09 व 11 नवम्बर को विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी…

सोलन: हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड सोलन से प्राप्त जानकारी के अनुसार 33/11 के.वी. उप-केन्द्र औच्छघाट के रखरखाव के दृष्टिगत 09 व 11 नवम्बर, 2024 को विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। यह जानकारी अतिरिक्त अधीक्षण अभियंता सोलन राहुल वर्मा ने दी। राहुल वर्मा ने कहा कि 09 नवम्बर, 2024 को प्रातः 10.00 बजे से दोपहर 01.00 बजे तक नंदल, गवाहली, नगाली, दौलांजी, कालाघाट, टटुल, शूलिनी विश्वविद्यालय, मंझोली एवं आस-पास के क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। उन्होंने कहा कि इसी दिन दोपहर 02.00 से सांय 05.00 बजे तक नौणी बाजार, शमरोड़, रंगाह, धारों की धार, कोईघाट, बदलेच एवं आस-पास के क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। राहुल वर्मा ने कहा कि 11 नवम्बर, 2024 को प्रातः 10.00 बजे से दोपहर 01.00 बजे तक औच्छघाट, जटोली, कोठों, बावरा, कुन्डला, मंझगांव एवं आस-पास के क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी।

उन्होंने कहा कि इसी दिन दोपहर 02.00 बजे से सांय 05.00 बजे तक दीपक एग्रो, पंडाह, थुरान, जोहड़ी, नौणी विश्वविद्यालय एवं आस-पास के क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। उन्होंने कहा कि किन्ही अपरिहार्य कारणों तथा खराब मौसम के कारण उपरोक्त तिथि तथा समय में परिवर्तन किया जा सकता है। उन्होंने उपभोक्ताओं से सहयोग की अपील की है।

मेडिकल डिवाइस पार्क खोलेगा उन्नति के नए द्वार…

सोलन: सोलन के नालागढ़ उपमण्डल की ग्राम पंचायत मंझोली के घीड़ तथा तैलीवाला गांव में प्रदेश सरकार द्वारा मेडिकल डिवाइस पार्क का निर्माण किया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा मेडिकल डिवाइस पार्क के निर्माण पर 349.83 करोड़ रुपए की राशि व्यय की जा रही है। मेडिकल डिवाइस पार्क के बनने से जहां राज्य की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी वहीं प्रदेश के युवाओं के लिए यह पार्क वरदान सिद्ध होगा। पार्क लगभग 1623 बीघा भूमि पर निर्मित किया जा रहा है। मेडिकल डिवाइस पार्क के पहले चरण का कार्य पूर्ण हो चुका है, दूसरे चरण का कार्य अंतिम पड़ाव पर है। मेडिकल डिवाइस पार्क में कैंसर केयर, रेडियोथेरेपी, रेडियोलाजी एंड इमेजिंग, इंप्लांटेबल तथा दंत चिकित्सा, स्टेंट व हड्डी जोड़ने सहित अन्य करीब 150 चिकित्सा उपकरणों का उत्पादन किया जाएगा।

