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हिमाचल प्रदेश में पहली से छठी तक के छात्र अब पढ़ेंगे सीबीएसई स्तर की किताबें

लाइव हिमाचल/शिमला: हिमाचल प्रदेश में बुनियादी शिक्षा के स्तर को राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है. अब प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पहली से छठी कक्षा तक के छात्र सीबीएसई स्तर की किताबें पढ़ेंगे. हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने इसके लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) किया है. इस समझौते के तहत अब हिमाचल बोर्ड और एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों में कोई अंतर नहीं रहेगा. बोर्ड सचिव डॉ. मेजर विशाल शर्मा ने बताया कि नई पुस्तकों की रूपरेखा राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप तैयार की गई है. उन्होंने कहा कि पहली, दूसरी और तीसरी कक्षा की नई किताबें इस वर्ष से लागू की जा रही हैं. ये पुस्तकें पूरी तरह संशोधित हैं और बच्चों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखकर बनाई गई हैं. वहीं, एनसीईआरटी ने चौथी, पांचवीं और छठी कक्षा के लिए भी नई पाठ्यपुस्तकें तैयार की हैं. हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड वर्ष 2026 तक इन्हें पूरी तरह लागू करेगा. इसका अर्थ यह है कि आने वाले शैक्षणिक सत्रों में हिमाचल के बच्चे वही पाठ्यपुस्तकें पढ़ेंगे जो देशभर के सीबीएसई स्कूलों में पढ़ाई जा रही हैं. डॉ. शर्मा ने बताया कि इस पहल से हिमाचल प्रदेश के छात्रों को राष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धा के लिए बेहतर रूप से तैयार किया जा सकेगा. विद्यार्थियों को अब किसी प्रकार की पाठ्यक्रमिक असमानता का सामना नहीं करना पड़ेगा. साथ ही, शिक्षक प्रशिक्षण और मूल्यांकन प्रणाली भी नई शिक्षा नीति के अनुरूप ढाली जाएगी ताकि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके. उन्होंने कहा कि हिमाचल बोर्ड की नई दिशा यह सुनिश्चित करेगी कि प्रदेश के विद्यार्थी अब न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी समान शैक्षणिक अवसर प्राप्त करें. यह कदम हिमाचल की शिक्षा प्रणाली को देश के प्रमुख शैक्षिक बोर्डों की बराबरी पर खड़ा करेगा।

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