राज्यपाल ने बजट सत्र में पास किए दो विधेयक रोके, जानिए क्यों ?

शिमला : सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार में पारित दो विधेयक कानून नहीं बन पाए हैं। राजभवन ने एक को अपने पास रोके रखा है तो दूसरे को सरकार को फिर से परीक्षण के लिए भेजा है। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने जहां लोकतंत्र प्रहरी सम्मान विधेयक को अभी अपनी मंजूरी नहीं दी है, वहीं सुखाश्रय विधेयक को भी राज्य सरकार के पास कुछ बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए भेजा है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बजट सत्र के दौरान लोकतंत्र प्रहरी सम्मान निरसन विधेयक को पारित करने का प्रस्ताव किया था। भाजपा के हंगामे और वाकआउट के बीच इसे सत्ता पक्ष ने सदन में ध्वनिमत से पारित कर दिया था। इसके तहत पूर्व भाजपा सरकार ने आपातकाल के समय जेल में रहने वाले नेताओं की अलग-अलग दो श्रेणियों को 20 हजार रुपये और 12 हजार रुपये प्रति माह सम्मान राशि देने का प्रावधान किया था।सुक्खू सरकार ने इस प्रावधान को राजनीतिक और जनहित से जुड़ा न बताते हुए इसे खत्म करने का प्रस्ताव पेश किया था। इसका भाजपा नेताओं ने कड़ा विरोध किया था। अब इस विधेयक को राज्यपाल ने अपने पास ही रोक दिया है। इसी तरह सुक्खू सरकार ने हिमाचल प्रदेश सुखाश्रय विधेयक 2023 को भी पारित किया। इसमें अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट मानते हुए कई कानूनी अधिकार देने का प्रावधान किया है। भाजपा ने इस विधेयक पर भी हंगामा किया था और केंद्र सरकार के पहले से चल रहे प्रावधानों को इसमें जोड़ने की बात की थी। इसमें कुछ खामियां भी गिनाई थीं।
सूत्र के अनुसार इस पर भी राज्यपाल ने कुछ बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है और इसका परीक्षण करने की सलाह दी है। सरकार ने फाइल विधि विभाग को भेजी है। अब विधि विभाग की राय के बाद इसे फिर से राजभवन भेजा जाएगा। हालांकि, अधिकारी इस संबंध कुछ कहने से बच रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश सचिवालय व अन्य सम्बद्ध पेंशनर संघ ने नई कार्यकारिणी का किया गठन

शिमला : हिमाचल प्रदेश सचिवालय एवं अन्य सम्बद्ध पेंशनर संघ ने नई कार्यकारिणी का गठन किया। संघ ने सर्वसम्मति से नई कार्यकारिणी की कमान मदन लाल शर्मा को सौंपी गई जबकि मोहर सिंह मेहता को महासचिव नियुक्त किया गया। शिमला के पंचायत भवन पार्वती वर्मा की अध्यक्षता में नई कार्यकारिणी का गठन किया गया। जो सेवानिवृत्त सचिवालय कर्मचारियों की मांगों को सरकार के समक्ष उठाएगी। नई कार्यकारिणी में नीलम चौहान वरिष्ठ उपाध्यक्ष, भूपराम वर्मा उपाध्यक्ष, भासकर ठाकुर संयुक्त सचिव, राजेन्द्र सिंह नेगी संगठन सचिव व जगत राम को कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इसके अलावा पुष्पलता सिंघा,सीमा सूद व रमा कुमारी को कार्यकारिणी सदस्य नियुक्त किया गया है।
नवनियुक्त कार्यकारिणी का कहना है कि पेन्शनरों की भिन्न-भिन्न मांगों को सरकार के सम्मुख प्रभावकारी तरीके से उठाया जाएगा। इसके अलावा वर्तमान में पेन्शनर्ज के जो तीन गुट खड़े कर दिये गये है, उन सबको एक समान वित्तीय लाभ देकर इस विसंगति को तुरन्त प्रभाव से हटाया जाये। सरकार ने 01-01-2016 से पहले सेवानिवृत्त, 01-01-2016 के बाद तथा 01-01-2022 के बाद सेवानिवृत्त कर्मचारियों को तीन भागों में बांट दिया। 01-01-2016 से 31-12-2021 तक सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों/अधिकारियों के अच्यूटी, पेन्शन, कम्युटेशन, तथा लीव एनकैशमैनट जैसे लाखों रूपयों के वित्तीय लाभ सरकार ने अनावश्यक रूप से रोक रखे है। इस अवधि के दौरान सेवानिवृत्त कर्मचारियों की अभी तक नए वेतनमानों के अनुसार पेन्शन का निर्धारण भी लंबित है। जिसकी सैंकड़ों फाइले महालेखाकार कार्यालय में लम्बे समय से लंबित पड़ी है। इस बीच में उक्त अवधि के दौरान कई कर्मचारी तो स्वर्ग सिधार चुके हैं। मगर अभी भी उनके पैन्शन निर्धारण के मामले सरकारी स्तर पर धूल फांक रहे हैं। अतः समिति ने निर्णय लिया है कि इन मामलों को सरकार के साथ उठाया जाएगा यदि आवश्यक हुआ तो समिति न्यायालय का दरवाजा खटकाने से भी गुरेज नहीं करेगी।

