



शिमला: हिमाचल हाईकोर्ट में आज संजौली मस्जिद मामले को लेकर सुनवाई हुई. संजौली मस्जिद के आसपास रहने वाले लोकल रेजिडेंट ने नगर निगम (MC) शिमला के खिलाफ अवमानना याचिका दायर कर रखी थी. जिसका कोर्ट ने निबटारा कर दिया. हाइकोर्ट ने नगर निगम शिमला को मामले में छः हफ्ते के भीतर अनुपालन के आदेश जारी किए है. ये भी कहा कि की इसके बाद अतिरिक्त समय नहीं दिया जाएगा। मामले की जानकारी देते हुए संजौली लोकल रेजिडेंस के वकील जगत पाल ने बताया कि हाइकोर्ट ने सख्त लिहाजे में नगर निगम को मस्जिद मामले में कार्रवाई कर अनुपालन रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं. यदि आदेशों का पालन न हुआ तो कोर्ट की अवमानना माना जाएगा. आठ मई को छः हफ़्ते का समय पूरा होगा. बता दें कि हाईकोर्ट ने 21 अक्टूबर 2024 को MC आयुक्त शिमला को 20 दिसंबर 2024 तक निगम की अदालत में चल रहे मुकदमे को निपटाने के आदेश दिए थे, क्योंकि संजौली मस्जिद की निचली दो मंजिल को लेकर निगम आयुक्त कोर्ट ने फैसला नहीं सुनाया है. निचली दो मंजिलों पर भी रिपोर्ट देने को कहा गया है. वहीं लोकल रेजिडेंट ने बीते साल हिमाचल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर संजौली मस्जिद मामला जल्द निपटाने का आग्रह किया था. इस पर हाईकोर्ट ने नगर निगम को 20 दिसंबर तक की मोहलत दी थी. अदालत के आदेशानुसार, केस नहीं निपटने पर लोकल रेजिडेंट ने अवमानना याचिका दायर की है. इस पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई न्यायाधीश संदीप शर्मा की अदालत में हुई. बीते शुक्रवार को हुई सुनवाई में नगर निगम आयुक्त ने हाईकोर्ट से इस केस के निपटारे के लिए 8 सप्ताह का समय मांगा था. कोर्ट ने नगर निगम आयुक्त को छह सप्ताह का समय दिया है. नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने बीते साल 5 अक्टूबर को संजौली मस्जिद की ऊपरी तीन मंजिल दो महीने के भीतर तोड़ने के आदेश दिए थे. निगम आयुक्त कोर्ट के आदेशों पर मस्जिद को तोड़ने का काम चला हुआ है. लेकिन पैसे की कमी का हवाला देकर काम धीमी रफ्तार के साथ किया जा रहा है. हालांकि नगर निगम के जेई ने कोर्ट से ये भी मांग की है कि यदि संजौली मस्जिद कमेटी मस्जिद नहीं तोड़ती है तो नगर निगम शिमला को तोड़ने के आदेश दिए जाएं।