सकता। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने लक्ष्मण सिंह की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि भूमि मालिक जमीन से जाने वाले मार्ग को कानूनी तौर पर रोक सकता है।
कोर्ट ने कहा कि सरकार व ग्रामवासी निजी भूमि के मालिक को सड़क बनाने के लिए बिना कानूनन अधिग्रहण किए बाध्य भी नहीं कर सकते। मामले के अनुसार बिलासपुर जिला के तहत अपर भगेड़ से कल्लर सारटी सड़क निर्माण में बाधा पहुंचाने को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। गौरतलब है कि कोर्ट को यह बताया गया था कि सरकार ने प्रदेश में संपर्क मार्ग और एंबुलेंस सड़क निर्माण का निर्णय लिया था।बिलासपुर जिला की 10 सड़कों में से इस सड़क का निर्माण प्रस्तावित किया था। सरकार ने इस सड़क के निर्माण के लिए 34.60 लाख रुपये इस शर्त के साथ स्वीकृत किए थे कि स्थानीय लोगों को निशुल्क भूमि देनी होगी। सभी ग्रामवासियों ने भूमि लोक निर्माण विभाग के नाम कर दी। प्रतिवादियों ने भी भूमि लोक निर्माण विभाग के नाम कर दी थी लेकिन सड़क का निर्माण उस भूमि पर नहीं किया गया।
जिस भूमि से सड़क निकाली गई उसे प्रतिवादियों ने दान नहीं किया था। इसकी वजह से प्रतिवादी ने सड़क निर्माण में बाधा डाल दी। कोर्ट ने पुलिस विभाग उपायुक्त और उपमंडलाधिकारी नागरिक की रिपोर्ट का अवलोकन करने पर पाया कि याचिकाकर्ता बिना किसी अधिकार के प्रतिवादियों की भूमि को सड़क बनाने के लिए इस्तेमाल करना चाहता है। कोर्ट ने याचिका को आधारहीन और न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग पाते हुए खारिज कर दिया।

बिलासपुर : रातों-रात स्थापित दो बड़ी दुकानों को नगर परिषद ने किया ध्वस्त

बिलासपुर : जनपद के डियारा सेक्टर में मंगलवार को नगर प्रशासन ने दो दुकानों को जेसीबी लगाकर ध्वस्त कर दिया है। जानकारी के अनुसार शाम के समय जैसे ही नगर परिषद की जेसीबी डियारा पहुंची और रातों रात बिना अनुमति सड़क किनारे स्थापित दो दुकानों को ध्वस्त करने लगी। लंबे समय के बाद शहर में मनमानी से बढ़ रहे अतिक्रमण पर नगर परिषद ने लगाम लगाने का प्रयास किया। सूत्रों ने बताया कि दो बड़ी-बड़ी टीन के शेड से बनी दुकानें शहर के बीचों बीच स्थापित कर दी गई थी। इन दुकानों को स्थापित करने के लिए किसी भी तरह की अनुमति न नगर परिषद को थी और न ही जिला प्रशासन की तरफ से उक्त लोगों के पास थी।

ऐसे में दुकानों के संचालकों को नगर परिषद की तरफ से पहले आगाह किया गया और उसके बाद जब वह नहीं मानें तो मंगलवार को दुकानों पर जेसीबी चलाकर उन्हें नष्ट कर दिया गया। नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी संजय कुमार ने कहा कि इन दुकानों के पास किसी तरह की अनुमति नहीं थी। ऐसे में इन्हें हटाया गया है।

 

