



शिमला: हिमाचल प्रदेश की रोहड़ू की बेटियों ने एक बार फिर देश का नाम गर्व से सिर ऊंचा कर रही है। प्रथम थाईलैंड किक बॉक्सिंग विश्व कप में रोहड़ू की दो बेटियों ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का परचम लहराया है। दीक्षिता चौहान ने K1 कैटेगरी (जो किक बॉक्सिंग की सबसे कठिन कैटेगरी मानी जाती है) में सिल्वर मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया, वहीं सनिका ने फुल कॉन्टैक्ट कैटेगरी में शानदार प्रदर्शन कर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। दीक्षिता के लिए यह सफर आसान नहीं था। साल 2021 में उनके पिता का निधन हो गया था। चार बहनों में सबसे छोटी दीक्षिता ने हिम्मत नहीं हारी और कठिन परिस्थितियों में भी खुद को साबित करने के लिए मेहनत जारी रखी। पिता के निधन के बाद सारी जिम्मेदारी मां के कंधों पर आ गई, लेकिन उन्होंने अपनी बेटी का साथ नहीं छोड़ा। आज बेटी की इस उपलब्धि पर मां की आंखों में गर्व और खुशी के आंसू हैं सनिका ने अपनी हिम्मत और हौसले से वो कर दिखाया, जो बहुत से लोग सोचकर ही रुक जाते हैं। करीब 8 महीने पहले उनकी लीगामेंट ACL सर्जरी हुई थी, जो किसी भी खिलाड़ी के लिए करियर की सबसे मुश्किल घड़ी होती है। लेकिन सानिका ने न हार मानी, न रुकना मंज़ूर किया। लंबी और कठिन रिकवरी के बावजूद यह मुकाम हासिल किया। 7 से 13 अप्रैल 2025 तक थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में आयोजित इस वर्ल्ड कप में 68 देशों के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। दीक्षिता और सानिका का चयन भारतीय दल में हुआ था। दीक्षिता ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, कोच वीरेन्द्र जगीठता और परशुराम अवार्डी डॉ. संजय यादव को दिया है। इस उपलब्धि के बाद रोहड़ू में जश्न का माहौल है। स्थानीय लोगों, स्कूलों और खेल प्रेमियों में खुशी की लहर है। इन बेटियों ने साबित कर दिया कि मेहनत, जज्बा और आत्मविश्वास हो तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रह सकता।