मेडिकल डिवाइस पार्क की भूमि को समतल करने के लिए लगभग 83.39 करोड़ रुपए, पार्क के मार्गों के निर्माण पर 31.35 करोड़ रुपए, पानी निकासी कार्य पर 12.46 करोड़ रुपए, विद्युत वितरण नेटवर्क पर 25.05 करोड़ रुपए तथा जलापूर्ति के लिए 7.79 करोड़ रुपए प्रदेश सरकार द्वारा व्यय किए जा रहे हैं।
मेडिकल डिवाइस पार्क में 3डी डिजाइन, रैपिड प्रोटोटाइप तथा टूलिंग लैब पर 27.91 करोड़ रुपए, सॉफ्टवेयर, डाटा ऐनालिटिक्ट ज़ोन तथा इंटरनेट ऑफ मेडिकल थिंग्स (आई.ओ.एम.टी.) लैब पर 14.2 करोड़ रुपए तथा एक बड़े केन्द्रीय गोदाम पर 22.2 करोड़ रुपए व्यय किए जा रहे हैं।
‘वन स्टॉप डेस्टिनेशन’ के रूप में विकसित किए जा रहे मेडिकल डिवाइस पार्क में प्रयोगशालाएं और केन्द्र सुविधाएं होंगी, जो एक केन्द्रीकृत स्थान पर विधिक प्रकार के परीक्षणों को सुव्यवस्थित करेंगी। इस रणनीतिक दृष्टिकोण का उद्देश्य विनिर्माण लागत को कम करना, चिकित्सा उपकरणों के उपयोग को अनुकूलित करना और देशभर में चिकित्सा उपकरण निर्माण के लिए एक मज़बूत पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना है। प्रदेश सरकार द्वारा इस मेडिकल डिवाइस पार्क में लगभग 120 औद्योगिक प्लांट विकसित किए जाएगें, जिस पर देश व विदेश के विभिन्न उद्योग चिकित्सा उपकरणों का निर्माण करेंगे इन उद्योगों के स्थापित होने से लगभग 10 हजार लोगों को रोज़गार मिलेगा। देश में सोलन ज़िला के बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ क्षेत्र ने औद्योगिक क्षेत्र के रूप में अपनी विशेष पहचान बनाई है। बी.बी.एन. क्षेत्र जहां हिमाचल का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है वहीं यह क्षेत्र एशिया में फार्मा हब के रूप में भी जाना जाता है। क्षेत्र में देश की लगभग 35 प्रतिशत दवाओं का उत्पाद होता हैं। हिमाचल प्रदेश में मेडिकल डिवाइस पार्क के निर्माण होने से जहां बीबीएन क्षेत्र को फार्मा हब के रूप में जाना जाता है, वही इसके निर्माण के बाद इस क्षेत्र की चिकित्सा उपकरण निर्माण में भी पहचान बनेगी।

ऊर्जा नीति का पालन करे या प्रोजेक्ट वापस करे SJVNL, सीएम सुक्खू की दो टूक

शिमला : मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्रीय ऊर्जा एवं आवास मंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में दो टूक कहा कि सतलुज जलविद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) ऊर्जा नीति का पालन करे या तीन प्रोजेक्टों को हिमाचल को वापस करे। एसजेवीएनएल ने 210 मेगावाट लूहरी चरण-एक, 382 मेगावाट सुन्नी और 66 मेगावाट धौलासिद्ध जलविद्युत परियोजनाओं पर कार्यान्वयन सहमति पत्र हस्ताक्षर किए बिना ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया। हिमाचल की ऊर्जा नीति, जिसमें विद्युत परियोजनाओं से पहले 12 वर्ष के लिए 12 प्रतिशत, उसके बाद के 18 वर्ष के लिए 18 प्रतिशत और अगले 10 वर्ष के लिए 30 प्रतिशत रॉयल्टी का पालन करने को तैयार नहीं है तो हिमाचल सरकार तीनों प्रोजेक्ट को अपने अधीन लेने को तैयार है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि इन परियोजनाओं पर अब तक हुए खर्च की प्रतिपूर्ति एसजेवीएनएल को करने के लिए तैयार है। भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) से हिस्सेदारी और शानन प्रोजेक्ट के मामले को भी उठाया। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने एसजेवीएनएल को तीनों प्रोजेक्ट को लेकर 15 जनवरी 2025 तक अंतिम जवाब देने के निर्देश दिए। केंद्रीय मंत्री ने हिमाचल सरकार के साथ पीटरहाफ में ऊर्जा, स्वच्छ भारत मिशन, अम्रूत, शहरी आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सहित केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित विभिन्न शहरी विकास योजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए केंद्र से उदार वित्तीय सहायता का अनुरोध किया। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रायल्टी के मसले के अलावा बीबीएमबी से 7.19 प्रतिशत की हिस्सेदारी दिलाने और शानन प्रोजेक्ट को वापस दिलाने का मामला उठाया। उन्होंने आश्वासन दिया कि वह इस मुद्दे पर आम सहमति बनाने के लिए हितधारक राज्यों की संयुक्त बैठक बुलाएंगे। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने अधिकारियों को हिमाचल प्रदेश में पुनरुद्धार वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के कार्यान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए। इस बात पर जोर दिया कि राज्य के लिए स्मार्ट मीटरिंग सुनिश्चित करना और बिजली के नुकसान को कम करना महत्वपूर्ण है।कभी तत्कालीन पंजाब का हिस्सा नहीं रहा शानन परियोजना क्षेत्र