चंडीगढ़-मनाली NH यातायात के लिए अस्थायी तौर पर बहाल

मंडी : चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे को यातायात के लिए अस्थायी तौर पर बहाल कर दिया गया है। पिछले कल सुबह 6 मील के पास पहाड़ी से हुए भूस्खलन के कारण यहां पर हाईवे फिर से बंद हो गया था। प्रशासन ने सारे मलबे को हटाकर हाईवे को पूरी तरह से यातायात के लिए बहाल करने की बात कही थी और दो दिनों तक हाईवे के बंद रहने की सूचना जारी की थी। लेकिन इतने में मंडी से कुल्लू वाया कटौला मार्ग भी यातायात के लिए बंद हो गया। ऐसे में प्रशासन द्वारा हाईवे को अस्थायी तौर पर यातायात के लिए बहाल करना पड़ा। हालांकि हाईवे से सभी प्रकार के छोटे बड़े वाहन गुजारे जा रहे हैं। जो बड़ी गाड़ियां फंसी हुई थी उन्हें अब यहां से जाने दिया जा रहा है। अभी भी यहां पर 90 प्रतिशत मलबा हटाने को है जिसे आने वाले समय में हटाया जाएगा। हालांकि हाईवे बहाल करने के साथ-साथ मलबा हटाने का कार्य भी जारी रखा गया है।

सदर थाना प्रभारी सकीनी कपूर ने बताया कि 6 मील के पास हाईवे सभी प्रकार के वाहनों के लिए खोल दिया गया है। जो लोग कुल्लू-मनाली की तरफ जा रहे हैं या वहां से आ रहे हैं, वे हाईवे से होकर अपना सफर कर सकते हैं।

वहीं दूसरी तरफ कुल्लू के लिए वाया गोहर-चैलचौक मार्ग भी यातायात के लिए पूरी तरह से बहाल है। लेकिन मंडी कुल्लू वाया कटौला मार्ग कमांद और सालगी के पास भूस्खलन के कारण बंद है। यहां पर सड़क का काफी बड़ा हिस्सा ढह गया है। इसे बहाल करने में अभी समय लग सकता है। हालांकि पुलिस ने शाम तक इस सड़क को भी यातायात के लिए बहाल करने की बात कही है।

धमाके के बाद दहल गया शिमला, जांच के लिए SIT का गठन

शिमला : राजधानी के मिडिल बाजार में मंगलवार शाम को हुए ब्लास्ट ने शिमला को दहला दिया। धमाके से एक कारोबारी की मौत हो गई जबकि 13 घायल हुए है। धमाके के बाद कई तरह की अटकलें लगाई जाने लगी थी लेकिन अब साफ हो गया है कि धमाका गैस रिसाव की वजह से हुआ। जिस वक़्त धमाका हुआ उस वक्त हिमाचल रसोई ढाबे में मरम्मत कार्य चला हुआ था। हादसे के वक्त अंदर 6 लोग थे जो घायल हैं। जबकि बाहर से गुजर रहे कारोबारी अविनाश की धमाके के मलबे में आने से मौत हो गई। इस धमाके से आसपास की दुकानों को भी भारी नुकसान पहुंचा है।

भीड़भाड़ वाले इलाके में मौजूद हिमाचल रसोई में इतनी लापरवाही कैसे बरती गई। इसकी जांच के लिए पुलिस ने SIT का गठन किया है। पुलिस ने धारा 336, 337, 304A IPC के तहत मामला दर्ज कर लिया है। ये भी जांच हो रही है कि धमाके से इमारतों को कितना नुकसान हुआ है। एसपी शिमला संजीव गांधी ने बताया कि 8 घायलों को छुट्टी मिल गई है। जबकि पांच घायलों का इलाज चल रहा है।

 

चमोली में बड़ा हादसा : नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साइट पर 10 लोगों की मौत..

उत्तराखंड : Uttarakhand के चमोली में बड़ा हादसा हुआ है. नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साइट पर अलकनंदा नदी के पास करंट लगने से 15 लोगों की मौत को गई है. ANI के मुताबिक साइट पर करीब 24 लोग मौजूद थे जिनमें से 15 लोगों की मौत हो गयी है. घटना में झुलसे हुए लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है जिनमें से कई लोगों की हालत गंभीर है.

