



शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को टूटीकंडी बाल आश्रम का दौरा किया। उन्होंने आश्रम के बच्चों के साथ दिवाली मनाई, उनसे बातचीत की और उपहार एवं मिठाइयां बांटीं। आश्रम के बच्चों और कर्मचारियों ने पारंपरिक मिट्टी के दीयों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ उनका स्वागत किया। उन्होंने इस दौरान कहा कि राज्य सरकार अनाथ और मुश्किल का सामना कर रहे बच्चों के लिए जल्द ही नई कल्याणकारी योजनाएं शुरू करेगी ताकि उनका समग्र विकास सुनिश्चित किया जा सके।
जेब खर्च के रूप में 4,000 रुपये प्रति माह दे रही सरकार
सुक्खू ने इस अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि दिवाली की सच्ची भावना खुशी, करुणा और एकजुटता को साझा करने में निहित है। ये बच्चे हमारा भविष्य हैं और यह सुनिश्चित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि वे प्यार, सम्मान और अवसरों के साथ बड़े हों। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अनाथ बच्चों को गोद लिया है और न केवल उनकी शिक्षा का खर्च वहन कर रही है, बल्कि उन्हें जेब खर्च के रूप में 4,000 रुपये प्रति माह भी दे रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी बाल आश्रमों में आवासीय सुविधाओं को उन्नत किया जाएगा, साथ ही अन्य सुविधाएं भी बढ़ाई जाएंगी। उन्होंने घोषणा की कि बाल आश्रमों के बच्चों के लिए हर साल 14 नवंबर को खेल दिवस का आयोजन किया जाएगा, जिसके लिए राज्य सरकार आवश्यक बजटीय आवंटन करेगी। सुक्खू ने कहा कि बाल आश्रमों के विद्यार्थियों को बेहतर अनुभव और सीखने का अनुभव प्रदान करने के लिए उन्हें राज्य के बाहर शैक्षिक भ्रमण पर भेजा जाएगा। सीएम ने फेसबुक पर बच्चों के साथ फोटोज शेयर की। इस पर उन्होंने लिखा कि आज टूटीकंडी बाल आश्रम में दीपावली के इस पावन अवसर पर बच्चों के साथ कुछ समय बिताया। इन नन्हे-मुन्ने बच्चों के साथ दीपोत्सव मनाना एक विशेष अनुभव रहा। उनके साथ बातें कीं, खूब हँसी बाँटी और उन्हें उपहार भी दिए। लेकिन मुझे जो मिला- वह इन बच्चों की मासूम मुस्कानें थीं। बच्चों की आँखों में सुकून का भाव और उनकी खिलखिलाहटें- यही मेरे लिए इस दीपावली की सबसे बड़ी सौग़ात हैं। दीपावली का त्योहार दिलों को जोड़ने का, ख़ुशियाँ बाँटने का और एक-दूसरे के जीवन को रौशन करने का पर्व है। इन बच्चों की प्रतिभा और ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के लिए, राज्य सरकार द्वारा हर वर्ष 14 नवंबर को बाल आश्रम के बच्चों के लिए खेल दिवस का आयोजन किया जाएगा। बच्चों का जीवन रौशन हो, मेरी यही कामना है।