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हिमाचल सरकार ने 1000 करोड़ का नया कर्ज लिया; हिमाचल प्रदेश पर कुल कर्ज 1 लाख करोड़ पार

लाइव हिमाचल/शिमला : आर्थिक संकट और आपदा से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश में कर्ज का मर्ज बढ़ता जा रहा है और यह एक लाख पार हो गया है. अब दोबारा सुक्खू सरकार कर्ज लेने जा रही है. इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है. जानकारी के अनुसार, हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने 1000 करोड़ रुपये का कर्ज लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके लिए राज्य सरकार ने 24 जुलाई 2025 को एक अधिसूचना जारी की है. यह कर्ज 22 वर्षों के लिए लिया जाएगा और इसे सरकारी प्रतिभूतियों (Government Stock) के रूप में बाजार में उतारा जाएगा. सरकारी स्टॉक की नीलामी 29 जुलाई 2025 को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के मुंबई स्थित कार्यालय में होगी. यह प्रक्रिया ई-क्यूबर (E-Kuber) इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म के माध्यम से सुबह 10:30 बजे से 11:30 बजे तक आयोजित की जाएगी. वित्त विभाग के प्रमुख सचिव देवेश कुमार की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि राज्य सरकार को इस कर्ज के लिए केंद्र सरकार की औपचारिक मंज़ूरी प्राप्त हो चुकी है. अधिसूचना में कहा गया है कि यह राशि राज्य में चल रही विभिन्न विकास योजनाओं पर खर्च की जाएगी. नीलामी में सफल बोलीदाताओं को 30 जुलाई 2025 को भुगतान करना होगा. इसी दिन से स्टॉक की 22 वर्षीय अवधि शुरू मानी जाएगी, जो 30 जुलाई 2047 को समाप्त होगी. इस स्टॉक पर मिलने वाली ब्याज दर नीलामी के दौरान तय होगी, जिसे “कट-ऑफ यील्ड” कहा जाता है. ब्याज का भुगतान वर्ष में दो बार — 30 जनवरी और 30 जुलाई को किया जाएगा. आपदा के बीच सरकार को बीते दो साल से आर्थिक संकट का सामाना करना पड़ा है. सरकार को हर महीने पेंशन, सैलरी और लोन हटाने के लिए 3 हजार करोड़ रुपये की जरूरत रहती है. बीते समय में सरकारी कर्मचारियों की पेशन और सैलरी के भुगतान का मुद्दा भी काफी गर्माया था. इससे पहले, अप्रैल महीने में भी सरकार ने 900 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था. वहीं, वित्त वर्ष खत्म होने से पहले मार्च में भी दो बार 337 करोड़ और दूसरी बार 322 करोड़ का ऋण लिया था. गौरतलब है कि 31 मार्च, 2023 तक राज्य पर 76,185 करोड़ रुपए कर्ज था. लेकिन उसके बाद वर्तमान सरकार ने अब तक 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक कर्जा लिया है. हालांकि, इसे सरकार चुका भी रही है लेकिन हिमाचल प्रदेश पर अब एक लाख करोड़ कर्ज चढ़ गया है।

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