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कर्मियों की 15 साल सेवा बाकी, उनका ही होगा विद्युत विनियामक आयोग में विलय, जानिए पूरी ख़बर ?

शिमला: हिमाचल प्रदेश विद्युत नियामक आयोग में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत उन्हीं कर्मचारियों का विलय किया जाएगा, जिनका 15 साल का सेवाकाल शेष होगा। आयोग ने सेवा शर्तों में संशोधन का प्रस्ताव राजपत्र में अधिसूचित करते हुए सभी हितधारकों से सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित किए हैं। तीन साल की सेवा पूरी करते हुए प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कर्मचारियों के स्थायीकरण की राह भी आसान की गई है।संशोधन का उद्देश्य आयोग में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश तय करना है। संशोधन के तहत प्रावधान किया गया है कि जो व्यक्ति आयोग में प्रतिनियुक्ति आधार पर कार्यरत हैं, उनकी स्थायी नियुक्ति के लिए आवेदन तभी विचाराधीन होंगे जब उन्होंने आयोग में कम से कम तीन वर्ष की सेवा प्रतिनियुक्ति पर पूरी की हो और उनके पास सेवा निवृत्ति की आयु तक कम से कम 15 वर्ष की शेष सेवा बची हो। आयोग केवल विद्युत अभियंताओं के मामले में यदि आवश्यक समझे और लिखित कारण दर्ज करे, तो 15 वर्ष की शेष सेवा की शर्त में तीन वर्ष तक की छूट दे सकता है।

 

प्रस्तावित संशोधन पर हितधारकों और कर्मचारियों से आपत्तियां या सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। आयोग ने स्पष्ट किया है कि अधिसूचना के प्रकाशन की तिथि से 30 दिनों के भीतर प्राप्त सुझावों पर विचार करने के बाद ही अंतिम संशोधन अधिसूचित किया जाएगा। विद्युत नियामक आयोग ने वर्ष 2013 में कर्मचारियों की नियुक्ति, पदोन्नति और सेवा की शर्तों को लेकर विनियम अधिसूचित किए थे। इन विनियमों में समय-समय पर संशोधन किए जा चुके हैं ताकि बदलती प्रशासनिक आवश्यकताओं के अनुरूप नियमों को अद्यतन किया जा सके। यह पांचवां संशोधन विशेष रूप से उन अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण है जो अन्य विभागों से प्रतिनियुक्ति पर आयोग में कार्यरत हैं और आयोग की सेवा में स्थायी रूप से सम्मिलित होना चाहते हैं। आयोग के अधिकारियों ने बताया कि यह संशोधन आयोग की कार्यकुशलता बढ़ाने और दीर्घकालीन मानव संसाधन स्थायित्व सुनिश्चित करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

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