महर्षि मारकण्डेश्वर यूनिवर्सिटी कॉलेज में मनाया गया विश्व कैंसर दिवस…

लाइव हिमाचल/सोलन: आज महर्षि मारकण्डेश्वर यूनिवर्सिटी कॉलेज में विश्व फेफड़ा कैंसर दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर कॉलेज के सभी फैकल्टी सदस्य एवं रेज़िडेंट डॉक्टर सक्रिय रूप से शामिल हुए। इस कार्यक्रम में डॉ. रवि शर्मा, माननीय कुलपति, मुख्य अतिथि के रूप में तथा डॉ. मनप्रीत नंदा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. राजेश कश्यप, प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, मेडिसिन विभाग ने फेफड़ा कैंसर के प्रति जागरूकता और रोकथाम की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सभी डॉक्टरों और समाजसेवियों को इस घातक रोग के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने और धूम्रपान-निरोधक अभियान को बढ़ावा देने में सक्रिय भागीदारी करनी चाहिए, क्योंकि धूम्रपान इस रोग का सबसे प्रमुख कारण है और करीब 90% मामलों में यही जिम्मेदार पाया जाता है। डॉ. कश्यप ने रोग की शीघ्र पहचान की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि शुरुआती अवस्था में इसका इलाज अपेक्षाकृत आसान होता है, लेकिन उपचार के बावजूद पांच वर्ष तक जीवित रहने की संभावना केवल 10% के आसपास रहती है। डॉ. रवि शर्मा और डॉ. मनप्रीत नंदा ने बताया कि कॉलेज में तंबाकू निषेध केंद्र सक्रिय रूप से धूम्रपान छोड़ने के इच्छुक लोगों की मदद कर रहा है। उन्होंने डॉक्टरों और आम जनता से अपील की कि वे धूम्रपान करने वालों को इस केंद्र तक मार्गदर्शन करें ताकि उन्हें समय पर परामर्श और सहयोग मिल सके। इस अवसर पर डॉ. वोहरा, डॉ. किरण कुमार, डॉ. चड्ढा, डॉ. कौशिक, डॉ. मोनिका, डॉ. चड्ढा, डॉ. विजय कुमार, डॉ. प्रतिभा हिमराल, एवं डॉ. राजिंदर नेगी सहित कई वरिष्ठ अध्यापक उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम का समापन जागरूकता, रोकथाम, शीघ्र पहचान और समय पर उपचार के माध्यम से फेफड़ा कैंसर के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने की प्रतिज्ञा के साथ हुआ।

हिमाचल में शराब की हर बोतल पर अब लगेगा होलोग्राम, नकली शराब पर लगेगी लगाम…

लाइव हिमाचल/शिमला: हिमाचल प्रदेश में बिकने वाली शराब की बोतलों पर अब होलोग्राम लगेंगे। नकली और अवैध शराब की बिक्री रोकने के लिए कर एवं आबकारी विभाग ने यह फैसला लिया है। एक साल के दौरान 10 करोड़ होलोग्राम तैयार करने के लिए विभाग ने इलेक्ट्राॅनिक्स काॅरपोरेशन के माध्यम से कंपनियों से इस बाबत आवेदन आमंत्रित किए हैं। वर्ल्ड बैंक के वित्त पोषित ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम के तहत प्रदेश में इस नई व्यवस्था को शुरू किया जा रहा है। इसके तहत हिमाचल में बिकने वाली शराब की हर बोतल पर क्यूआर कोड से लिंक होलोग्राम लगाना अनिवार्य कर दिया जाएगा। प्रदेश में बेची जाने वाली एक-एक बोतल का हिसाब रखने के लिए सरकार ने ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम शुरू किया है। इसी कड़ी में अब होलोग्राम को क्यूआर कोड से लिंक करने की कवायद शुरू की गई है। होलोग्राम और क्यूआर कोड को मोबाइल फोन से स्कैन कर शराब की गुणवत्ता का पता लगाया जा सकेगा। हिमाचल प्रदेश में शराब की शुद्धता बनाए रखने के लिए सरकार ने यह निर्णय किया है। शराब की बोतलों पर क्यूआर कोड विद होलोग्राम ट्रैक लगाकर बेचना अनिवार्य किया जाएगा। नई व्यवस्था के तहत शराब के बॉटलिंग प्लांट से निकलने वाली हर बोतल पर सिक्योरिटी होलोग्राम, क्यूओर कोड और शराब के बॉक्स पर बार कोड होगा। प्लांट से बार कोड को रीड करने के बाद शराब की पेटियों को बाहर भेजा जाएगा। गोदाम में पहुंचने के बाद शराब की पेटियों के बार कोड को दोबारा स्कैन किया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि शराब को सही डिपो पर पहुंचाया गया है। इन्हीं पेटियों को जब रिटेल शॉप पर भिजवाया जाएगा, तब भी इनके बैच नंबर से यह पता चल सके कि कौन सी शराब की पेटी या बोतल किस रिटेल स्टोर या दुकान पर गई है। शराब खरीदने वाले लोग भी ठेकों पर बोतल के क्यूआर कोड और होलोग्राम को अलग-अलग स्कैन कर शराब की गुणवत्ता की जांच कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने एआईसीसी के राष्ट्रीय सम्मेलन में लिया भाग…

