



शिमला: नए कानून भारतीय न्याय संहिता-2023 (बीएनएस) में धार्मिक स्थल में चोरी के मामले में नई धारा जोड़ी गई है। यह आईपीसी की धारा 380 के स्थान पर बीएनएस में चोरी की धारा 305 की उपधारा 305(डी) है। जिसमें धार्मिक या पूजा स्थल को शामिल किया गया है। इसके तहत सात साल कारावास और जुर्माने की सजा का प्रावधान है। इस नई धारा से पुलिस के पास धार्मिक स्थलों में होने वाली चोरियों का रिकाॅर्ड होगा। इससे पुलिस इस प्रकार की चोरियों को अंजाम देने वाले गिरोह का रिकाॅर्ड भी रख सकेगी।
अभी पुलिस आईपीसी की धारा 380 के तहत मामला दर्ज करती थी, जिसमें अन्य घटनाओं में भी एफआईआर होती थी, लेकिन धार्मिक स्थल का अलग से कोई प्रावधान नहीं था। भोपाल पुलिस कमिश्नरेट में चोरी की सालभर में 500 से 550 के बीच एफआईआर दर्ज होती हैं। घर एवं अन्य स्थानों में चोरी होने पर आईपीसी की धारा 380 के तहत मामला दर्ज किया जाता था। जिसमें सात साल तक कारावास एवं जुर्माने की सजा थी। अब आईपीसी की धारा 380 को बीएनएस में धारा 305 किया गया है। धारा 305 में पांच उप धाराएं 305(ए), 305(बी), 305(सी), 305(डी) और 305(ई) हैं।
अलग-अलग रिकाॅर्ड भी होगा
एडीपीओ नवीन श्रीवास्तव के अनुसार बीएनएस में धारा 305(डी) धार्मिक स्थल या पूजा स्थल में चोरी के लिए जोड़ी गई है। इसके अलावा 305(ए) में किसी भी इमारत, तंबू या जहाज में जिसका उपयोग मानव आवास के रूप में किया जाता है या संपत्ति की सुरक्षा के लिए किया जाता है, यहां चोरी होने पर इस धारा में एफआईआर दर्ज होगी।