बताया जा रहा है कि चमोली जिले में अलकनंदा नदी के किनारे ट्रांसफार्मर फटने से ये हादसा हुआ है. मरनेवालों में पुलिस सब-इंस्पेक्टर और 3 होम गार्ड भी शामिल हैं. देहरादून के एडीजी वी मुरुगेसन के मुताबिक घटना की जांच जारी है. घटना पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुख जताया है. उनका कहना है कि ये बेहद दुखद घटना है. पुलिस, SDRF और बचाव दल मौके पर उपस्थित हैं. घटना के जांच के भी आदेश दिए गए हैं. जो भी दोषी पाया गया उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.

19 July Panchang : आज पुष्य नक्षत्र में नये काम की करें शुरुआत, मिलेंगे बेहतर परिणाम

आज का पंचांग :आज 19 जुलाई, 2023 बुधवार, के दिन श्रावण (अधिक) महीने की शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि है. इसके देवता ब्रह्माजी होते हैं. इस दिन चंद्रमा का दर्शन शुभ माना जाता है. शादी, वेडिंग रिंग की खरीदी और देवताओं की स्थापना के लिए यह तिथि शुभ होती है. किसी भी तरह के तकरार या विवाद के लिए यह तिथि अच्छी नहीं मानी जाती है. आज का नक्षत्र
आज के दिन चंद्रमा कर्क राशि और पुष्य नक्षत्र में रहेगा. सुबह आठ बजे बाद अश्लेषा नक्षत्र रहेगा. पुष्य शुभ नक्षत्र है. इसमें शुभ काम की शुरुआत की जा सकती है. अश्लेषा को अच्छा नक्षत्र नहीं माना जाता है. किसी भी तरह का शुभ कार्य करने से इस नक्षत्र में बचना चाहिए.

आज के दिन का वर्जित समय
आज के दिन 12:45 से 14:25 पीएम बजे तक राहुकाल रहेगा. ऐसे में कोई शुभ कार्य करना हो, तो इस अवधि से परहेज करना ही अच्छा रहेगा. इसी तरह यमगंड, गुलिक, दुमुहूर्त और वर्ज्यम से भी परहेज करना चाहिए.

19 जुलाई का पंचांग

  1. विक्रम संवत – 2080
  2. मास – श्रावण (अधिक)
  3. पक्ष – शुक्ल पक्ष द्वितिया
  4. दिन – बुधवार
  5. तिथि – शुक्ल पक्ष द्वितिया
  6. योग – वज्र
  7. नक्षत्र – पुष्य और सुबह 8 बजे के बाद अश्लेषा
  8. करण – बलव
  9. चंद्र राशि – कर्क
  10. सूर्य राशि – कर्क
  11. सूर्योदय – 06:04 एएम
  12. सूर्यास्त – 07:26 पीएम
  13. चंद्रोदय – 06:39 ए एम
  14. चंद्रास्त – 08:44 पीएम
  15. राहुकाल – 12:45 से 14:25 पीएम
  16. यमगंड – 07:44 से 09:25 एएम

 

HPU में गर्ल्स कॉमन रूम की मांग, ABVP ने अधिष्ठाता छात्र कल्याण क़ो सौंपा ज्ञापन

शिमला : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल  प्रदेश विश्वविद्यालय के इकाई ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में छात्रों की मांगों को लेकर अधिष्ठाता छात्र कल्याण को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय की नाकामियों को मद्देनजर रखते हुए लम्बे समय से पूरी न होने वाली मांग गर्ल्स कॉमन रूम की व्यवस्था न होने को अधिष्ठाता  छात्र कल्याण के सामने रखा।  विद्यार्थी परिषद ने बताया कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय प्रदेश का सबसे बड़ा और सबसे पुराना विश्वविद्यालय है, परंतु सुविधाओं के नाम पर विश्वविद्यालय अन्य शिक्षण संस्थानों से काफी पीछे है, कहने को तो प्रदेश विश्वविद्यालय 22 जुलाई 1970 को स्थापित हुआ है। परंतु आज तक विश्वविद्यालय में गर्ल्स कॉमन रूम तक नहीं बना है, जिस कारण छात्राओं को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। विद्यार्थी परिषद पिछले काफी समय से इस मांग को लेकर आवाज उठाती आ रही है।