शिमला : मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शनिवार को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के विधि, मानवाधिकार एवं आरटीआई विभाग की ओर से आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन ‘सांविधानिक चुनौतियांः परिप्रेक्ष्य एवं मार्ग’ के दूसरे सत्र की अध्यक्षता की।  धर्म और संविधान विषय पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि धर्म व्यक्तिगत आस्था का विषय है और राज्य का दृष्टिकोण धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए, जिसमें प्रत्येक धर्म का सम्मान एवं देश के शांति व सौहार्द की प्राचीन परंपराओं को कायम रखना चाहिए। सर्व धर्म समभाव की विचारधारा पर चलते हुए देश में भाईचारे की भावना को पोषित किया जाना चाहिए, जो धर्मनिपेक्षता और धार्मिक स्वतंत्रता का मजबूत आधार है। सुक्खू ने कहा कि हमारे देश में प्रत्येक धर्म का सम्मान किया जाता है और देश की विविधता ही देश की ताकत है। उन्होंने कहा कि हम अपनी धार्मिक सहिष्णुता के लिए जाने जाते हैं और इन समृद्ध मूल्यों के अभाव में समाज में हिंसा और संघर्ष की परिस्थितियां उत्पन्न होती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि धर्म लोगों को आपस में जोड़ता है और धर्म का इस्तेमाल लोगों को बांटने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। धर्म को राजनीति से अलग करने का हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, डॉ. अभिषेक सिंघवी, अलका लांबा, प्रमोद तिवारी और अन्य ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए।

पहाड़ी से दरकी चट्टान और पलभर में मिट्टी में मिल गया मकान…

Himachal Pradesh Landslide : हिमाचल प्रदेश में आफत की बारिश तबाही ला रही है। जिला मंडी के थलौट क्षेत्र में अचानक पहाड़ी से एक बड़ी चट्टान दरकी और नीचे स्थित घरों को पलभर में मिट्टी में मिला दिया। इस घटना का वीडियो सामने आया है, जो बेहद डरावना है। चट्टान की चपेट में उत्तम राम पुत्र स्व. जगत राम और मान सिंह पुत्र स्व. जगत राम गांव फागू डाकघर थलोट तहसील औट मंडी का घर पूरी तरह से धवस्त हो गया। इसके अलावा खेबे राम सुपुत्र स्व. तुले राम गांव फागू और भीमी देवी पत्नी बृज लाल के मकान बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं। गनीमत यह रही कि हादसे के वक्त घर में कोई सदस्य मौजूद नहीं था, अन्यथा जानी नुकसान होना तय था। साथ लगते क्षतिग्रस्त घरों के सदस्य बाल बाल बच गए हैं। घर के पास बंधे मवेशी इस चट्टान की चपेट में आए हैं।