सुक्खू सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल को शानन परियोजना को हिमाचल को सौंपे जाने के लिए तर्क देते हुए बताया कि परियोजना का क्षेत्र कभी तत्कालीन पंजाब का हिस्सा नहीं रहा। इस पर पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1966 लागू नहीं होता। केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया कि वह अधिनियम की समीक्षा करेंगे और उसके अनुसार उचित कार्रवाई करेंगे। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) को नवंबर 1996 से अक्टूबर 2011 तक की अवधि के लिए हिमाचल प्रदेश को बकाया 13,066 मिलियन यूनिट बिजली का बकाया जारी करने का निर्देश देने का भी आग्रह किया।उन्होंने कहा कि राज्य के पक्ष में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बावजूद हिमाचल को अभी तक संबंधित राज्यों से उसका उचित हिस्सा नहीं मिला है।

हरिपुरधार की हंसिका और अंकिता करेगी राज्य स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस में जिला सिरमौर का प्रतिनिधित्व

नाहन : राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कोलर, पांवटा साहिब में 32वीं जिला स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस 2024 का आयोजन हुआ, जिसमें सिरमौर जिले के विभिन्न स्कूलों से बच्चों ने अपने प्रोजेक्ट्स और प्रस्तुतियों के माध्यम से विज्ञान और गणित के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम में सिरमौर जिले के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कई प्रतिभाशाली छात्रों ने भाग लिया।

इस प्रतियोगिता में मां भगवती पब्लिक स्कूल, हरिपुरधार की छात्राएं हंसिका ठाकुर और पूर्व छात्रा अंकिता राणा ने Mathematics Olympiad में हिस्सा लिया। दोनों छात्राओं ने अपने क्षेत्र और विद्यालय का नाम रोशन करते हुए उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और राज्य स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस के लिए चयनित हुईं। हंसिका और अंकिता का चयन विशेष रूप से उल्लेखनीय है, क्योंकि यह पहली बार है जब हरिपुरधार जैसे ग्रामीण क्षेत्र से किसी स्कूल के बच्चों ने Mathematics Olympiad में शहरी क्षेत्र के छात्रों को मात देते हुए यह उपलब्धि हासिल की है। हंसिका ठाकुर और अंकिता राणा की इस सफलता से पूरे क्षेत्र में हर्ष का माहौल है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर स्कूल की प्रधानाचार्या सविता ठाकुर ने अपनी खुशी जाहिर की और कहा कि यह पल विद्यालय और शिक्षकों के लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने कहा कि हंसिका और अंकिता ने जिस मेहनत और लगन से यह मुकाम हासिल किया है, वह अन्य छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। प्रधानाचार्या ने हंसिका और अंकिता के माता-पिता को भी बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

सीएम ने अवैध खनन व मादक पदार्थों के दुरुपयोग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की दी चेतावनी

शिमला : मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को डीसी-एसपी सम्मेलन के दूसरे दिन आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने अधिकारियों को मादक पदार्थों के दुरुपयोग और अवैध खनन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अवैध खनन को रोकने के लिए स्थानीय लोगों को शामिल करने की आवश्यकता पर जोर दे रही है। इसके साथ ही मादक पदार्थों के दुरुपयोग पर नियंत्रण के लिए आईजी स्तर के एक विशेष विंग के गठन पर भी विचार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों (डीसी) को उपमंडल स्तर पर राज्य सरकार की प्रमुख योजनाओं की समीक्षा करने और 31 दिसंबर 2024 तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। राज्य सरकार ने अधिकारियों के वार्षिक मूल्यांकन के लिए अब प्रदर्शन-आधारित संख्यात्मक ग्रेडिंग प्रणाली को अपनाया है, जो पिछली वर्णनात्मक ग्रेडिंग प्रणाली से अलग है।

सुक्खू ने अधिकारियों से एफसीए क्लीयरेंस मामलों में देरी को तत्काल समाप्त करने को कहा और किसी भी देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। हिमाचल प्रदेश दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने प्रदेश में हरित पंचायतों की स्थापना की पहल के तहत उपायुक्तों को सौर परियोजनाओं के लिए उपयुक्त भूमि की शीघ्र पहचान करने के निर्देश दिए। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से 6,000 अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रूप में गोद लिए जाने की जानकारी दी और सभी उपायुक्तों से आग्रह किया कि वे इन बच्चों को मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत अधिकतम लाभ प्रदान करें।

