



दिल्ली: कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में हुए OBC नेतृत्व भागीदारी न्याय सम्मेलन में जाति जनगणना को लेकर एक अहम और आत्ममंथन भरा बयान दिया। राहुल गांधी ने स्वीकार किया कि कांग्रेस सरकार के समय जातिगत जनगणना न करवाना एक बड़ी गलती थी और इसे उन्होंने अपनी व्यक्तिगत चूक बताया। राहुल गांधी ने कहा, “मुझे राजनीति करते हुए 21 साल हो गए हैं। जब मैं पीछे देखता हूं, तो समझ आता है कि मैंने कुछ चीजें सही कीं, जैसे जमीन अधिग्रहण कानून, मनरेगा और नियमगिरी की लड़ाई। लेकिन एक बड़ी गलती मैंने की, ओबीसी समाज की पूरी तरह से रक्षा नहीं कर पाया।” उन्होंने आगे कहा कि “जातिगत जनगणना उस समय करवा देनी चाहिए थी, लेकिन मैं ओबीसी वर्ग की समस्याओं को गहराई से समझ नहीं पाया। ये मेरी कमी थी। लेकिन अब मैं इसे सुधारना चाहता हूं। राहुल गांधी ने वादा किया कि “अब मैंने ठान लिया है जातिगत जनगणना करवा कर रहूंगा। यह पहला कदम है। मेरा लक्ष्य है कि पिछड़े, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक वर्गों को सही सम्मान और भागीदारी मिले।” उन्होंने कहा कि जिस तरह कांग्रेस ने तेलंगाना में पिछड़े वर्गों को सम्मान दिया, वही अब पूरे देश में किया जाएगा। राहुल गांधी ने बजट प्रक्रिया का उदाहरण देते हुए कहा, “देश की 90% आबादी पिछड़े, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यकों की है। लेकिन जब बजट बनता है और हलवा बंटता है, तो वहां इस 90% का कोई नहीं होता।” उन्होंने कहा, “हलवा आप बनाते हैं, लेकिन खाते कोई और हैं। हम यह नहीं कहते कि उन्हें न मिले, लेकिन आपको भी तो मिलना चाहिए। राहुल गांधी ने कहा कि आप प्रियंका गांधी से पूछ सकते हैं, अगर राहुल किसी बात पर ठान ले तो उसे छोड़ता नहीं है। उन्होंने कहा, “जातिगत जनगणना मेरा संकल्प है, मैं इसे पूरा करके ही रहूंगा।