48 घंटों के लिए जारी किया गया है अलर्ट

प्रशासन ने लोगों से नदी-नालों से दूर रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है। मौसम विभाग ने आगामी 48 घंटों तक वर्षा का अलर्ट जारी किया है। जिला मंडी में भारी वर्षा ने जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया। भूस्खलन व जलभराव से 168 संपर्क मार्ग बाधित हो गए हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है। सबसे अधिक असर सराज क्षेत्र में देखने को मिला जहां अकेले 69 सड़कें मलबे व पत्थरों के कारण अवरुद्ध हो गई हैं। जिले में 75 पेयजल योजनाएं बंद हो गई हैं। इससे हजारों लोगों को पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है। 32 ट्रांसफार्मर के क्षतिग्रस्त होने से कई गांवों में बिजली आपूर्ति भी बाधित हो गई है। लोक निर्माण, जल शक्ति और बिजली विभाग की टीमें सड़कों की बहाली, पेयजल आपूर्ति और विद्युत सेवाएं बहाल करने में जुटी हैं, लेकिन लगातार वर्षा राहत कार्यों में बाधा बन रही है। मूसलधार वर्षा से लंबाडग व ऊहल नदी में बाढ़ जैसे हालात बन गए। बरोट से टिक्कन तक प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर लोगों को नदियों के समीप न जाने की हिदायत दी है। बरोट स्थित शानन प्रोजेक्ट में जलस्तर अचानक बढ़ने से जलाशय के छह गेट खोलने पड़े। पानी के साथ आए भारी मलबे के कारण शानन प्रोजेक्ट का बिजली उत्पादन भी बंद करना पड़ा। इसी बीच जोगेंद्रनगर और लडभड़ोल क्षेत्र में कई नदियां और खड्डें उफान पर रहीं। मच्छयाल रणा व गुगली खड्ड के साथ बिनवा व ब्यास नदी के रौद्र रूप को देखकर ग्रामीण सहम गए।

सोलन: 24 घंटे में पुलिस ने सुलझाया कार चोरी का मामला, आरोपी गिरफ्तार…

लाइव हिमाचल/अर्की: अर्की क्षेत्र में एक क्वांटो गाड़ी चोरी का मामला पुलिस की तत्परता से महज 24 घंटों में सुलझा लिया गया है। गाड़ी चोरी की यह वारदात 31 जुलाई और 1 अगस्त की दरमियानी रात को हुई, जिसकी रिपोर्ट अर्की निवासी सुरेंद्र कुमार ने 1 अगस्त को पुलिस थाना अर्की में दर्ज करवाई थी। शिकायतकर्ता सुरेन्द्र कुमार ने पुलिस को बताया कि उनकी क्वांटो गाड़ी (CH-01AQ-8707) उनके गांव तनसेटा स्थित घर के ऊपर बनी पार्किंग में खड़ी थी, जिसकी चाबी उनके पास ही थी। जब वह 1 अगस्त की सुबह उठे तो उन्होंने देखा कि उनकी गाड़ी पार्किंग में मौजूद नहीं है। उन्होंने आस-पास के क्षेत्रों में गाड़ी की तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। उन्हें शक हुआ कि किसी शरारती तत्व ने गाड़ी चोरी कर ली है। चोरी हुई गाड़ी की अनुमानित कीमत करीब 5 लाख बताई गई है। शिकायत के आधार पर अर्की थाना में मामला दर्ज किया गया और पुलिस टीम ने जांच शुरू की। जांच के दौरान पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और अन्य तकनीकी साक्ष्यों का गहनता से विश्लेषण किया। इसी आधार पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 1 अगस्त को गांव तनसेटा निवासी मनीष कुमार (25) पुत्र कमलेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया। मनीष कुमार अर्की उपमंडल की जोबड़ी पंचायत का निवासी है।पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के साथ-साथ चोरी हुई क्वांटो गाड़ी को भी बरामद कर लिया है। आरोपी को  2 अगस्त को माननीय न्यायालय में पेश किया जा रहा है। साथ ही, पुलिस यह भी जांच कर रही है कि आरोपी का कोई पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड है या नहीं। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच अभी जारी है और यदि इसमें अन्य व्यक्ति संलिप्त पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय लोगों ने पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना की है।

हिमाचल के मशहूर पप्पू चाय – पकोड़े वाले और बेटे पर आधा दर्जन लोगों ने किया जानलेवा हमला

