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शिमला में भारी बारिश से कई जगह भूस्खलन, पिता-बेटी समेत तीन की गई मौत

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शिमला : हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने एक बार फिर तबाही मचाई है। इस बार शिमला में तबाही मची है। शिमला जिले में पिछले 20 घंटों से जारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। हिमाचल प्रदेश में रेड अलर्ट के बीच शिमला जिले में तीन अलग अलग स्थानों पर लैंडस्लाइड में चार लोगों की मौत हो गई. जिले जुन्गा तहसील में लगातार बारिश ने बड़ा हादसा हुआ है. यहां पर पटवार सर्कल डबलू के उप मोहाल जोत में एक घर पर लैंडस्लाइड होने से पिता और पुत्री की मौत हो गई, जबकि पत्नी बाल बाल बच गई. इस लैंडस्लाइड में 35 वर्षीय वीरेन्द्र कुमार, पुत्र जय सिंह  और उनकी 10 वर्षीय बेटी की मौत हो गई. भूस्खलन में उनके मवेशी भी दबकर मर गए. चमत्कारिक रूप से हादसे के समय घर के बाहर मौजूद होने के कारण वीरेन्द्र कुमार की पत्नी की जान बच गई।

उधर, जिले के कोटखाई में भूस्खलन से एक घर ढहने के बाद वृद्ध महिला कलावती की मलबे में दबने से मौत हो गई.रोहडू के दयार मोली गांव में रात में भूस्खलन से कई घरों को खतरा पैदा होने के बाद 4 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया. जानकारी के अनुसार, जुब्बल तहसील की बढाल पंचायत के बाऊली गांव में मकान की दिवार गिरने की खबर हैं। जिसमें एक 23 वर्षीय युवती कनिष्का पुत्री स्वर्गीय अमर सिंह के दबने से दुखद मृत्यु हो गई है, एसडीएम जुब्बल गुरमीत नेगी ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि गांव तक पंहुचने वाली सड़क कई स्थानों पर अवरूद्ध है . प्रशासनिक अमला घटना स्थल पर पंहुच चुका है. स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार सुबह सुबह कोटखाई के गांव चोल, आदर्श नगर में भूस्खलन की वजह से एक मकान ढह गया और इस हादसे में बुजुर्ग महिला कलावती पत्नी श्री बलराम सिंह मलबे में दब गईं. ग्रामीणों ने उन्हें बचाने की भरसक कोशिश की, लेकिन दुर्भाग्यवश उनकी मौत हो गई. गौरतलब है कि शिमला जिले में भारी बारिश के चलते सोमवार को स्कूल कॉलेज सहित अन्य शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए हैं.

शिमला में कई सड़कें बाधित, पुलिस ने जारी किया अपडेट

शिमला पुलिस ने सोमवार सुबह 8 बजे तक का रोड कंडीशन बुलेटिन जारी किया है और बताया कि शिमला शहर और आसपास के अधिकांश मार्ग खुले हुए हैं, लेकिन कुछ जगहों पर भूस्खलन और मलबा गिरने से रास्ते अवरुद्ध हैं. इसमें टुटीकंडी-फागली-खल्लीनी मार्ग रामनगर के पास, खल्लीनी-बीसीएस- विकास नगर-मेहली मार्ग बीसीएस के पास, मेहली-बड़गांव-आनंदपुर-शौघी बाईपास आनंदपुर के पास, मेहली-जुन्गा मार्ग जागलो के पास बंद है. इसके अलावा, सभी रोड खुले हैं. शिमला पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे केवल आवश्यक होने पर ही यात्रा करें और बंद मार्गों से बचें और साथ ही, मौसम और सड़क की स्थिति की अपडेट जानकारी नियमित रूप से चेक करते रहें।

शिमला जिले में 10 मुख्य मार्ग और 224 लिंक सड़कें बंद

शिमला आपदा  प्रबंधन ने दस बजे एक बड़ा अपडेट दिया है और बताया कि लगातार बारिश के चलते शिमला जिला बुरी तरह प्रभावित हुआ है. जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की 1 सितंबर सुबह 10 बजे की रिपोर्ट के अनुसार जिले में 10 मुख्य सड़कें और 224 लिंक सड़कें बंद हो चुकी हैं. इससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. सबसे अधिक प्रभावित कोटखाई उपमंडल है, जहां एनएच-705 गूमा और कोकुनाला के पास बंद है. यहां 55 लिंक सड़कें भी बाधित हैं और 282 ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं. इसके अलावा 32 जगहों पर पेयजल सप्लाई भी ठप हो गई है.

कुमारसैन और रामपुर का हाल

कुमारसैन उपमंडल में भी स्थिति गंभीर है. यहां एनएच-05 बदोगी के पास बंद है. रिस्टोरेशन का कार्य जारी है, लेकिन 22 लिंक सड़कों के साथ 202 ट्रांसफार्मर ठप हैं और 74 जगहों पर पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई है. रामपुर में 2 मुख्य मार्ग और 26 लिंक सड़कें बंद हैं. यहां 148 ट्रांसफार्मर डाउन हैं और 18 जगह पानी की सप्लाई प्रभावित है.

1063 ट्रांसफार्मर हो गए हैं ठप्प

जुब्बल उपमंडल में एनएच-707 कुड्डू अंटी के पास अवरुद्ध है और 32 जगहों पर पेयजल सप्लाई ठप है. डोडराक्वार में 1 मुख्य सड़क और 2 लिंक सड़कें बंद हैं. यहां 23 ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं. जबकि चोपाल, रोहड़ू, सुन्नी और ठियोग उपमंडलों में भी कई मार्ग बाधित हुए हैं और पेयजल-विद्युत आपूर्ति पर असर पड़ा है. कुल मिलाकर पूरे शिमला जिले में अब तक 1063 ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं और 241 जगहों पर पानी की सप्लाई प्रभावित हुई है.

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