Shrikhand Yatra: प्रशासन की बिना अनुमति से श्रीखंड यात्रा पर गए बिलासपुर के युवक की हुई मौत..

शिमला : श्रीखंड महादेव यात्रा पर प्रशासन की अनुमति के बिना निकले एक श्रद्धालु की मौत हो गई है। जानकारी के अनुसार श्रद्धालु की भीमडवारी के पास मौत हो गई है। उक्त श्रद्धालु जिला प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देश के विपरीत श्रीखंड महादेव यात्रा पर निकला था कि रास्ते में उसकी मौत हो गई। मृतक की पहचान राहुल शर्मा पुत्र ठाकुरदास निवासी गांव व डाकखाना कोठी तहसील घुमारवीं जिला बिलासपुर के तौर पर हुई है। एसडीएम निरमंड मनमोहन शर्मा ने बताया कि प्रशासन द्वारा अधिकारिक तौर पर 7 जुलाई से श्रीखंड महादेव की यात्रा शुरू होगी लेकिन इसके बावजूद लोग चोरी-छिपे श्रीखंड महादेव यात्रा पर निकल रहे हैं, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ है। उन्होंने बताया कि श्रद्धालु के शव को लाया जा रहा है। फिलहाल श्रद्धालु की मौत के कारण अज्ञात हैं।

07 जुलाई को विद्युत आपूर्ति रहेगी बाधित…

सोलन : हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड से प्राप्त जानकारी के अनुसार आवश्यक रखरखाव के दृष्टिगत 07 जुलाई, 2023 को सोलन ज़िला के विभिन्न क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। यह जानकारी बोर्ड के वरिष्ठ कार्यकारी अभियंता परवाणु ने दी।

उन्होंने कहा कि 07 जुलाई, 2023 को प्रातः 09.00 बजे से प्रातः 09.20 बजे तथा सांय 05.00 बजे से सांय 05.30 बजे तक धर्मपुर, कान्हो, सनवारा, सनावर, सूजी, आंजी, बठोल तथा सिहारडी, कुम्हारहट्टी, पट्टा का मोड़, हरिपुर, उदयपुर एवं खील, शक्तिघाट, जुब्बड़, जोल, नोटी, टिकटहट्टी, गड़खल, चामियां, शिल्लड़, गोड़थी, खडोग, शावली, बाडा, चाबल, बनीया, खजरेट, कोट, दधोल, मोती काॅनर, लाॅरेंस स्कूल सनावर, शिवा टाॅप, आंजी गड़सी, कोल, गडसी कुकाणा, नालवा, ईएसडी कसौली, पुलिस थाना कसौली, मुख्य बाजार कसौली, तहसील एवं न्यायालय परिसर कसौली, लोअर और अप्पर माल के कुछ क्षेत्र, मशोवरा, छातियां, बूचड़खाना, साफूमैना, मनौन, जंगेशु, भनेट, मसूलखाना, पट्टा, तीरों, छाहा, चंद्रेणी, टिपरा, शिल्लू, बनोई, थारूगड़, नरयाल, बौतंरा, पंजी, तलाला, किमूघाट, जाबली, गड़खल गांव, गड़खल बाजार, नडोह, गुशाण, दोची, शिल्ली सलोई, पानवा, खील गांव, बरगई, काफल का हारा, रोज काॅमन, डाक बंगलो, कसौली क्लब, दूरदर्शन, एम.ई.एस क्षेत्र, कसौली गांव, ब्रुअरी, सैंट मेरी स्कूल, आर एण्ड टी विंग, कचाहरखाना, गारा गांव, मध्याणा, नाहरी, गोडती, थापल, कटहेच, टोहाना, कोट बेजा, पाथरू, जंघार, औडा, चडयार, एयर फोर्स (यूनिट 1 एण्ड 2), सी.आर.आई क्षेत्र (यूनिट 1 एण्ड 2) तथा आस-पास के क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी।

