



नेशनल डेस्क: ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की प्रमुख और प्रतिष्ठित आध्यात्मिक साधिका राजयोगिनी दादी रतन मोहिनी का निधन हो गया। वह 101 वर्ष की थी। सेहत समस्याओं के चलते उन्हें अहमदाबाद के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने 1 बजकर 20 मिनट पर अंतिम सांस ली। उनके निधन के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुख जताया है।
उन्हें ज्ञान की किरण के रूप में याद किया जाएगा
प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, ”दादी रतन मोहिनी जी की आध्यात्मिक उपस्थिति बहुत ही शानदार थी। उन्हें प्रकाश, ज्ञान और करुणा की किरण के रूप में याद किया जाएगा। उनकी जीवन यात्रा, गहरी आस्था, सादगी और सेवा के प्रति अडिग प्रतिबद्धता में निहित है, जो आने वाले समय में कई लोगों को प्रेरित करेगी। उन्होंने ब्रह्माकुमारीज़ के वैश्विक आंदोलन को उत्कृष्ट नेतृत्व प्रदान किया। उनकी विनम्रता, धैर्य, विचारों की स्पष्टता और दयालुता हमेशा सबसे अलग रही। वह उन सभी के लिए मार्ग प्रशस्त करती रहेंगी जो शांति चाहते हैं और हमारे समाज को बेहतर बनाना चाहते हैं। मैं उनके साथ अपनी बातचीत को कभी नहीं भूलूंगा। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएँ उनके प्रशंसकों और ब्रह्माकुमारीज़ के वैश्विक आंदोलन के साथ हैं। ओम शांति। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी उनके निधन पर दुख जताया है। उन्होंने कहा, ”दादी रतन मोहिनी जी के निधन के बारे में जानकर मुझे बहुत दुख हुआ है। वे ब्रह्माकुमारी संस्था का एक प्रकाश-स्तंभ थीं। इस संस्थान ने मेरी जीवन यात्रा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। दादी रतन मोहिनी जी ने अपनी शिक्षाओं और कार्यों से अनगिनत लोगों की सोच और जीवन को संवारा। सेवा, सद्भाव, शांति और परोपकार के संदेश का प्रसार उन्होंने आजीवन किया। उनकी शिक्षाएं लोगों को अध्यात्म के मार्ग पर चलने और जन-कल्याण-कार्यों के लिए प्रेरित करती रहेंगी। मैं पूरे विश्व में विद्यमान ब्रह्माकुमारी परिवार के सभी सदस्यों एवं इस संस्था के शुभचिंतकों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करती हूं। सीएम योगी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ’ब्रह्माकुमारी संस्था की मुख्य व्यवस्थापिका आदरणीय राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी जी का निधन अत्यंत दु:खद एवं आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। उनकी विनम्रता, सेवा भावना, धैर्य, करुणा, विचारों की स्पष्टता, भारतीय संस्कृति और मूल्यों के प्रसार के लिए उनके अतुल्य योगदान सदैव स्मरणीय एवं प्रेरणाप्रद रहेंगे।’ उन्होंने आगे लिखा, ’ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को सद्गति एवं शोकाकुल ब्रह्माकुमारी परिवार तथा उनके अनुयायियों को यह अथाह दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
उत्तराखंड के सीएम धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ’ब्रह्माकुमारी संस्थान की मुख्य व्यवस्थापिका परम पूज्य राजयोगिनी रतनमोहिनी दादी जी के देहावसान का समाचार अत्यंत दु:खद है। उन्होंने अपने संपूर्ण जीवन को भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक जागरण के प्रचार-प्रसार हेतु समर्पति किया। दादी जी का तपस्वी जीवन हम सभी के लिए प्रेरणास्नेत रहेगा। ईश्वर से प्रार्थना है कि पुण्यात्मा को श्रीचरणों में स्थान प्रदान करें। विनम्र श्रद्धांजलि। गौरतलब है कि ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की प्रमुख और प्रतिष्ठित आध्यात्मिक साधिका राजयोगिनी दादी रतन मोहिनी का सोमवार देर रात को 101 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। उन्होंने अहमदाबाद के जाइडस अस्पताल में अंतिम सांस ली। 10 अप्रैल को दादी रतनमोहिनी का अंतिम संस्कार किया जाएगा।