



बिलासपुर : मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शिमला में आयोजित एक कार्यक्रम में जिला सुशासन सूचकांक की वार्षिक रिपोर्ट जारी करते हुए बिलासपुर जिले को शानदार सफलता प्राप्त करने की घोषणा की। इस रिपोर्ट में प्रदेश के 8 प्रमुख विषयों, 19 केंद्र बिंदुओं और 90 विशिष्ट कारकों का आकलन किया गया। बिलासपुर ने राज्य स्तरीय प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार करते हुए पांचवें स्थान से दूसरे स्थान पर छलांग लगाई। इस उपलब्धि के लिए बिलासपुर को 35 लाख रुपए का द्वितीय पुरस्कार भी दिया गया। मुख्यमंत्री ने उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में बिलासपुर जिले ने गवर्नेंस के उच्च मानकों को स्थापित किया है, जो पूरे राज्य के लिए एक आदर्श बन गया है। सुक्खू ने जोर दिया कि जनकल्याण, पारदर्शिता और जवाबदेही पर आधारित सुशासन का मॉडल बिलासपुर ने सफलतापूर्वक लागू किया है। उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने इस सफलता का श्रेय जिले के अधिकारियों और कर्मचारियों की कड़ी मेहनत को दिया। उन्होंने कहा कि बेहतर समन्वय, प्रभावी शिकायत निवारण प्रणाली, और जन-उन्मुख योजनाओं के जरिए प्रशासनिक सुधारों को जन-हित में प्रभावी बनाया गया है। उन्होंने उल्लेख किया कि जनता के विश्वास को बढ़ाने के लिए प्रशासन ने तकनीकी समाधानों का भी लाभ उठाया है, जिसके परिणामस्वरूप सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता और त्वरितता आई है। उपायुक्त के कार्यकाल में ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण पहल की गई। उन्होंने डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना कर ज्ञान के क्षेत्र में एक नई दिशा दी और स्पेस लैब के जरिए छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान में नई संभावनाएं प्रदान की। इसके अलावा, वॉटर स्पोर्ट्स के जरिए पर्यटन को बढ़ावा देने और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने में भी सफलता मिली है। उनकी कार्यशैली में जन-संवेदनशीलता और सहानुभूति विशेष रूप से देखने को मिलती है, जिससे आम जनता को अपने समस्याओं के समाधान के लिए एक सुलभ और उत्तरदायी अधिकारी मिल जाता है। उनके नेतृत्व में, बिलासपुर ने सुशासन के नए आयाम स्थापित किए हैं, और यह जिले के विकास और नवाचार का प्रतीक बन गया है। इस उपलब्धि ने बिलासपुर को केवल प्रशासनिक सुधारों में ही नहीं, बल्कि पर्यटन, शिक्षा और तकनीकी क्षेत्रों में भी एक नया मुकाम हासिल करने में मदद की है।