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शिमला में भारी बारिश से भूस्खलन: मलबे में दबी कई गाड़ियां; एम्बुलेंस अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिरी, इन जिलों में रेड अलर्ट…

लाइव हिमाचल/शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला एक बार फिर प्रकृति के कहर का सामना कर रही है। बीते शनिवार रात से हो रही लगातार तेज बारिश के चलते विकासनगर क्षेत्र में बड़ा भूस्खलन हुआ, जिससे क्षेत्र में खड़ी पांच गाड़ियां मलबे में दब गईं। घटना काली माता मंदिर के पास की बताई जा रही है, जहां भारी मात्रा में मलबा अचानक नीचे आ गिरा।

मुख्य मार्ग बंद, ट्रैफिक पूरी तरह ठप

भूस्खलन के कारण विकासनगर का मुख्य मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है, जिससे दोनों ओर यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है। हालांकि राहत की बात यह रही कि घटना के वक्त कोई व्यक्ति मलबे की चपेट में नहीं आया। लेकिन सड़क के अवरुद्ध होने से इलाके में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मौसम विभाग ने मौसम विभाग ने ऊना, बिलासपुर, शिमला, सोलन, सिरमौर जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। जबकि हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और किन्नौर के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं, शुक्रवार रात और शनिवार सुबह प्रदेश में पांच जगह बादल फटने से कई घरों, वाहनों और सेब बगीचों को भारी नुकसान हुआ है। कुल्लू के हिड़व, शरची व बशला, रामपुर में ज्यूरी के बधाल और चंबा के चुराह में बादल फटे हैं। रामपुर के 12/20 क्षेत्र में भूस्खलन से पांच घर क्षतिग्रस्त हो गए। यहां मलबे में दबने से पिता-पुत्र घायल हुए हैं। शनिवार को मणिमहेश यात्रा मार्ग पर फंसे 6,000 श्रद्धालुओं को रेस्क्यू कर सरकारी, निजी वाहनों से उनके घर भेजा गया।

मुख्य सचिव ने बताया कि भरमौर में अभी 5,000 और चंबा में 500 मणिमहेश यात्री फंसे हैं, जिन्हें रेस्क्यू किया जा रहा है। भरमौर-पठानकोट हाईवे रजेरा से आगे बंद है। यहां 20 किलोमीटर सड़क जमींदोज हो गई है। भरमौर-पांगी, चुराह का शेष दुनिया से सड़क संपर्क कटा हुआ है। चुराह में शुक्रवार रात सतनाला पहाड़ी पर बादल फटने से बैरागढ़, देवीकोठी, टेपा, सड़क मार्ग को जोड़ने वाली सतनाला पुली, तरवाई पुल से पहले पांच पुलिया बह गईं। कुल्लू के नित्थर के बशला गांव के पास शुक्रवार रात 10:00 बजे बादल फटा। यहां चार घरों और सेब के बगीचों को नुकसान हुआ है। रामपुर में ज्यूरी के बधाल में बादल फटने से बधाल और सराहन में चार घर व बगीचे तबाह हो गए। बधाल की धराली खड्ड में बाढ़ से रात को हाईवे के कलवर्ट बंद होने से सारा पानी और मलबा रिहायशी इलाकों में घुस गया। लोगों ने रिश्तेदारों के घरों में शरण ली। यहां पिता-पुत्र मलबे में दब गए, जिन्हें ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला। कुल्लू जिले में शुक्रवार रात भारी बारिश के बीच बंजार में दो जगहों पर बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं।
बंजार के हिड़व नाला में बादल फटने से  एक घर, मछली फार्म, दो मकानों और दो मंदिरों को नुकसान हुआ है। छह घराटों के साथ वन विभाग की पुलिया और एक कार बह गई है। बंजार के शरची नाला में भी बादल फटा है, लेकिन यहां अधिक नुकसान नहीं आंका गया है। पौंग बांध से शनिवार को एक लाख 10 हजार क्यूसिक पानी छोड़ा गया। शनिवार को राजधानी शिमला समेत प्रदेश के कई इलाकों में झमाझम बारिश हुई। चंडीगढ़-मनाली हाईवे शाम को छोटे वाहनों के लिए बहाल कर दिया गया। मंडी के कटवाढी गांव में दो दुकानों, कार और इंडस्ट्री को नुकसान हुआ है। कुल्लू से मनाली वाया वामतट मार्ग पांच दिन बाद छोटे वाहनों के लिए लेह तक बहाल कर दिया है। हालांकि, किरतपुर-मनाली नेशनल हाईवे-3 कुल्लू और मनाली के बीच जगह-जगह ध्वस्त होने के कारण बंद है। प्रदेश में तीन एनएच समेत 819 सड़कें बंद हैं। 728 बिजली ट्रांसफार्मर और 456 पेयजल योजनाएं ठप हैं।

