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हिमाचल में शून्य छात्र संख्या वाले 80 विद्यालय होंगे बंद, लड़कों-लड़कियों के 87 स्कूल होंगे मर्ज

लाइव हिमाचल/शिमला: हिमाचल के 80 प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में एक भी छात्र नहीं है। चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान एक भी किसी भी विद्यार्थी ने यहां दाखिला नहीं लिया है। बुधवार को शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में हुई स्कूल शिक्षा निदेशालय की बैठक में ये आंकड़े सामने आए हैं। बैठक में इन स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया है। इसके अलावा कम छात्र संख्या वाले लड़कियों व लड़कों के 87 स्कूलों को मर्ज कर सह शिक्षा वाले स्कूलों में तबदील कर दिया जाएगा। नजदीकी स्कूलों से शुरुआत होगी। ऐसे एक स्कूल में सह शिक्षा की पहली से दसवीं तक कक्षाएं चलेंगी और दूसरे स्कूल में ग्यारहवीं और बारहवीं की कक्षाएं होंगी। जो स्कूल बंद होंगे, उनमें कार्यरत शिक्षकों और गैर शिक्षकों को सरप्लस पूल में शामिल कर अन्य शैक्षणिक संस्थानों में स्थानांतरित किया जाएगा। बैठक में फैसला लिया गया कि दस तक छात्र संख्या वाले उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों का दर्जा कम होगा। 20 से 25 विद्यार्थियों वाले हाई और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल पांच किलोमीटर के दायरे में समायोजित होंगे। उपनिदेशकों से ऐसे स्कूलों की एक सप्ताह में जानकारी मांगी गई है। शैक्षणिक भ्रमण पर सिंगापुर गए कई शिक्षकों ने बैठक में अपने अनुभव साझा किए। बैठक में अधिकांश शिक्षा उपनिदेशकों ने बताया कि उनके जिलों में कई ऐसे स्कूल हैं, जहां इस बार कोई दाखिला नहीं हुआ। सभी जिलों से दी गई जानकारी के हिसाब से प्रदेश भर में ऐसे स्कूलों की संख्या करीब 80 पाई गई। बुधवार सुबह 11 बजे शुरू हुई समीक्षा बैठक शाम करीब साढ़े सात बजे तक चली। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बैठक में बताया कि लड़के-लड़कियों के स्कूलों को सह शिक्षा वाले स्कूलों में तबदील करने की शुरुआत उनके विधानसभा क्षेत्र जुब्बल-कोटखाई से होगी। अधिकारियों ने बताया कि 10 से कम संख्या वाले हाई स्कूलों का दर्जा कम कर मिडल किया जाएगा। ऐसे वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों का दर्जा कम कर हाई किया जाएगा। स्कूल बंद करने के फैसलों का विरोध होने पर सरकार ने अब स्कूलों का दर्जा घटाने का फैसला लिया है। जिन स्कूलों का दर्जा घटेगा, वहां पढ़ रहे बच्चों को अन्य स्कूलों में शिफ्ट किया जाएगा। विद्यार्थियों की कम संख्या वाले प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों के स्कूलों को मर्ज करने के लिए अलग से नियम तैयार करने का फैसला भी लिया गया। इन क्षेत्रों में विद्यार्थियों को ट्रांसपोर्ट भत्ता दिया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने इस बाबत विभागीय अधिकारियों को जल्द प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए है।

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