



दिल्ली: मालेगांव बम धमाके के केस में मुंबई की विशेष एनआईए अदालत द्वारा सभी सात आरोपियों को बरी किए जाने के बाद, भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने इस फैसले का स्वागत किया और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह केस कांग्रेस द्वारा “हिंदू आतंकवाद” का झूठा नैरेटिव फैलाने की साजिश थी, जो अब पूरी तरह उजागर और ध्वस्त हो चुकी है।
रविशंकर प्रसाद का बयान
भाजपा मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा, “कांग्रेस ने वोट बैंक की राजनीति के लिए ‘भगवा आतंकवाद’ का झूठ फैलाया। यह केस उसी साजिश का हिस्सा था। अब कोर्ट ने सब साफ कर दिया है।” उन्होंने बताया कि लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, जो कश्मीर में आतंक के खिलाफ लड़े थे, उन्हें झूठे आरोप में फंसाया गया। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर सिर्फ इसलिए आरोप लगे क्योंकि मोटरसाइकिल उनके नाम पर थी।
उन्हें जेल में इतना प्रताड़ित किया गया कि वो चलने तक में असमर्थ हो गईं। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ कांग्रेस की गंदी राजनीति थी, ताकि बहुसंख्यक समाज को बदनाम किया जा सके। लेकिन अब सच्चाई सामने आ गई है। हम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं।”
दूसरे भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया
निशिकांत दुबे (भाजपा सांसद) ने कहा कि “गृह मंत्री ने कल ही कहा था- एक हिंदू आतंकवादी नहीं हो सकता। देश के सभी आतंकी हमलों के पीछे एक ही सोच और मजहब रहा है। कांग्रेस ने ‘भगवा आतंकवाद’ का झूठ फैलाया। अब वो बेनकाब हो चुके हैं। पाकिस्तानियों को पकड़ने की बजाय देशभक्तों को फंसाया गया।”
क्या था मालेगांव धमाका केस?
तारीख: 29 सितंबर 2008
जगह: मालेगांव, महाराष्ट्र
घटना: मस्जिद के पास खड़ी एक मोटरसाइकिल में लगे बम से धमाका
मौतें: 6 लोग मारे गए, 95 घायल
जांच एजेंसी: पहले महाराष्ट्र ATS, फिर 2011 में NIA को सौंपा गया केस
आरोपी: कुल 11, जिनमें से 7 पर केस चला (प्रज्ञा ठाकुर, पुरोहित, उपाध्याय आदि)
फैसला: 2025 में सभी 7 आरोपी बरी।
एनआईए की विशेष अदालत ने कहा कि किसी भी आरोपी के खिलाफ पर्याप्त पुख़्ता सबूत नहीं हैं। कोर्ट ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA), शस्त्र अधिनियम और अन्य सभी आरोपों से सभी को बरी कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे: पीड़ित परिवार
जहां भाजपा फैसले को “सच की जीत” बता रही है, वहीं धमाके में मारे गए लोगों के परिजनों ने फैसले पर नाराज़गी जताई है। कुछ परिवारों ने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे, क्योंकि 17 साल बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिला। मालेगांव बम धमाके पर अदालत का फैसला आने के बाद यह मामला एक बार फिर राजनीति के केंद्र में आ गया है। भाजपा इसे कांग्रेस की साजिश का पर्दाफाश मान रही है, जबकि पीड़ित परिवार इसे अधूरा न्याय मानकर अगली कानूनी लड़ाई की तैयारी कर रहे हैं।