मुख्यमंत्री ने बेसहारा पशुओं की समस्या के समाधान के लिए उपायुक्तों को जिला मुख्यालयों पर गोशालाओं के निर्माण के लिए भूमि की पहचान करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लावारिस पशु सड़कों पर दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं और किसानों के लिए भी बड़ी समस्याएं उत्पन्न करते हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन से पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने और राज्य में हरित उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की। सम्मेलन के दौरान सात जिलों के डीसी और एसपी ने अपने-अपने जिलों में विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं की प्रगति और उपलब्धियों पर विस्तृत जानकारी साझा की। मुख्यमंत्री के साथ इस सम्मेलन में राज्य के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, पुलिस महानिदेशक अतुल वर्मा, और विभिन्न विभागों के प्रमुख अधिकारियों ने भी भाग लिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में पर्यटन, जल विद्युत, डेटा भंडारण और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में हरित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए दृढ़ प्रतिबद्ध है।

सत्ता के आगे नहीं झुकीं SP इल्मा अफरोज तो सरकार ने लंबी छुट्टी भेजा

बद्दी : हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के बद्दी की महिला एसपी इल्मा अफरोज सत्ता के आगे नहीं झुकी. बेशक सरकार और उनके ही विभाग ने तमाम कोशिशें की, लेकिन उन्होंने अपने असूलों के साथ समझौता करने से इंकार कर दिया. अब वह लंबी छुट्टी पर चली गई हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही उनका तबादला करेगी. दरअसल, हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के बद्दी का यह मामला है. यहां पर दून के विधायक राम कुमार चौधरी से एसपी इल्मा अफरोज का टकराव चल रहा था. कांग्रेस विधायक ने इस मामले में एसपी को विधानसभा से प्रिवलेज मोशन भी दिलवाया था. सता की धौंस के चलते आईपीएस इल्मा अफरोज पर दवाब बनाया जा रहा था. लेकिन वह अड़िग रही। अगस्त 2024 से ये सारा टकराव शुरू हुआ. बद्दी में अवैध खनन के मामले में पुलिस ने विधायक राम कुमार चौधरी की पत्नी की गाड़ियों के चालान काटे. इस पर एसपी और विधायक में ठन गई. रामकुमार चौधरी ने विधानसभा सत्र के दौरान गंभीर आरोप लगाए और एसपी को विधानसभा से प्रिवलेज मोशन दिलवाया था. उधऱ, हाल ही में बद्दी में एक फायरिंग कांड भी सामने आया था. कुछ ही दिन पहले खेड़ा राजपुर रोड पर एक बुलेट प्रुफ वाहन पर कई फायर किए गए थे. इस मामले में पीड़ित स्क्रेप व्यापारी रामकिशन पर गोलियां चलाई गई थी. लेकिन बाद में जांच में पता चला था कि पीड़ित बताने वाला रामकिशन ही पूरे घटनाक्रम की प्लानिंग की थी और खुद पर फायरिंग करवाई थी. फायरिंग के आरोपी को सारे राज उगल दिए थे. स्क्रेप व्यापारी रामकिशन पुलिस से लगातार ऑल इंडिया गन लाइसेंस की मांग रहा था लेकिन उसके पुराने रिकार्ड को देखते हुए पुलिस ने आवेदन को स्वीकार नहीं किया था. पुलिस ने मामले के आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद रामकिशन पर भी केस दर्ज कर लिया. सूत्रों के मुताबिक, स्क्रेप व्यापारी रामकिशन कांग्रेस के एक बड़े नेता का नजदीकी है और नेता जी इल्मा अफरोज पर लगातार इस मामले पर पर्दा डालने के लिए दवाब बनाने लगे और इसे ही मुद्दा बनाकर सत्ता पक्ष शिमला जा पहुंचा. सरकार के आदेश पर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने इल्मा अफरोज को बुलाकर मामले पर बात की तो इल्मा ने पुलिस की जांच को रोकने से साफ मना कर दिया. इस पर उन्हें लंबी छुट्टी पर जाने के लिए कहा गया है. बस इल्मा ने सत्ता के आगे झुकने के के बजाए लंबी छुट्टी या स्थानांतरण पर जाने के विकल्प को चुना है. हालांकि, अभी उनके तबादला आदेश नहीं आए हैं। एसपी बद्दी इल्मा अफरोज बुधवार को शिमला गई थी और यहां पर उनकी अफसरों के साथ मीटिंग हुई. मीटिंग के बाद एकाएक वह बद्दी लौटी और फिर अपना सामान समेटा और मां के साथ अपने घर यूपी के मुरादाबाद चली गईं.हालांकि, उनका मीडिया के सामने बयान नहीं आया है.

