



शिमला : हिमाचल प्रदेश में न्यूनतम किराये को बढ़ाकर 10 रुपये करने और हिमकेयर योजना को लेकर राज्यसभा सांसद सिकंदर कुमार ने प्रदेश की सुक्खू सरकार पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के पास आम जनता को बताने किए लिए वित्तीय संकट हैं, जबकि राजनैतिक पद बांटने और अफसरों की पार्टियां करवाने के लिए खूब पैसा है। हिमाचल प्रदेश में बसों में न्यूनतम बस किराया 10 रुपये करने को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए राज्यसभा सांसद सिकंदर कुमार ने कहा कि वर्तमान सरकार के शासन में 2 साल से आम जनता परेशान है। अब बसों का न्यूनतम किराया 10 रुपये करना दुर्भाग्यपूर्ण है। आम आदमी को अब एक से दो किलोमीटर जाने के लिए भी 10 रुपये चुकाने होंगे। कोई मजदूरी करने के लिए जाने वाला मजदूर आधा एक किलोमीटर जाने के लिए 10 रुपये किराया कैसे चुकाएगा। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। वहीं, इस दौरान पीजीआई चंडीगढ़ में बकाया बढ़ने के बाद हिम केयर कार्ड पर मुफ्त इलाज बंद करने को लेकर सिकंदर कुमार ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। सिकंदर कुमार ने कहा कि प्रदेश सरकार को जब अपनी चहेतों को राजनीतिक पद बांटने के लिए पैसा है। नेशनल हेराल्ड जैसा अखबार जो कहीं आता नहीं, उसके लिए 2 करोड़ से ज्यादा विज्ञापन देने के लिए कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन आयुष्मान भारत और हिम केयर जैसी योजनाएं चलाने के लिए सरकार के पास पैसा नहीं है। सिकंदर कुमार ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछली सरकार में शुरू की गई आम लोगों को सहूलियत देने वाली योजनाओं को सरकार बंद करने में लगी हुई है।