



BrahMos Missile: भारत और पाकिस्तान के बीच कई दिनों तक चले सैन्य संघर्ष और शनिवार को युद्ध विराम की घोषणा के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी का वर्चुअली उद्घाटन किया. इससे भारत के सैन्य शस्त्रागार को एक बड़ा बढ़ावा मिलेगा. रक्षा मंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में नहीं आने के लिए माफी मांगता हूं. अभी मेरा दिल्ली में रहना जरूरी है. किसी भी स्थिति में देश चलता रहेगा. देश चलता रहेगा, काम नहीं रुकेगा. डिफेंस सेक्टर में यूपी आगे बढ़ रहा है. ब्रह्मोस दुश्मनों पर कहर बरपाती है. हम लक्ष्य को पूरा करेंगे. रक्षा मंत्री ने कहा, BrahMos दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल में से एक है। रक्षा मंत्री ने टाइटेनियम एंड सुपर एलॉयज मैटेरियल्स प्लांट (स्ट्रैटेजिक मैटेरियल्स टेक्नोलॉजी कॉम्प्लेक्स) का भी उद्घाटन किया. यह प्लांट एयरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सामग्रियों का उत्पादन करेगा, जिनका उपयोग चंद्रयान मिशन और लड़ाकू विमानों में किया जाएगा. इसके साथ ही, ब्रह्मोस एयरोस्पेस की इंटीग्रेशन एवं टेस्टिंग फैसिलिटी परियोजना का भी लोकार्पण हुआ, जो मिसाइलों के परीक्षण और एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. इस दौरान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, आपने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान ब्रह्मोस मिसाइल की एक झलक देखी होगी। अगर नहीं देखी तो पाकिस्तान के लोगों से ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत के बारे में पूछिए। पीएम नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि आगे से आतंकवाद की कोई भी कार्रवाई युद्ध की कार्रवाई मानी जाएगी। आतंकवाद की समस्या का समाधान तब तक नहीं हो सकता है, जब तक हम इसे पूरी तरह से कुचल नहीं देते। आतंकवाद को कुचलने के लिए हम सभी को पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक स्वर में लड़ना होगा। आतंकवाद कभी भी प्यार की भाषा नहीं अपना सकता। उसे उसी की भाषा में जवाब देना होगा। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए भारत ने पूरी दुनिया को संदेश दिया है।
रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए हो रहा व्यापक निवेश
उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में की थी, योगी सरकार की प्राथमिकता में रहा है. इस कॉरिडोर के 6 नोड्स लखनऊ, कानपुर, अलीगढ़, आगरा, झांसी, और चित्रकूट में रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए व्यापक निवेश हो रहा है. लखनऊ नोड पर ब्रह्मोस (BrahMos) यूनिट के साथ-साथ डिफेंस टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम (डीटीआईएस) का भी शिलान्यास किया गया, जो रक्षा उत्पादों के परीक्षण और सर्टिफिकेशन में सहायता करेगा.
₹300 करोड़ की लागत से तैयार की गई
उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ नोड पर स्थापित यह ब्रह्मोस प्रोडक्शन यूनिट 300 करोड़ रुपए की लागत से तैयार की गई है. इसके लिए योगी सरकार ने 80 हेक्टेयर जमीन निःशुल्क उपलब्ध कराई थी, जिसका निर्माण मात्र साढ़े तीन वर्षों में पूरा हुआ।