



Himachal Pradesh Landslide : हिमाचल प्रदेश में आफत की बारिश तबाही ला रही है। जिला मंडी के थलौट क्षेत्र में अचानक पहाड़ी से एक बड़ी चट्टान दरकी और नीचे स्थित घरों को पलभर में मिट्टी में मिला दिया। इस घटना का वीडियो सामने आया है, जो बेहद डरावना है। चट्टान की चपेट में उत्तम राम पुत्र स्व. जगत राम और मान सिंह पुत्र स्व. जगत राम गांव फागू डाकघर थलोट तहसील औट मंडी का घर पूरी तरह से धवस्त हो गया। इसके अलावा खेबे राम सुपुत्र स्व. तुले राम गांव फागू और भीमी देवी पत्नी बृज लाल के मकान बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं। गनीमत यह रही कि हादसे के वक्त घर में कोई सदस्य मौजूद नहीं था, अन्यथा जानी नुकसान होना तय था। साथ लगते क्षतिग्रस्त घरों के सदस्य बाल बाल बच गए हैं। घर के पास बंधे मवेशी इस चट्टान की चपेट में आए हैं।
48 घंटों के लिए जारी किया गया है अलर्ट
प्रशासन ने लोगों से नदी-नालों से दूर रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है। मौसम विभाग ने आगामी 48 घंटों तक वर्षा का अलर्ट जारी किया है। जिला मंडी में भारी वर्षा ने जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया। भूस्खलन व जलभराव से 168 संपर्क मार्ग बाधित हो गए हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है। सबसे अधिक असर सराज क्षेत्र में देखने को मिला जहां अकेले 69 सड़कें मलबे व पत्थरों के कारण अवरुद्ध हो गई हैं। जिले में 75 पेयजल योजनाएं बंद हो गई हैं। इससे हजारों लोगों को पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है। 32 ट्रांसफार्मर के क्षतिग्रस्त होने से कई गांवों में बिजली आपूर्ति भी बाधित हो गई है। लोक निर्माण, जल शक्ति और बिजली विभाग की टीमें सड़कों की बहाली, पेयजल आपूर्ति और विद्युत सेवाएं बहाल करने में जुटी हैं, लेकिन लगातार वर्षा राहत कार्यों में बाधा बन रही है। मूसलधार वर्षा से लंबाडग व ऊहल नदी में बाढ़ जैसे हालात बन गए। बरोट से टिक्कन तक प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर लोगों को नदियों के समीप न जाने की हिदायत दी है। बरोट स्थित शानन प्रोजेक्ट में जलस्तर अचानक बढ़ने से जलाशय के छह गेट खोलने पड़े। पानी के साथ आए भारी मलबे के कारण शानन प्रोजेक्ट का बिजली उत्पादन भी बंद करना पड़ा। इसी बीच जोगेंद्रनगर और लडभड़ोल क्षेत्र में कई नदियां और खड्डें उफान पर रहीं। मच्छयाल रणा व गुगली खड्ड के साथ बिनवा व ब्यास नदी के रौद्र रूप को देखकर ग्रामीण सहम गए।