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उनके साहस से प्रेरणा ले देश’, कारगिल विजय दिवस पर CDS अनिल चौहान ने शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि

दिल्ली: 26 जुलाई को पूरे देश में कारगिल विजय दिवस मनाया गया। इस मौके पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने 1999 के कारगिल युद्ध में देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। जनरल चौहान ने कहा कि कारगिल युद्ध में भारतीय सेना ने बहुत मुश्किल हालात में भी अदम्य साहस और वीरता दिखाई। उन्होंने देश के जवानों, पूर्व सैनिकों, वीर नारियों और उनके परिवारों को विजय दिवस की शुभकामनाएं दीं। एक पोस्ट के जरिए रक्षा मुख्यालय ने कहा, “कारगिल विजय दिवस पर हमारे बहादुर सैनिकों को नमन। उनका साहस और बलिदान हमें हमेशा प्रेरणा देता रहेगा। आइए, हम भी समर्पण और देशभक्ति के साथ देश की सेवा करें और उनकी विरासत को सम्मान दें। सीडीएस जनरल चौहान ने बताया कि दुश्मन ने ऊँची और दुर्गम पहाड़ियों पर कब्जा कर रखा था और उन्हें भौगोलिक फायदा भी मिला हुआ था। लेकिन इसके बावजूद, हमारे जवानों ने कड़ी ठंड, ऊँचाई और भारी गोलीबारी के बीच दुश्मन से मोर्चा लिया और जीत हासिल की। उन्होंने कहा कि इस युद्ध में युवा अफसरों ने बहादुरी और नेतृत्व का शानदार उदाहरण पेश किया। उन्होंने अपने सैनिकों को जान की परवाह किए बिना जीत की ओर अग्रसर किया। जनरल चौहान ने कहा कि पाकिस्तान ने इस युद्ध में छल और धोखे का सहारा लिया। पाकिस्तानी सेना ने मुजाहिदीन के भेष में अपने सैनिकों को भेजकर लड़ाई शुरू की थी। कारगिल विजय दिवस हमें इस विश्वासघात की भी याद दिलाता है। सीडीएस ने कहा कि कारगिल विजय दिवस केवल बीते दिनों को याद करने के लिए नहीं, बल्कि आने वाले समय के लिए प्रेरणा लेने का दिन है। उन्होंने कहा कि हमारी एकता, तैयारी और साहस ने हमें जीत दिलाई थी और आज भी हमारी ताकत वही है।उन्होंने हाल ही में किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का भी ज़िक्र किया, जो भारतीय सेना की तैयारी और ताकत को दर्शाता है। जनरल चौहान ने कहा कि हर भारतीय नागरिक को देश के प्रति अपने कर्तव्य को याद रखना चाहिए। हमें शहीदों की बलिदान भरी विरासत से प्रेरणा लेकर, राष्ट्रीय गौरव और समर्पण के साथ देश की सेवा करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “हमारे वीरों का साहस आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। उनका बलिदान हमारे सशस्त्र बलों और देश के युवाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।” कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के परिवारों ने भी द्रास (लद्दाख) में आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में भाग लिया। कारगिल युद्ध स्मारक पर बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। इसी दिन भारत ने ऑपरेशन विजय के तहत पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़कर द्रास, बटालिक और कारगिल की ऊँचाइयों पर दोबारा कब्जा किया था। यह दिन देश के गौरव और वीरता की कहानी कहता है।

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