लाइव हिमाचल/सोलन: हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के नालागढ़ के चौकीवाला में अपने स्वादिष्ट पकोड़े और चटनी के लिए मशहूर पप्पू पकोड़े वाले और उनके बेटे पर एक सनसनीखेज जानलेवा हमला किया गया. यह हमला उस समय हुआ, जब पप्पू और उनका बेटा अपनी दुकान पर काम कर रहे थे. अचानक आधा दर्जन से अधिक हमलावरों ने तेज हथियारों, डंडों और लोहे की रॉड्स से उन पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया. हमलावरों ने तब तक मारपीट जारी रखी, जब तक दोनों बेहोश होकर जमीन पर नहीं गिर गए. इस दौरान करीब 30 सेकेंड्स में 50 से अधिक बार तीन युवकों ने दोनों पर डंडे से वार किए और फिर भाग गए. घटना के बाद स्थानीय दुकानदारों और राहगीरों की मदद से घायल पप्पू और उनके बेटे को तुरंत नालागढ़ के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है.घटना की सूचना मिलते ही नालागढ़ पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और दोनों पीड़ितों के बयान दर्ज किए. पुलिस ने हमलावरों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है. इस हमले की पूरी वारदात पास में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है. फुटेज में साफ दिखाई देता है कि कैसे हमलावर अचानक दुकान में घुसे और पप्पू व उनके बेटे पर बेरहमी से हमला किया. हमले के बाद सभी आरोपी मौके से फरार हो गए. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज को अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है, जिससे आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी में मदद मिलने की उम्मीद है. पीड़ित पप्पू पकोड़े वाले दुकानकाद ने मीडिया से बातचीत में बताया कि 31 जुलाई को पकोड़े और चाय की देरी को लेकर कुछ लोगों से उनकी बहस हो गई थी, जिसके बाद उन लोगों ने उनके साथ मारपीट की और फरार हो गए. पप्पू ने कहा, “मैं उन लोगों को नहीं जानता था. दोपहर जब मैं अपने बेटे के साथ दुकान पर काम कर रहा था, तभी आधा दर्जन से ज्यादा लोग आए और तेज हथियारों, डंडों और रॉड्स से हम पर हमला कर दिया. वे हमें जान से मारने की नीयत से आए थे.” उन्होंने बताया कि यह हमला उन पर दूसरी बार हुआ है, लेकिन उनकी किसी से कोई पुरानी रंजिश नहीं है. पप्पू ने पुलिस प्रशासन और वरिष्ठ अधिकारियों से गुहार लगाई है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई अन्य व्यक्ति ऐसी बर्बरता का शिकार न हो।

रिश्वत लेते हुए जूनियर इंजीनियर गिरफ्तार, रंगेहाथ एसीबी की टीम ने पकड़ा, 10 लाख रिश्वत की मांग

नेशनल डेस्क: कुरुक्षेत्र में एक जूनियर इंजीनियर (जेई) रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया। जोकि नहरी विभाग में कार्यरत था। जिसे कैथल और कुरुक्षेत्र की एंटी करप्शन ब्यूरो की संयुक्त टीम ने 3 लाख 90 हजार रुपए के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार किया। आरोपी जेई ने ठेकेदार मंदीप मोर से उनके सरकारी कार्य की पेमेंट जारी करने के लिए उनसे 10 लाख रुपए की मांग की थी। जिसके बाद वह सामाजिक कार्यकर्ता रवींद्र जंगी चिका के पास पहुंचे। जिसने आरोपी जेई को पकड़ने की योजना बनाई। जोकि पहले भी 20 से अधिक रिश्वतखोरों को पकड़वा चुके है। पीड़ित ठेकेदार मंदीप रविंद्र जंगी के पास पहुंचे और अपनी कहानी बताई। जिसके बाद रविंद्र जंगीने ठेकेदार मंदीप मोर से जेई से फोन पर सम्पर्क कर रुपए देने के लिए स्थान निश्चित करने के लिए कहा। ठेकेदार मंदीप ने वैसे ही किया और बात करते ही बातें दूसरे फोन में रिकॉर्ड कर ली। जेई पहले ही मंदीप से 3 लाख रुपए ले चुका था। बकाया रकम के लिए सिक्योरिटी चेक्स भी जमा कर रखे थे। इसके अलावा बची हुई राशि वह नकद लेने पहुंचा था। आरोपी जैसे ही रुपए लेने पहुंचा। रविंद्र जंगी ने चिन्हित नोट ठेकेदार को थमा दिए। आरोपी ने जैसे ही रुपए हाथ में लिए एसीबी ने उसे धर–दबोचा। आरोपी की पहचान लूखी गांव निवासी सौरभ राणा के रूप में हुई है। जेई सौरभ राणा काफी सावधानीपूर्वक काम करता था। वह सारी बातचीत वॉट्सएप कॉल पर ही करता था। जिस वजह से दोनों के मध्य हुई बातचीत को दूसरे फोन में रिकॉर्ड किया गया। बची हुई रकम के लिए द्रोणाचार्य स्टेडियम में जाना तय हुआ था। जहां पहले से ही आरोपी का इंतजार कर रही एसीबी टीम ने आरोपी को नगदी के साथ रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। जेई को आज अदालत में पेश किया जाएगा। हालांकि टीम आगामी कार्रवाई में जुटी हुई है।

