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प्राकृतिक उत्पादों की बिक्री के लिए इच्छुक किसानों के पंजीकरण के लिए विशेष अभियान आरंभ…

शिमला: प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि प्राकृतिक रूप से उगाई गई फसलों के बेचने के इच्छुक किसानों का पंजीकरण करने के लिए एक माह का विशेष अभियान आज से आरम्भ किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कृषि विभाग को इस अभियान को प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में मिशन मोड पर चलाने के निर्देश दिए हैं ताकि अधिक से अधिक किसानों को लाभान्वित किया जा सके। प्रवक्ता ने बताया कि यह अभियान इस वर्ष 15 जून तक चलेगा। इसके उपरांत प्रदेश सरकार द्वारा बजट का प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग की ओर से शिविर लगाकर किसानों का योजना के तहत पंजीकरण किया जाएगा। विभाग द्वारा खण्ड स्तर के अधिकारियों को किसानों की हर सम्भव सहायता प्रदान करने और अभियान से जुड़ी उनकी शंकाओं का समाधान करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक रूप से उगाई गई गेहूं, मक्की, कच्ची हल्दी और जौ के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने की पहल की है। राज्य सरकार ने प्राकृतिक रूप से उगाई गई गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 40 रुपये से बढ़ाकर 60 रुपये प्रति किलोग्राम और मक्की के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 30 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये प्रति किलोग्राम किया है। इसके अतिरिक्त, प्राकृतिक रूप से उगाई गई कच्ची हल्दी के लिए एमएसपी 90 रुपये प्रति किलोग्राम और चंबा जिला के पांगी ब्लॉक में पैदा होने वाली जौ के लिए 60 रुपये प्रति किलोग्राम एमएसपी निर्धारित की गई है। प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री की इस अभिनव पहल का उद्देश्य प्राकृतिक रूप से उगाए गए कृषि उत्पादों को एमएसपी प्रदान कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। प्रदेश में दी जाने वाली एमएसपी देश में सबसे अधिक है। इसके अतिरिक्त, हजारों पशुपालकों को लाभान्वित करने के लिए, राज्य सरकार 51 रुपये प्रति लीटर की दर से गाय का दूध भी खरीद रही है, जबकि भैंस के दूध के लिए 61 रुपये प्रति लीटर एमएसपी निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने और पशुपालकों की आर्थिकी सुदृढ़ करने के लिए उठाए गए इन प्रगतिशील कदमों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हो रही है।

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