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जन-जन के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में अग्रसर ज़िला प्रशासन सोलन

सोलन: एक ज़िला के रूप में अपने अस्तित्व के 53 वर्ष पूर्ण कर चुका ज़िला सोलन आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है। अपनी भौगोलिक सीमाओं में धार्मिक, सामाजिक एवं आर्थिक महत्व के अनेक सोपान समेटे यह ज़िला वर्तमान में न केवल सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण का अगुवा बन गया है अपितु रोज़गार एवं स्वरोज़गार के नए प्रतिमान स्थापित कर रहा है। इस दिशा में सोलन ज़िला के जन-जन के जीवट को सशक्त बना रही हैं सरकार की जन कल्याणकारी योजनाएं। यह योजनाएं समाज के सभी वर्गों को सही राह दिखाकर व्यक्तिगत, ज़िला एवं प्रदेश तथा देश की तरक्की में चार चांद लगा रही हैं। ज़िला प्रशासन का सदैव यह प्रयास रहा है कि विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से आमजन के जीवन को बेहतर बनाया जाए और आर्थिक सशक्तिकरण को मज़बूत किया जा सके।


सोलन ज़िला का बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ (बी.बी.एन.) क्षेत्र हालांकि हिमाचल का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है किंतु सोलन ज़िला में औद्योगिकीकरण ने परवाणु औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना के बाद रफ्तार पकड़ी। इलेक्ट्रिॉनिक उपकरणों के लघु उद्योगों की महता को देखते हुए वर्ष 1973-74 में सोलन के चम्बाघाट में इलेक्ट्रिॉनिक परिसर की स्थापना हुई। वर्ष 1978 में ज़िला उद्योग केन्द्र की स्थापना हुई। आज बी.बी.एन. क्षेत्र प्रदेश का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है।
ज़िला में वर्तमान में 4125 औद्योगिक इकाइयां कार्यरत हैं। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में ही लगभग 460 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों के अनुरूप उद्योग स्थापित किए जा रहे हैं। ज़िला में वर्तमान में 86,000 से अधिक हिमाचली तथा 26,000 से अधिक गैर हिमाचली विभिन्न उद्योगों में कार्यरत हैं। एशिया का फार्मा हब अब समग्र औद्योगिक हब बनने की ओर अग्रसर है। प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित बनाना ज़िला प्रशासन का दायित्व है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अभी तक सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं सहित अन्य कल्याण योजनाओं तक लगभग 193 करोड़ रुपए खर्च कर 51409 पात्र लोगों को लाभान्वित किया गया है। सुखाश्रय योजना बेसहारा बच्चों का सम्बल बनकर उभरी है। सोलन ज़िला में इस योजना के तहत अभी तक 18 से 27 वर्ष आयुवर्ग के 127 बेसहारा बच्चों को सामाजिक सुरक्षा, विवाह अनुदान और आवास निर्माण के लिए 1.24 करोड़ रुपए प्रदान किए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्र के सुनियोजित विकास के लिए जहां विभिन्न योजनाओं को समयबद्ध लागू किया जा रहा है वहीं ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एकीकृत प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत सोलन विकास खण्ड के गंगा समूह डढोग की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए फूड वैन प्रदान की गई है। इस समूह की दैनिक आय 3500 रुपए तक है। स्वच्छता सुनिश्चित बनाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत इस वित्त वर्ष में अभी तक 37 सामुदायिक शौचालय तथा 603 व्यक्तिगत शौचालय निर्मित किए गए हैं। सोलन ज़िला के 1989 गांव खुले में शौच मुक्त मॉडल घोषित किया गया हैं। बेमौसमी सब्जी उत्पादन में सोलन ज़िला प्रदेश में अग्रणी है। किसानों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए कृषि उपज मण्डी समिति सोलन निरंतर प्रयासरत है। टर्मिनल सेब मण्डी परवाणु, सोलन, उप मण्डी कुनिहार तथा उप मण्डी वाकनाघाट के विभिन्न निर्माण कार्यों पर 24 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं ताकि किसानों को बेहतर अधोसंरचना एवं उन्नत सुविधाएं मिल सकें। ज़िला सोलन प्रदेश का महत्वपूर्ण औद्योगिक नगर होने के साथ-साथ सीमांत क्षेत्रों एवं अन्य राज्यों के लिए सम्पर्क का महत्वपूर्ण बिन्दु है। ऐसे स्थान पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए सघन प्रयास किए जा रहे हैं। सोलन के कथेड़ में लगभग 120 करोड़ रुपए की लागत से विश्व स्तरीय बहुविशेषज्ञ अस्पताल का निर्माण कार्य एक वर्ष के भीतर पूरा कर लिया जाएगा।
शिक्षा और फार्मा का हब बन चुका सोलन पहले से ही विश्व में मशरूम सिटी के रूप में विख्यात है। सोलन ज़िला के परिश्रमी लोगों की कर्मठता हिमाचल की प्रति व्यक्ति आय में दृष्टिगोचर होती है जो प्रदेश में सर्वोच्च प्रथम तीन में है।
ज़िला सोलन विकास के विभिन्न मानकों को मज़बूत करने के लिए निरंतर प्रयासरत है ताकि ज़िला वासियों को स्तरोन्नत सुविधाएं मिल सकें और उनके विभिन्न कार्य समय पर पूर्ण हों।

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