विद्यार्थी परिषद ने बताया कि विश्वविद्यालय की संपति पर एक छात्र संगठन ने लंबे समय से अवैध तरीके से कब्जा किया है। परिषद ने बताया कि एक विशेष छात्र संगठन द्वारा केंद्रीय छात्र संघ कक्ष पर अवैध प्रकार से कब्जा किया गया है, इसलिए विद्यार्थी परिषद मांग करती है की जल्द से जल्द इस कब्जे को हटाया जाए। जिससे इस कक्ष को छात्रों के हित के लिए प्रयोग में लाया जाए।

 

बरसात में गिरि नदी का सर्वाधिक जलस्तर बढ़ा चार मीटर

राजगढ़ : बीते कुछ दिनों से सामान्य से अधिक बारिश होने से नदी नाले उफान पर रहे है। गिरि नदी के जल स्तर मेें आशातीत वृद्धि दर्ज हुई है। मरयोग स्थित केंद्रीय जल आयोग द्वारा मापक यंत्र के अनुसार इस वर्ष 11 जुलाई को हुई भारी वर्षा से गिरि नदी का अधिकतर जलस्तर करीब चार मीटर रिकार्ड किया गया है, जोकि इस बरसात के मौसम का सर्वाधिक बढ़ा हुआ जलस्तर माना जा रहा है। इन दिनों गिरि नदी का जल स्तर घटकर करीब अढाई मीटर रह चुका है। मरयोग स्थित केंद्रीय जल आयोग कार्यालय के प्रभारी प्रमोद कुमार ने बताया कि 20 सितंबर 2008 को गिरी नदी में सबसे ज्यादा बाढ़ आई थी, जिसका जलस्तर बढ़कर सात मीटर हो गया था। इस बार की बरसात में गिरी नदी ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है। वर्ष 2022 बरसात के दौरान गिरि नदी का अधिकतर जलस्तर केवल अढाई मीटर रिकार्ड किया गया था। उन्होंने बताया कि इस वर्ष बाढ़ आने के कारण जल मापने वाले गेज भी नदी में बह गए। जिस कारण पुल के किनारे लगाए गए निशानों से जल स्तर मापा गया है।

गिरि नदी के किनारे रहने वाले अनेक गांव के बुजुर्गो ने बताया कि अतीत में गिरि नदी में बहुत ज्यादा पानी आ जाता है। जिसकी पैमाइश ग्रामीणों द्वारा नदी में पड़ी विशालकाय शिलाओं से की जाती थी। जिसके डूबने पर लोग उन शिलाओं पर बकरे अथवा भेडू की बलि दिया करते थे। 

प्रमोद ने बताया कि यशवंतनगर की समुद्र तल से ऊंचाई को मध्यनजर रखते हुए जल आयोग द्वारा जीरो मानक गेज 895 मीटर निर्धारित किया गया है और इस मानक गेज के आधार पर जल स्तर मापा जाता है। अतीत के रिकार्ड का उल्लेख करते हुए उन्होने बताया कि गिरि नदी में 20 सिंतबर 2008 को सबसे ज्यादा बाढ़ 903.80 मीटर रिकार्ड की गई थी। जबकि 5 मई,1995 को सबसे ज्यादा डिस्चार्ज स्तर 1787.59 क्यूसेक रिकार्ड किया गया था।

उन्होने कहा कि गिरि नदी का कैचमेंट एरिया 1349 किलोमीटर है। केंद्रीय जल आयोग द्वारा अब यशवंतनगर के गिरि नदी में स्वचालित सैटेलाईट कैमरा भी स्थापित किया गया है। जिसका कनेक्शन सीधे तौर पर जल आयोग के मंडल एवं उप-मंडल कार्यालय दिल्ली से जुड़ा है। इस स्वचालित कैमरा के माध्यम से नदी के जल स्तर की प्रतिदिन रिपोर्ट दिल्ली जाती है। जहां इसकी विशेषज्ञों द्वारा मॉनिटरिंग की जाती है।