उन्होंने कहा कि इसी समयावधि में क्षेत्र के बोहली, गांधीग्राम, कठार, हिम्मतपुर, प्रज्ञानी, डगशई, अनहेच, सुल्तानपुर, रामपुर, भोजनगर, नारायणी, गडयार तथा काबा क्षेत्रों में भी विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी।

उन्होंने कहा कि मौसम खराब होने की स्थिति में अथवा किसी अन्य अपरिहार्य कारणों के दृष्टिगत निर्धारित तिथि व समय में बदलाव किया जा सकता है।

उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों के उपभोक्ताओं से सहयोग की अपील की है।

निर्वाचन प्रक्रिया के विषय में ज़िला स्तरीय कार्यशाला आयोजित…

निर्वाचन नियमों इत्यादि की पूर्ण जानकारी आवश्यक – अजय यादव

सोलन : सोलन ज़िला के निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों तथा मतदान केन्द्रों की विशेष युक्तिकरण प्रक्रिया के सम्बन्ध में आज यहां ज़िला स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला की अध्यक्षता अतिरिक्त उपायुक्त सोलन अजय यादव ने की।

अजय यादव ने इस अवसर पर कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया को निर्विघ्न सम्पन्न करने में निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों एवं सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों सहित बूथ स्तर के अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। इसके लिए इन अधिकारियों को समय-समय पर विभिन्न निर्वाचन अधिनियमों एवं तकनीक के विषय में प्रशिक्षित करना आवश्यक है।

अतिरिक्त उपायुक्त ने एक दिवसीय कार्यशाला में उपस्थित सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों से आग्रह किया कि प्रशिक्षण के दौरान जन प्रतिनिधित्व अधिनियम सहित अन्य नियमों में हुए संशोधन, मतदान केन्द्रों की स्थापना एवं बदलाव के सम्बन्ध में भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा स्थापित मानक तथा ई.आर.ओ नेट के विषय में पूरी जानकारी प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि यह जानकारी मतदाता सूचियों को अद्यतन करने, मतदान केन्द्रों की नियमानुसार स्थापना करने और निर्वाचन के समय ई.आर.ओ नेट के उचित प्रयोग में लाभदायक सिद्ध होगी।

उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी राजेश डोगरा ने प्रशिक्षण कार्यशाला में सभी को मतदाता सूचियों के सम्बन्ध में विधिक प्रावधानों, प्रक्रियाओं तथा जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950, 1951 में हुए संशोधनों, निर्वाचन पंजीकरण प्रक्रिया में आधार के उपयोग और एक से अधिक अहर्ता तिथियों के विषय में विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने अवगत करवाया कि मतदान केन्द्र की स्थापना के उपरांत इनकी पूर्ण जानकारी प्रकाशित की जानी आवश्यक है।

कार्यशाला में ई.आर.ओ नेट के प्रयोग के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गई।

इस कार्यशाला का आयोजन ज़िला के सभी निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों, सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों, विधानसभा क्षेत्र स्तर के मास्टर प्रशिक्षकों और डाटा एंट्री आॅपरेटरों के लिए किया गया।

कार्यशाला में उपमण्डलाधिकारी नालागढ़ दिव्यांशु सिंगल, उपमण्डलाधिकारी अर्की यादविंदर पाल, उपमण्डलाधिकारी कसौली गौरव महाजन, तहसीलदार अर्की रमन ठाकुर, तहसीलदार सोलन मुल्तान सिंह बनयाल, तहसीलदार निर्वाचन सोलन राजेश शर्मा सहित निर्वाचन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।

AIIMS से गर्भवती महिला को रैफर करने के मामले को लेकर कमेटी हुई गठित, ADC को सौंपा जांच का जिम्मा

बिलासपुर : जिला में एम्स के डॉक्टरों ने गर्भवती महिला को खून की कमी बताकर रैफर करने के मामले में उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने सोमवार को संज्ञान लेते हुए अतिरिक्त उपायुक्त डॉ निधि पटेल की अध्यक्षता में कमेटी गठित की है। उन्होंने बताया कि यह दुर्भाग्य की बात है कि जिला में इस तरह की घटना सामने आई है। उन्होंने कहा कि गनीमत रही कि जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित है। उपायुक्त ने कहा कि भविष्य में इस तरह की घटना न हो इसके लिए अतिरिक्त उपायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी है जो कि जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। रिपोर्ट के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।