1999 में जब मैं मुख्यमंत्री बना तो पूरा लॉटरी सिस्टम हमने बंद किया : धूमल

• उस समय कर्मचारियों की सैलरी, युवाओं की बचत, सेवानिवृत की पेंशन और मजदूरों का पैसा दाव पर लग गया था, परिवार तबाह हो गए थे।
• लॉटरी जैसे अभिशाप की आदत ना पड़ जाए इसलिए लगाया था प्रतिबंध
• भाजपा इस निर्णय की कड़ी निंदा करती है और सरकार से लॉटरी सिस्टम को ना लागू करने की मांग करती है

शिमला : भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रो प्रेम कुमार धूमल ने हिमाचल प्रदेश कांग्रेस सरकार की चार दिवसीय महामंथन मंत्रिमंडल बैठक का सबसे प्रमुख निर्णय, प्रदेश में लॉटरी को पुनः आरंभ करने की निंदा करते हुए कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय से हिमाचल प्रदेश केवल मात्र बर्बादी की ओर बढ़ेगा। प्रो. धूमल ने कहा कि आज से 30 वर्ष पहले 17 अप्रैल 1996 को माननीय उच्च न्यायालय ने प्रदेश में चल रही सिंगल डिजिट लॉटरी की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। इसके उपरांत जब मैं स्वयं 1998 में पहली बार प्रदेश का मुख्यमंत्री बना उसके अगले वर्ष 1999 में हमारी भाजपा सरकार ने एक मत में निर्णय लिया की हिमाचल प्रदेश में पूरा लॉटरी सिस्टम बंद कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह निर्णय केवल मात्र एक निर्णय नहीं था, अपितु पूरे प्रदेश को बर्बादी से बचाने की एक दूरगामी सोच थी। उसे समय हिमाचल प्रदेश की सभी श्रेणियों के कर्मचारियों, सेवानिवृत कर्मचारी, मजदूरों एवं युवाओं ने बड़ी संख्या में लॉटरी खरीदनी शुरू कर दी थी, जिसके कारण कर्मचारियों की सैलरी, युवाओं की बचत, सेवानिवृत की पेंशन और मजदूरों का पैसा दाव पर लग गया था और कई परिवार एवं घर तबाह हो गए थे। इस अभिशाप लॉटरी की आदत हिमाचल प्रदेश की जनता को ना लग जाए इसलिए जनहित में लॉटरी को बंद किया गया था। उस समय कई कर्मचारी एवं सेवानिवृत कर्मचारियों ने अपना वेतनमान एवं रिटायरमेंट की कमाई लॉटरी में गंवा थी। प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि 2004 में कांग्रेस की सरकार ने लॉटरी को फिर शुरू किया और उसके उपरांत तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा इस लॉटरी सिस्टम के ऊपर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया। शायद पूर्व मुख्यमंत्री को भी समझ आ गया था की लॉटरी एक अभिशाप है। उन्होंने कहा कि उस समय प्रदेश को केवल मात्र इससे लगभग चार-पांच करोड़ की आमदनी हुआ करती थी। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में हिमाचल प्रदेश में कुल 231180 कर्मचारी काम कर रहा है, जिसमें से 160000 पक्के कर्मचारी है। इसी तरह से हिमाचल प्रदेश में 9 से 10 लाख बेरोजगार है जिनको इस लॉटरी प्रथा से बड़ा खतरा है, जिससे इनका जीवन दाव पर लग सकता है। हिमाचल की कांग्रेस की सरकार सत्ता में प्रथम कैबिनेट में 1 लाख युवाओं को और 5 साल में 5 लाख युवाओं को पक्की नौकरी देने के वादे पर सत्ता में आई थी पर असलियत जिस प्रकार से निकल कर सामने आ रही है की हिमाचल प्रदेश शराब, चिट्टा, भांग, नशा और लॉटरी का गढ़ बनता दिखाई दे रहा है। भारतीय जनता पार्टी इस निर्णय की कड़ी निंदा करती है और सरकार से मांग करती है कि इस प्रकार के जन विरोधी निर्णय को तुरंत प्रभाव से वापस ले।

कौन हैं वो शख्स, जिनकी वजह से 30 साल पहले हिमाचल में लॉटरी पर लगा था प्रतिबंध, जानिए पूरी ख़बर ?

