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माता चिंतपूर्णी मेला आज से शुरू, श्रद्धालुओं के लिए की गईं विशेष व्यवस्था…इन चीजों पर लगी रोक

कांगड़ा: माता चिंतपूर्णी का प्रसिद्ध मेला आज से शुरू हो गया है, जो आगामी 3 अगस्त तक श्रद्धालुओं के लिए खुला रहेगा। यह मेला श्रवण अष्टमी के विशेष अवसर पर आयोजित किया जाता है और हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां माता के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। इस बार भी मेला अपनी भव्यता और आस्था के साथ श्रद्धालुओं का दिल जीतने के लिए तैयार है। माता श्री चिंतपूर्णी माता का दरबार इस दौरान श्रद्धालुओं के लिए 24 घंटे खुला रहेगा। हालांकि, रात में एक घंटे सफाई कार्य के लिए मंदिर बंद रहेगा और दिन के कुछ समय के लिए सजावट और प्रसाद चढ़ाने के लिए मंदिर में कुछ समय के लिए अस्थायी रूप से बंद किया जाएगा। श्रद्धालुओं के लिए यह विशेष व्यवस्था की गई है ताकि वे बिना किसी रुकावट के अपनी आस्था के अनुसार माता के दर्शन कर सकें। मेले के आयोजन को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। एसडीएम सचिन शर्मा ने बताया कि मेले में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस द्वारा विशेष निगरानी रखी जा रही है। इस बार श्रद्धालुओं से कुछ खास नियमों का पालन करने की अपील की गई है। मेले के दौरान श्रद्धालुओं और अन्य व्यक्तियों को किसी भी प्रकार के हथियार लाने की अनुमति नहीं होगी। केवल तैनात सुरक्षा बल के पास ही हथियार होंगे। मेले के दौरान बैंड, ढोल, और लंबे चिमटे लाने पर भी प्रतिबंध रहेगा, ताकि धार्मिक माहौल बनाए रखा जा सके और सुरक्षा में कोई समस्या उत्पन्न न हो। माता के दरबार को विशेष रूप से सजाया गया है। मंदिर को रंग-बिरंगे फूलों से सुसज्जित किया गया है, जो भक्तों की आस्था और भक्ति को और भी प्रगाढ़ बना रहे हैं। इस भव्यता के बीच, श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए दूर-दूर से आ रहे हैं। हर कोने में श्रद्धालुओं का उमड़ा हुआ हुजूम साफ नजर आ रहा है, जो इस मेले को एक अलौकिक रूप दे रहा है। इस बार श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई है ताकि उनका अनुभव सहज और सुखद हो। पानी, शुद्ध भोजन, और शौचालय जैसी सुविधाएं मेले में उपलब्ध रहेंगी। प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि किसी प्रकार की असुविधा न हो और भक्त पूरी श्रद्धा के साथ माता के दरबार में हाजिरी लगा सकें। यह मेला न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को भी दर्शाता है। श्रद्धालु इस अवसर का लाभ उठाकर माता के दरबार में अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए पहुंचे हैं। सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध किया गया है कि वे प्रशासन द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करें और अपने धार्मिक अनुभव को शांतिपूर्ण और सुरक्षित बनाएं।

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