गौरतलब है कि गत दिनों उपमंडल सदर की एक गर्भवती महिला को प्रसव के लिए क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर लाया गया था। ईद की छुट्टी होने के कारण अस्पताल में गायनी चिकित्सक के न होने के कारण एम्स रैफर कर दिया गया था, जहां डॉक्टरों ने खून की कमी बता कर गर्भवती महिला को शिमला रेफर किया गया। लेकिन एंबुलेंस कर्मियों को बीच रास्ते में महिला का सुरक्षित प्रसव करवाना पड़ा।

 

हाईकोर्ट से कम्प्यूटर शिक्षकों को मिली पॉलिसी बनाने की छूट

शिमला : प्रदेश हाई कोर्ट ने सरकारी स्कूलों में आउटसोर्स आधार पर कार्यरत कम्प्यूटर शिक्षकों के लिए पॉलिसी बनाने की छूट दे दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार को यह छूट देते हुए स्पष्ट किया कि पॉलिसी बनाने में कंप्यूटर शिक्षकों की सेवाओं को नियमित करने से जुड़ी याचिकाओं का लंबित रहना सरकार के आड़े नहीं आएगा। मामले पर अगली सुनवाई 25 जुलाई को निर्धारित की गई है।न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर ने सरकार से कहा कि वह हाईकोर्ट के 5 जून 2014 के आदेशों को ध्यान में रखते हुए कम्प्यूटर शिक्षकों के लिए पॉलिसी बनाने के लिए स्वतंत्र है। वर्ष 2014 में हाईकोर्ट ने सरकार को कम्यूटर शिक्षकों की मांगों को लेकर पॉलिसी बनाने की संभावनाएं तलाशने के आदेश दिए थे। विभिन्न याचिकाकर्ताओं ने कंप्यूटर शिक्षकों की उस भर्ती नियम को चुनौती दी है, जिसके तहत विभाग ने 5 वर्ष के अनुभव को भर्ती के लिये योग्य शर्त बनाया है। पिछले 21 वर्षो से सेवाएं देने वाले कंप्यूटर शिक्षकों ने भी हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर कर कोर्ट से उनकी सेवाओं को नियमित करने के आदेश जारी करने का आग्रह किया है। कम्प्यूटर शिक्षकों ने उन्हें नियमित अध्यापकों को मिलने वाला न्यूनतम वेतनमान देने की मांग के साथ साथ उन्हें कांट्रेक्ट अथवा तदर्थ अध्यापकों के बराबर मानने के आदेशों की गुहार भी लगाई है। यह कंप्यूटर शिक्षक 2002 से सेवाएं देते आ रहे हैं।

चिड़गांव में आग की भेंट चढ़ा मकान,लाखों का नुकसान

शिमला : रोहड़ू के चिड़गांव के सुंडा भौंडा में देर शाम अग्निकांड का मामला सामने आया है। जहां दो कमरे व एक बैठक जलकर राख हो गई है। जानकारी के अनुसार घटना देर शाम 8:45 पर पेश आई। जिसकी सूचना स्थानीय लोगों द्वारा अग्निशमन विभाग को दी गई। जिसके बाद स्थानीय लोगों व अग्निशमन विभाग की टीम ने आग पर काबू पाया। लेकिन राजा राम पुत्र रामू के मकान के दो कमरे व एक बैठक जलकर राख हो गए। गनीमत यह रही कि किसी भी तरह का कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है। फिलहाल, आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। मौके पर अग्निकांड के नुकसान का जायजा लिया जा रहा है।

सीएम सुक्खू का आज शाहपुर दौरा, पालमपुर ड्रोन कॉन्क्लेव में करेंगे शिरकत

शिमला:मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज चंडीगढ़ से कांगड़ा के शाहपुर जाएंगे. शाहपुर में एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वह पालमपुर के लिए रवाना होंगे. वहीं, पालमपुर में ड्रोन कॉन्क्लेव में सीएम सुक्खू शिरकत करेंगे. इससे पहले बीते दिन मुख्यमंत्री ने मोहाली के एक निजी अस्पताल में हेल्थ चेकअप करवाया.

