



लाइव हिमाचल/मंडी: बल्ह विधानसभा क्षेत्र के रिवालसर शिक्षा खंड के तहत राजकीय प्राथमिक पाठशाला गजनोहा में शुक्रवार सुबह अप्रत्याशित घटना घटी। स्कूल में उस समय दहशत फैल गई, जब अचानक एक तेंदुआ स्कूल परिसर में घुस आया। अध्यापिका विमला शर्मा की त्वरित व सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया और स्कूल में पढ़ रहे 13 बच्चों की जान बच गई। जानकारी के अनुसार पंचायत नटेड़ में स्थित इस प्राथमिक स्कूल में सुबह करीब साढ़े दस बजे अध्यापिका विमला शर्मा बच्चों को बरामदे में पढ़ा रही थीं। तभी उन्होंने स्कूल के बरामदे से सटे खेल के मैदान में एक तेंदुआ घूमते देखा। तेंदुए को देखकर अध्यापिका घबरा गईं, लेकिन उन्होंने तुरंत हिम्मत दिखाई। बिना किसी देरी के उन्होंने तुरंत सभी बच्चों के साथ खुद को स्कूल के एक कमरे के अंदर सुरक्षित बंद कर लिया। इसके बाद तेंदुआ काफी देर तक स्कूल के मैदान में घूमता रहा। कमरे के अंदर बंद बच्चे तेंदुए को देखकर डर गए और शोर मचाना शुरू कर दिया। इसी बीच अध्यापिका विमला शर्मा ने तुरंत अपने मोबाइल फोन से स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष भीम सिंह से संपर्क किया और उन्हें घटना की जानकारी दी। स्थिति की गंभीरता को समझते हुए भीम सिंह ने तुरंत स्थानीय ग्रामीणों को इसकी सूचना दी और उनसे मदद मांगी। थोड़ी ही देर में ग्रामीण स्कूल पहुंच गए। ग्रामीणों ने एकजुट होकर शोर मचाया और लाठी-डंडों की मदद से तेंदुए को स्कूल परिसर से भगाया। ग्रामीणों का प्रयास सफल रहा और तेंदुआ जंगल की ओर भाग गया। तेंदुए के जाने के बाद अध्यापिका विमला शर्मा और बच्चों ने राहत की सांस ली। इस घटना से स्कूल में कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल रहा, लेकिन अध्यापिका की तत्परता और ग्रामीणों की मदद से कोई अप्रिय घटना नहीं घटी। स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष भीम सिंह ने बताया कि इस घटना की सूचना तुरंत ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी को दे दी गई है। इसके अलावा वन विभाग की टीम ने भी मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया। भीम सिंह ने बताया कि स्कूल के आसपास घनी झाड़ियां होने के कारण अक्सर जंगली जानवर स्कूल परिसर में घुस आते हैं, जिससे बच्चों और शिक्षकों को खतरा बना रहता है। वन विभाग की टीम ने तेंदुए को पकड़कर सुरक्षित स्थान पर भेजने का आश्वासन दिया है। ग्रामीणों व स्कूल प्रबंधन समिति ने वन विभाग से मांग की है कि स्कूल के आसपास की झाड़ियों को साफ करने तथा जंगली जानवरों के प्रवेश को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके तथा बच्चे सुरक्षित वातावरण में शिक्षा प्राप्त कर सकें।