एएसपी को सौंपा चार्ज

बता दें कि एसपी बद्दी इल्मा अफरोज आठ महीने पहले ही यहां पर तैनात की गई थी. उनसे एक उम्दा अधिकारी के तौर पर जाना जाता है. खनन माफिया पर उन्होंने काफी शिकंजा कसा है. साथ ही वह ड्यूटी के अलावा, महिलाओं की समस्याओं के लिए दरबार भी लगाता हैं. सोशल मीडिया में एसपी के समर्थन में लोग लगातार पोस्ट डाल रहे हैं. फिलहाल, उन्होंने अपना चार्ज एएसपी को सौंपा है.

बस कहां पहुंची, एक क्लिक से मिल जाएगी पूरी जानकारी

शिमला: एचआरटीसी प्रबंधन ने बसों को रियल टाइम पैसेंजर इन्फॉर्मेशन सिस्टम से जोड़ने के बाद ट्रायल शुरू कर दिए हैं। इससे यात्रियों को ये फायदा है कि इससे उन्हें ये तुरंत पता चल जाएगा कि बस कहां पहुंची। हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की बस किस समय कहां पहुंची है, इसकी जानकारी अब सिर्फ एक क्लिक पर लोगों को मिल जाएगी। एचआरटीसी प्रबंधन ने बसों को रियल टाइम पैसेंजर इन्फॉर्मेशन सिस्टम से जोड़ने के बाद ट्रायल शुरू कर दिए हैं। पहले चरण में कुछ चुनिंदा रूटों को इस सेवा से जोड़ा जा रहा है।  सेवा पूरी तरह शुरू होने के बाद परिवहन निगम की वेबसाइट और बस अड्डों पर लगने वाली स्क्रीनों पर भी यात्रियों को बसों की लोकेशन से संबंधित पूरी जानकारी मिल जाएगी। प्रदेश सरकार ने एचआरटीसी को हाईटेक बनाने की दिशा में प्रयास शुरू कर दिए हैं। 

निगम की बसों में सफर करने वाले यात्रियों को अब घटों बसों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। आधुनिक सिस्टम की मदद से यात्री अपने मोबाइल पर निगम की वेबसाइट के जरिये बसों की लाइव लोकेशन जान सकेंगे। इतना ही नहीं, आरटीपीआईएस की मदद से बस अड्डों पर लगी स्क्रीनों पर भी यह जानकारी मिल सकेगी कि रूट पर चल रही बस कहां पहुंची है और कितनी देर में बस अड्डे पर पहुंचेगी। इसके लिए निगम मुख्यालय में एक कंट्रोल रूम भी स्थापित किया जाएगा। निगम प्रबंधन ने 6 माह के भीतर यह सेवा शुरू करने का लक्ष्य रखा है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से भी पैसेंजर इन्फॉर्मेशन सिस्टम को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। वहीं उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि एचआरटीसी की चुनिंदा बसों को रियल टाइम पैसेंजर इनफॉर्मेशन सिस्टम से जोड़ा जा रहा है। प्रमुख बस अड्डों पर लगी स्क्रीन पर यात्री बस की लाइव लोकेशन जान सकेंगे। निगम की वेबसाइट पर भी बसों की लोकेशन की जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी। 