चंबा, कांगड़ा, कुल्लू में आज भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने ऊना, बिलासपुर, शिमला, सोलन, सिरमौर जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। जबकि हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और किन्नौर के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं सोलन-बड़ोग सड़क में सफर जोखिम से कम नहीं है। रविवार को हुई बारिश के बीच पहाड़ी से फिर पत्थर सड़क पर गिरे। इस कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
एम्बुलेंस अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिरी
कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर मंडी के झलोगी के पास रविवार सुबह एक बड़ा हादसा टल गया। यहां क्षतिग्रस्त सड़क से गुजर रही एक एम्बुलेंस अचानक अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गई। हादसे में एम्बुलेंस चालक घायल हो गया, जबकि गनीमत यह रही कि वाहन ब्यास नदी में समाने से कुछ ही दूरी पर रुक गया। एम्बुलेंस कुल्लू से मरीज को नेरचौक मेडिकल कॉलेज छोड़कर वापस लौट रही थी। हादसे के समय एम्बुलेंस में कोई मरीज या अन्य व्यक्ति मौजूद नहीं था। जैसे ही एम्बुलेंस झलोगी के पास क्षतिग्रस्त हिस्से से गुजरी, संतुलन बिगड़ गया और सड़क से लुढ़कते हुए खाई में जा गिरी। आसपास से गुजर रहे अन्य वाहन चालकों ने तुरंत पुलिस को हादसे की सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस व स्थानीय लोगों की मदद से चालक को बाहर निकाला गया और प्राथमिक उपचार दिलाया गया। बाद में रिकवरी वैन की मदद से एम्बुलेंस को खाई से बाहर निकाला गया। हादसे के कारण कुछ समय के लिए फोरलेन पर जाम जैसी स्थिति भी बन गई। लगातार हो रही भारी वर्षा और भूस्खलन से कीरतपुर-मनाली फोरलेन जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो चुका है।
शिमला के विकासनगर में भूस्खलन में दबीं गाड़ियां
शनिवार रात से जारी झमाझम बारिश के कारण विकासनगर स्थित काली माता मंदिर के पास भारी भूस्खलन हुआ। इस दौरान यहां खड़े वाहन मलबे की चपेट में आ गए। स्थानीय लोगों के अनुसार करीब चार से पांच गाड़ियों के दबने की आशंका है।

आपदा से किसी मणिमहेश यात्री की माैत नहीं : सीएम
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि मणिमहेश यात्रा के दौरान आई आपदा में किसी भी श्रद्धालु की मौत नहीं हुई है। जिन श्रद्धालुओं का निधन हुआ है, वे या तो दुर्घटना का शिकार हुए या सांस फूलने से उनकी जान गई है। उन्होंने बताया कि अब मणिमहेश में कोई भी श्रद्धालु फंसा नहीं है। सभी श्रद्धालुओं को भरमौर लाकर पुलिस की मौजूदगी में चंबा भेजा जा रहा है। श्रद्धालुओं को एयरलिफ्ट भी किया जा रहा है। बड़े हेलिकॉप्टर से अधिक संख्या में श्रद्धालुओं को चंबा लाने के प्रयास हैं। इसके लिए भरमौर में उपयुक्त स्थान तलाशा जा रहा है। सड़कें खोलने के लिए पोकलेन और जेसीबी तैनात कर दी गई हैं। धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। अधिक मौतों के दावों के सवाल पर सीएम ने कहा कि जिला प्रशासन के आंकड़े ही सही और प्रमाणिक हैं। कुछ श्रद्धालुओं ने पानी का सैलाब आने से लोगों के बह जाने की आशंका जताई है, लेकिन इसका कोई सबूत उपलब्ध नहीं है। बारिश से प्रभावित भरमौर और मणिमहेश यात्रा क्षेत्र का जायजा लेने पहुंचे सीएम का हेलिकाप्टर हेलीपैड पर नहीं उतर सका। इसके बाद सीएम को चंबा शहर के बाहरी हिस्से करियां स्थित हेलीपैड पर ही लौटना पड़ा। उन्होंने चौपर से ही भरमौर और मणिमहेश क्षेत्र में हुए नुकसान का हवाई जायजा लिया।

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