



दिल्ली: भारतीय सेना को मंगलवार को एक बड़ी कामयाबी मिली, जब उसे अपाचे अटैक हेलीकॉप्टरों की पहली खेप मिल गई। ये हेलीकॉप्टर हिंडन एयरबेस पर पहुंचे हैं और सेना की हवाई ताकत को और मजबूत करेंगे। भारतीय सेना ने सोशल मीडिया पर इस मौके को “एक मील का पत्थर” बताया और कहा कि इन अत्याधुनिक हेलीकॉप्टरों के आने से सेना की ऑपरेशनल यानी लड़ाकू क्षमताओं में बड़ा सुधार होगा।
पहले से वायुसेना के पास हैं अपाचे
गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना पहले से ही 22 अपाचे हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल कर रही है। उन्हें लद्दाख और पश्चिमी सीमाओं पर तैनात किया गया है। अब पहली बार भारतीय थल सेना को भी ये हेलीकॉप्टर मिल गए हैं, जिससे जमीनी ऑपरेशनों में जबरदस्त मदद मिलेगी। यह दुनिया के सबसे घातक अटैक हेलीकॉप्टरों में से एक है। इसमें लगे हथियारों में शामिल हैं, हेलफ़ायर मिसाइलें (हवा से ज़मीन पर हमला) हाइड्रा रॉकेट, स्टिंगर मिसाइलें (हवा से हवा में हमला) और 30 मिमी की चेन गन जो 1200 राउंड तक फायर कर सकती है। इसके 360° फायर कंट्रोल रडार, नाइट विजन सेंसर, और लक्ष्य पहचान प्रणाली इसे किसी भी समय, किसी भी परिस्थिति में हमला करने में सक्षम बनाते हैं।
AH-64E v6: अपाचे का सबसे आधुनिक वर्जन
भारतीय सेना को जो संस्करण मिला है, वह AH-64E v6 है। यह अपाचे हेलीकॉप्टर का सबसे आधुनिक और उन्नत संस्करण है, जिसे खासतौर पर मल्टी-डोमेन ऑपरेशन्स (MDO) के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसका मतलब है कि यह हेलीकॉप्टर थल, वायु और साइबर जैसे सभी युद्ध क्षेत्रों में एक साथ काम करने की क्षमता रखता है। इसमें ऐसे कई सेंसर और सिस्टम लगे हैं जो इसे दूर से हमला करने की क्षमता देते हैं,battlefield में नेटवर्क से जुड़कर काम करने की ताकत देते हैं,और सेना के अन्य हथियारों और सिस्टम के साथ मिलकर पूरी रणनीति का हिस्सा बनाते हैं।