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दूसरे राज्यों के लोगों को प्रदेश में जमीन लेने पर अब दोगुनी देनी होगी स्टांप ड्यूटी…

शिमला: अब हिमाचल प्रदेश में भू-सुधार एवं मुजारियम  अधिनियम की धारा-118 के तहत जमीन की रजिस्ट्री करने पर स्टांप ड्यूटी दोगुना होगी। विधानसभा में बुधवार को भारतीय स्टॉप हिमाचल प्रदेश संशोधन विधेयक-2025 पेश किया गया। इसे राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने प्रस्तुत किया। इसमें स्टांप शुल्क में दोगुना वृद्धि का प्रावधान किया गया है। इसके अनुसार प्रदेश से बाहर के लोगों को धारा-118 के तहत स्टांप शुल्क 6 प्रतिशत के स्थान पर 12 प्रतिशत देना होगा। इस संबंध में विधेयक पर आज चर्चा संभावित है और इसे पारित किया जाएगा। भू-राजस्व अधिनियम 1972 की धारा 118 के तहत हिमाचल प्रदेश के लोगों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए एक विशेष प्रावधान होगा। इसमें धारा 118 के तहत हिमाचल के गैर कृषकों को जमीन तब्दील करने या नाम करने पर रोक है। अन्य राज्यों के व्यक्ति और संस्थाएं भी खेती की जमीन निजी इस्तेमाल के लिए खरीद सकेंगी। केंद्रीय कर ढांचे के साथ तालमेल बिठाने के लिए राज्य सरकार कर (जीएसटी) अधिनियम 2017 में संशोधन करने का फैसला लिया है।  यह परिवर्तन वस्तु एवं सेवा कर परिषद (जीएसटी परिषद) की सिफारिशों के बाद भारत सरकार की ओर से केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम में किए गए इसी तरह के समायोजन के अनुरूप है। बुधवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सदन के पटल पर संशोधित विधेयक को रखा। जीएसटी अधिनियम को एक राष्ट्र एक कर नीति के दृष्टिकोण से लागू किया गया था। पूरे देश में कर संरचना को सुव्यवस्थित करने के लिए यह व्यवस्था की गई है। राज्य सरकार के प्रस्तावित संशोधनों का उद्देश्य राज्य विनियमों में एकरूपता लाना, वस्तुओं और सेवाओं की अंतर-राज्य आपूर्ति के लिए सीमा और प्रावधानों में एकरूपता सुनिश्चित करना है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि सभी राज्य सरकारों के लिए अपने अपने जीएसटी अधिनियमों में इन परिवर्तनों को प्रतिबिंबित करना आवश्यक हो गया है। 

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