मोहाली में सीएम ने कराया हेल्थ चेकअप :
मुख्यमंत्री सिंह सुक्खू ने सोमवार को पैर में दर्द की शिकायत को लेकर एक बार फिर मोहाली के एक निजी अस्पताल में अपना रूटीन चेकअप करवाया. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री अब पहले से स्वस्थ महसूस कर रहे हैं. डॉक्टरों की ऑपिनियन पर वह हिमाचल भवन चंडीगढ़ में आराम कर रहे हैं. आज मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू चंडीगढ़ से सीधे कांगड़ा जिले के शाहपुर जाएंगे. शाहपुर में वह एक आधुनिक पुलिस थाने की आधारशिला रखेंगे.

ड्रोन कॉन्क्लेव में शिरकत करेंगे सीएम:

इसके बाद मुख्यमंत्री सुक्खू चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में होने वाले ड्रोन कॉन्क्लेव में शिरकत करेंगे. कॉन्क्लेव में व्यापार जगत के प्रमुख, विशेषज्ञ, शिक्षाविद और अन्य स्टेक होल्डर हिस्सा ले रहे हैं. इस तरह इस कॉन्क्लेव के माध्यम से ड्रोन के क्षेत्र में सहयोग और ज्ञान के अदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा. इस कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों के वक्ता हिमाचल में ड्रोन तकनीक के वर्तमान परिदृश्य, गवर्नेंस में ड्रोन तकनीक की भूमिका और इस क्षेत्र में रोजगार अवसरों पर अपने विचार रखेंगे. हिमाचल सरकार भी प्रदेश में ड्रोन को बढ़ावा दे रही है. ऐसे में यह कॉन्क्लेव इसके लिए कारगर साबित होगा.

SCO शिखर सम्मेलन की आज, PM मोदी करेंगे वर्चुअल शिखर सम्मेलन की मेजबानी, पाक पीएम और चीन-रूस के राष्ट्रपति होंगे शामिल

दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी मंगलवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे. वर्चुअल होने वाले इस शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के अलावा रूस की राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी शामिल होंगे. इनके साथ ही संगठन के अन्य सदस्य देशों के प्रतिनिधि में समित में शामिल होंगे. इस समित में सभी नेता क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और व्यापार जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे. नए सदस्य के रूप में ईरान भी पहली बार इस सम्मेलन में शिरकत करेगा. बता दें कि ये पहली बार है जब भारत एससीओ शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है.

इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा

सूत्रों के मुताबिक, शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में अफगानिस्तान की स्थिति, यूक्रेन संघर्ष और एससीओ सदस्य देशों के बीच सहयोग, संपर्क और व्यापार बढ़ाने पर भी चर्चा होने की उम्मीद की जा रही है. बता दें कि भारत पहली बार एससीओ के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है. इससे पहले भारत ने मई 2023 में गोवा में हुए दो दिवसीय सम्मेलन में एससीओ के विदेश मंत्रियों की मेजबानी भी की थी. बता दें कि शंघाई सहयोग संगठन (SCO) एक प्रभावशाली आर्थिक और सुरक्षा गुट है जो दुनिया के सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठन के रूप में उभरा है.

2001 में हुई थी  शंघाई सहयोग संगठन की स्थापना

बता दें कि 22 साल पहले यानी 2001 में शंघाई सहयोग संगठन की स्थापना हुई थी. जिसे रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने शंघाई में एक शिखर सम्मेलन के दौरान स्थापित किया गया था. इसके बाद साल 2017 में भारत और पाकिस्तान भी इसके स्थायी सदस्य बने. उससे पहले भारत को 2005 में एससीओ में एक पर्यवेक्षक के तौर पर शामिल किया गया था और समूह की मंत्री स्तरीय बैठकों में भी शामिल हुआ था. जिसका मुख्य उद्देश्य यूरेशियन क्षेत्र में सुरक्षा और आर्थिक सहयोग था.

रूस में वैगनर विद्रोह के बाद पुतिन की पहली बहुपक्षीय समिट

बता दें कि पिछले सप्ताह रूस में वैगनर आर्मी के विद्रोह के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पहली बार किसी बहुपक्षीय समिट में शामिल हो रहे हैं. इस समित में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के जुड़ेंगे. जिससे पाकिस्तान के कई नेता भारत से सहयोग की उम्मीद कर रहे हैं. क्योंकि इनदिनों पड़ोसी देश बड़े आर्थिक संकट से गुजर रहा है. बता दें कि शंघाई सहयोग संगठन का शिखर सम्मेलन तीन साल पहले पूर्वी लद्दाख में सीमा पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच लड़ाई के बाद से चले आ रहे गतिरोध की पृष्ठभूमि और पीएम मोदी के हाल के अमेरिकी दौरे के एक सप्ताह बाद होने जा रहा है.