Himachal Lottery System: हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार ने लॉटरी सिस्टम फिर से शुरू करने का फैसला लिया है. 1996 में कुल राकेश पंत की याचिका पर हाईकोर्ट ने इसे बंद किया था. भाजपा इस फैसले का विरोध कर रही है. सरकार ने प्रदेश में लॉटरी सिस्टम को फिर से शुरू करने के ऐलान किया है. सरकार ने आय बढ़ाने के लिए यह फैसला लिया है. गौरतलब है कि हिमाचल में 30 पहले हाईकोर्ट के आदेश पर सरकार ने लॉटरी सिस्टम बंद कर दिया था. ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं कि उस दौरान क्यों और किस शख्स की वजह से लॉटरी सिस्टम बंद किया गया था. आपको बताते चलें कि सोलन नगर परिषद के पूर्व चेयरमैन कुल राकेश पंत की वजह से साल 1996 में हिमाचल प्रदेश में लॉटरी बैन हो गई थी. उन्होंने इस सिंगल डिजीट लॉटरी सिस्टम के खिलाफ हाईकोर्ट को चिट्टी लिखी थी, जिस पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए इसे बैन कर दिया गया था। मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि सिंगल डिजिट लॉटरी की वजह से उस समय लोग बर्बाद होने लगे थे. शिमला, सोलन वह अन्य इलाकों में सभी लोग लॉटरी लेने के लिए रोजाना उमड़ पड़ते थे. सोलन माल रोड पर तो मजदूर से लेकर सरकारी कर्मचारियों का जमावड़ा लग जाता था और फिर हर आधे घंटे बाद लॉटरी का इनाम घोषित किया जाता था. यहां तक कि एक सरकारी कर्मचारी ने तो अपनी रिटायरमेंट की कमाई लॉटरी में गंवा दी थी. उन्होंने कहा कि अभी देखना होगा कि किस तरह का लॉटरी सिस्टम लागू होता है. अगर सिंगल डिजिट लॉटरी सिस्टम लागू हुआ तो वह फिर से आवाज बुलंद करेंगे. कुल राकेश पंत ने हाईकोर्ट को खत लिखा था और 17 अप्रैल 1996 को आए फैसले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सिंगल-डिजिट लॉटरी की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. उस दौरान मुख्य न्यायाधीश एसएन फुकन और न्यायमूर्ति एल एस पंत की खंडपीठ ने यह आदेश जारी किए थे।

शिक्षा निदेशालय ने दिए हेड ऑफ अकाउंट्स के कोड बदलने के निर्देश

शिमला: हिमाचल प्रदेश शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक और उच्च विद्यालयों के प्रधानाचार्यों व मुख्याध्यापकों को निर्देश जारी किए हैं कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान हेड ऑफ अकाउंट्स कोड 207-एजुकेशन से बदलकर 220-स्कूल एजुकेशन कर दिया जाएगा। इस संबंध में निदेशालय द्वारा सचिव (शिक्षा) के पत्र का हवाला देते हुए बताया गया कि अब बजट का आवंटन नए कोड के तहत किया जाएगा। जारी आदेश के अनुसार जिन मदों को इस नई व्यवस्था के तहत स्थानांतरित किया जा रहा है, उनमें सेकेंडरी स्कूल्स (डिमांड नंबर 08), हाई स्कूल (एमएनपी को छोड़कर) से जुड़ा खर्च (डिमांड नंबर 31) और सेकेंडरी स्कूल्स (डिमांड नंबर 32) शामिल हैं। आदेश में कहा गया है कि विभाग के सभी डीडीओ (ड्रॉइंग एंड डिसबर्सिंग ऑफिसर) अब 1 अगस्त 2025 से कोड 207-एजुकेशन के तहत आवंटित बजट को वापस करेंगे। जब तक हेड ऑफ अकाउंट्स को बदलने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तब तक कोड 207 के तहत कोई नया आवंटन नहीं किया जाएगा। शिफ्टिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद आगे का बजट आवंटन निदेशक स्कूल शिक्षा द्वारा किया जाएगा। शिक्षा निदेशालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि सभी डीडीओ तुरंत प्रभाव से विभिन्न मदों में पहले से तैयार किए गए बिलों को वापस लें, ताकि कोड 207-एजुकेशन से कोड 220-स्कूल एजुकेशन में बदलाव की प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरी हो सके।