आईआईएम सिरमौर में प्रशिक्षण लेंगे हिमाचल के 52 स्कूलों के शिक्षक

शिमला: हिमाचल प्रदेश के 52 स्कूलों के शिक्षक आईआईएम सिरमौर में प्रशिक्षण लेंगे। 52 शिक्षकों में प्रिंसिपल, सीएचटी और क्लस्टर प्रमुख शामिल हैं। वीरवार को शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने लीडरशिप डेवलपमेंट का प्रशिक्षण लेने के लिए शिक्षकों को निदेशालय से रवाना किया। हिमाचल के इतिहास में यह पहली दफा है कि प्रदेश के स्कूली शिक्षकों को आईआईएम जैसे देश के उच्च शिक्षण संस्थानों से प्रशिक्षण हासिल करने का मौका मिल रहा है। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए आईआईएम का अनुभव मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार नई सोच और नए इनिशिएटिव के साथ काम कर रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर हिमाचल में शिक्षा के विस्तार के साथ शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि आज हर क्षेत्र में नए आविष्कार हो रहे हैं और शिक्षक इसके लाभ से वंचित न रहें, इसके लिए हिमाचल के शिक्षकों को भी प्रशिक्षण देकर उनको नवीनतम जानकारियों से लैस किया जा रहा है। आईआईएम में ट्रेनिंग के माध्यम से प्रिंसिपल, सीएचटी और क्लस्टर प्रमुखों में लीडरशिप क्वालिटी का विकास होगा और वे बेहतर तरीके से स्कूलों का प्रबंधन भी कर पाएंगे। इसका असर शिक्षा की गुणवत्ता में भी देखने को मिलेगा। समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा कहा कि ऐसा करने वाले हिमाचल देश का एक मात्र राज्य है, जहां शिक्षकों को उच्चस्तरीय प्रशिक्षण देकर उनकी स्किल को बढ़ाया जा रहा है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा ने कहा कि आईआईएम से ट्रेनिंग लेना शिक्षकों के लिए एक लाइफ टाइम अचीवमेंट है।शिक्षा मंत्री ने विद्या समीक्षा केंद्र का निरीक्षण किया

शिक्षा मंत्री ने समग्र शिक्षा निदेशालय में स्थापित विद्या समीक्षा केंद्र का भी निरीक्षण किया। शिक्षा मंत्री ने स्कूलों में शिक्षकों और छात्रों की स्मार्ट अटेंडेंस के बारे में जानकारी ली। शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों से इस बारे में दिशा निर्देश भी दिए। उन्होंने शिक्षकों की 100 फीसदी स्मार्ट अटेंडेंस सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने अधिकारियों को स्मार्ट अटेंडेंस की निगरानी करने के भी निर्देश दिए।

बिलासपुर को जिला सुशासन सूचकांक में दूसरा स्थान, सीएम सुक्खू ने की सराहना

बिलासपुर : मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शिमला में आयोजित एक कार्यक्रम में जिला सुशासन सूचकांक की वार्षिक रिपोर्ट जारी करते हुए बिलासपुर जिले को शानदार सफलता प्राप्त करने की घोषणा की। इस रिपोर्ट में प्रदेश के 8 प्रमुख विषयों, 19 केंद्र बिंदुओं और 90 विशिष्ट कारकों का आकलन किया गया। बिलासपुर ने राज्य स्तरीय प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार करते हुए पांचवें स्थान से दूसरे स्थान पर छलांग लगाई। इस उपलब्धि के लिए बिलासपुर को 35 लाख रुपए का द्वितीय पुरस्कार भी दिया गया। मुख्यमंत्री ने उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में बिलासपुर जिले ने गवर्नेंस के उच्च मानकों को स्थापित किया है, जो पूरे राज्य के लिए एक आदर्श बन गया है। सुक्खू ने जोर दिया कि जनकल्याण, पारदर्शिता और जवाबदेही पर आधारित सुशासन का मॉडल बिलासपुर ने सफलतापूर्वक लागू किया है। उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने इस सफलता का श्रेय जिले के अधिकारियों और कर्मचारियों की कड़ी मेहनत को दिया। उन्होंने कहा कि बेहतर समन्वय, प्रभावी शिकायत निवारण प्रणाली, और जन-उन्मुख योजनाओं के जरिए प्रशासनिक सुधारों को जन-हित में प्रभावी बनाया गया है। उन्होंने उल्लेख किया कि जनता के विश्वास को बढ़ाने के लिए प्रशासन ने तकनीकी समाधानों का भी लाभ उठाया है, जिसके परिणामस्वरूप सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता और त्वरितता आई है। उपायुक्त के कार्यकाल में ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण पहल की गई। उन्होंने डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना कर ज्ञान के क्षेत्र में एक नई दिशा दी और स्पेस लैब के जरिए छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान में नई संभावनाएं प्रदान की। इसके अलावा, वॉटर स्पोर्ट्स के जरिए पर्यटन को बढ़ावा देने और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने में भी सफलता मिली है। उनकी कार्यशैली में जन-संवेदनशीलता और सहानुभूति विशेष रूप से देखने को मिलती है, जिससे आम जनता को अपने समस्याओं के समाधान के लिए एक सुलभ और उत्तरदायी अधिकारी मिल जाता है। उनके नेतृत्व में, बिलासपुर ने सुशासन के नए आयाम स्थापित किए हैं, और यह जिले के विकास और नवाचार का प्रतीक बन गया है। इस उपलब्धि ने बिलासपुर को केवल प्रशासनिक सुधारों में ही नहीं, बल्कि पर्यटन, शिक्षा और तकनीकी क्षेत्रों में भी एक नया मुकाम हासिल करने में मदद की है।

