



शिमला: हिमाचल सरकार मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को विदाई पार्टी देने वाली थी। इस बीच संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) से उन्हें सेवा विस्तार मिलने की चिट्टी प्राप्त हो गई। प्रबोध सक्सेना ने यह बात खुद बीती शाम को उन्हें विदाई देने के लिए रखी गई डिनर पार्टी में दूसरे IAS अधिकारियों को कही। UPSC ने मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को 6 माह का सेवा विस्तार दिया है। उनका कार्यकाल परसों यानी 31 मार्च को पूरा हो रहा था। मगर कल और परसों 2 दिन की छुट्टी की वजह से वह आज रिटायर होने वाले थे। इस वजह से अफसरशाही में बढ़े स्तर पर फेरबदल की चर्चाएं थी। मगर UPSC से एक्सटेंशन मिलने के बाद प्रबोध सक्सेना अब अगले 6 महीने तक पद पर बने रहेंगे या सरकार उन्हें दूसरी जगह लगाती है, अब इसे लेकर चर्चाएं तेज हो गई है। राज्य सरकार की सिफारिश पर ही प्रबोध सक्सेना को UPSC से एक्सटेंशन मिली है। हिमाचल में चीफ सेक्रेटरी पद पर पहली बार किसी अधिकारी को एक्सटेंशन मिली है। हालांकि यह अब राज्य पर निर्भर करेगा कि उन्हें मुख्य सचिव पद पर रखना है या दूसरी जगह लगाया जाए। प्रबोध सक्सेना के लिए एक्सटेंशन की चिट्ठी खुशियां देने वाली है। मगर उन अधिकारियों की उम्मीदों पर पानी फिरा है, जिन्होंने ताउम्र लग्न के साथ काम किया और मुख्य सचिव बनने का सपना देख रहे थे। प्रबोध सक्सेना यदि इस पद बने रहे तो अगले 6 महीने तक संजय गुप्ता, केके पंत और ओंकार शर्मा चीफ सेक्रेटरी नहीं बन पाएंगे। राज्य की अफसरशाही में अंदरखाते मायूसी है, क्योंकि इस तरह टॉप पोस्ट पर एक्सटेंशन से प्रमोशन चैनल रुक जाता है। जिन अधिकारियों ने प्रमोट होना होता है, उन्हें बगैर प्रमोशन के रिटायर होना पड़ता है। प्रबोध सक्सेना 1990 बैच के IAS अधिकारी है। वह मूल रूप से यूपी के लखनऊ के रहने वाले हैं। अब वह मुख्य सचिव के तौर पर अगले 6 महीने तक राज्य की अफसरशाही का नेतृत्व करते रहेंगे। आरडी धीमान के रिटायर होने के बाद प्रबोध सक्सेना को 31 दिसंबर 2022 को चीफ सेक्रेटरी बनाया गया था। मुख्यमंत्री सुक्खू ने तब उन्हें राम सुभग सिंह, निशा सिंह और संजय गुप्ता तीन IAS की सिनियोरिटी को नजरअंदाज करके मुख्य सचिव बनाया था।