



शिमला: हिमाचल प्रदेश की औद्योगिक तरक्की को रफ्तार देने के लिए सरकार एक बार फिर बड़े निवेश प्रस्तावों को हरी झंडी देने जा रही है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज आयोजित होने जा रही सिंगल विंडो बैठक में 10 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश वाले प्रस्तावों पर निर्णय लिया जाएगा। इस बैठक में 38 नए औद्योगिक प्रोजेक्ट्स की स्थापना और विस्तार से जुड़े मामलों पर मुहर लग सकती है।
इन जिलों में लगेंगे नए उद्योग
बद्दी, नालागढ़, सिरमौर और कांगड़ा जिलों में उद्योग लगाने के लिए विभिन्न कंपनियों ने आवेदन दिए हैं। ये प्रस्ताव फार्मास्यूटिकल, ऑटोमोबाइल स्पेयर पार्ट्स, स्पोर्ट्स फुटवियर, सोलर टेक्नोलॉजी और डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों से संबंधित हैं। डैजेट एंगल (आर) कंपनी ने राइफल के पुर्जे बनाने की योजना पेश की है, जबकि मोरपेन लैब्स और विंग्स बायोटेक जैसी कंपनियां फार्मा यूनिट्स स्थापित करना चाहती हैं। इसके अलावा, ज्यूपिटर सोलर कंपनी ने सोलर सेल्स निर्माण का प्रस्ताव दिया है, वहीं कैंपस एक्टिवेयर ने स्पोर्ट्स शूज़ यूनिट के लिए आवेदन किया है। यदि ये सभी प्रस्ताव धरातल पर उतरते हैं तो हिमाचल में करीब 1000 करोड़ रुपये का निवेश आने की संभावना है। इससे राज्य के 2000 से अधिक युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है। ऊना जिले के हरोली में प्रस्तावित बल्क ड्रग पार्क में भी उद्योगपतियों की विशेष रुचि देखी जा रही है। यहां फार्मा सेक्टर की लगभग 150 कंपनियों ने निवेश की इच्छा जताई है। उद्योग विभाग लगातार इन निवेशकों के साथ संवाद बनाए हुए है। हिमाचल सरकार न केवल घरेलू, बल्कि अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को भी आकर्षित करने की कोशिश कर रही है। इस समय उद्योग विभाग के अधिकारी जापान दौरे पर हैं, जहां वे वहां के उद्योगपतियों को हिमाचल में निवेश के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। यह टीम 10 अक्तूबर को शिमला लौटेगी और विदेशी निवेश को लेकर रिपोर्ट पेश करेगी।
सरकार का उद्देश्य युवाओं को रोजगार, राज्य को विकास
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बताया कि सरकार का उद्देश्य अधिक से अधिक निवेश लाकर राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना और स्थानीय युवाओं के लिए रोज़गार के अवसर पैदा करना है।