अजब-गजब सियासतः भाजपा ने कसा तंज, बोली- सरकार को केवल सीएम सुक्खू के समोसों की है चिंता

शिमला. हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए रेडिसन होटल से लाए गए समोसे और केस को उनके स्टाफ में बांट दिया. इस पर अब भाजपा ने सरकार को घेरा है.  भाजपा विधायक एवं मीडिया विभाग के प्रभारी रणधीर शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की जनता परेशान है और हंसी की बात तो यह है कि सरकार को मुख्यमंत्री के समोसे की चिंता है. ऐसा लगता है कि सरकार को किसी भी विकासात्मक कार्यों की चिंता नहीं है, केवल मात्र खानपान की चिंता है.

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए लाए गए समोसे से जुड़ी एक हालिया घटना ने विवाद को जन्म दे दिया है. समोसे गलती से मुख्यमंत्री के बजाय उनके सुरक्षा कर्मचारियों के पास पहुंच गए, जिसकी सीआईडी जांच करवाई गई. जांच में इस गलती को “सरकार विरोधी” कृत्य करार दिया गया, सरकार विरोधी कृत्य अपने आप में ही एक बड़ा शब्द है. यह गड़बड़ी तब हुई जब 21 अक्टूबर को सीआईडी मुख्यालय में मुख्यमंत्री के दौरे के लिए लक्कड़ बाज़ार स्थित होटल रेडिसन ब्लू से समोसे और केक के तीन डिब्बे मंगवाए गए, लेकिन, ये नाश्ते सीएम की जगह उनकी सुरक्षा टीम को परोस दिए गए. डिप्टी एसपी रैंक के एक अधिकारी ने इस गड़बड़ी की जांच की. भाजापा ने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार, आईजी रैंक के एक अधिकारी ने एक सब-इंस्पेक्टर (एसआई) को सीएम के लिए नाश्ता खरीदने का निर्देश दिया. फिर एसआई ने एक सहायक एसआई (एएसआई) और एक हेड कांस्टेबल को होटल से नाश्ता लाने का काम सौंपा. उन्होंने तीन सीलबंद डिब्बे में नाश्ते लाए और एसआई को इसके बारे में बताया. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने ड्यूटी पर मौजूद पर्यटन विभाग के कर्मचारियों से इस बारे में सलाह ली कि क्या ये स्नैक्स मुख्यमंत्री के लिए थे. उन्हें बताया गया कि ये आइटम उनके लिए बनाए गए मेनू का हिस्सा नहीं थे, जिससे भ्रम की स्थिति और बढ़ गई। भाजपा नेता ने कहा कि सीआईडी विभाग के एक अधिकारी ने एक लिखित नोट में इस घटना पर चिंता व्यक्त की. नोट में जांच रिपोर्ट में नामित लोगों पर सीआईडी और सरकारी हितों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया गया है. यह घटना हिमाचल प्रदेश के सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है. भाजपा नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री जैसे वीवीआईपी से जुड़े कार्यक्रम में इस तरह की तालमेल की दिक्कत होने से सरकारी तंत्र की फजीहत होती है.