



शिमला : हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPPCL) के मुख्य अभियंता विमल नेगी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में नामजद आरोपी एवं निगम के पूर्व निदेशक (विद्युत) देशराज की मुश्किलें बढ़ गई हैं। प्रदेश हाईकोर्ट ने बुधवार को उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। अब आरोपी की गिरफ्तारी की संभावना प्रबल हो गई है। देशराज ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की एकलपीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे बुधवार को सुनाया गया। कोर्ट के फैसले के बाद पुलिस अब देश राज की गिरफ्तारी कर सकती है। मुख्य अभियंता विमल नेगी 10 मार्च को अचानक शिमला से लापता हो गए थे। उनकी अंतिम मोबाइल लोकेशन बिलासपुर जिले में मिली थी। आठ दिन बाद, 18 मार्च को उनका शव गोविंद सागर झील से बरामद हुआ। परिजनों ने इस घटना पर गंभीर सवाल उठाते हुए आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था। विमल नेगी की पत्नी ने पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया कि निदेशक देशराज उन पर गलत कामों के लिए दबाव बना रहे थे, जिससे वे मानसिक तनाव में थे। परिजनों का आरोप है कि अधिकारियों द्वारा लगातार मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा था और अत्यधिक कार्यभार के दबाव में विमल नेगी ने यह कदम उठाया। इस घटना के बाद एचपीपीसीएल (HPPCL) कर्मचारियों और परिजनों में आक्रोश फैल गया। 19 मार्च को परिजनों ने शिमला स्थित निगम मुख्यालय के बाहर शव के साथ प्रदर्शन किया और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। हालात बिगड़ते देख सरकार के चार मंत्री मौके पर पहुंचे और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया, जिसके बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ। बढ़ते दबाव के बीच सरकार ने कार्रवाई करते हुए निदेशक (विद्युत) देश राज को निलंबित कर दिया, जबकि एचपीपीसीएल के एमडी हरीकेश मीना को पद से हटा दिया गया। उनकी जगह 2012 बैच के आईएएस अधिकारी राकेश प्रजापति को नया एमडी नियुक्त किया गया। इसके अलावा निदेशक (सिविल) सुरिंदर कुमार को अतिरिक्त रूप से निदेशक (इलेक्ट्रिकल) का कार्यभार सौंपा गया। शिमला पुलिस को पोस्टमार्टम की प्रारंभिक रिपोर्ट मिल गई है, जिसमें नेगी के शरीर पर किसी भी तरह की बाहरी चोट के निशान नहीं पाए गए। रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि उनकी मृत्यु शव मिलने से 5-6 दिन पहले ही हो चुकी थी। हालांकि, मौत के असली कारणों का पता लगाने के लिए पुलिस आगे की जांच कर रही है। शिमला पुलिस ने मामले की जांच के लिए एसपी शिमला की अगुवाई में विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया है। मृतक की पत्नी की शिकायत पर न्यू शिमला थाने में आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है। एफआईआर में तीन अधिकारियों पर आरोप हैं, जिनसे जल्द ही पूछताछ की जाएगी। यह मामला राजनीतिक रंग भी ले रहा है। भाजपा ने इस मुद्दे पर सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल के नेतृत्व में भाजपा विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को राज्यपाल शिव प्राप्त शुक्ल से मुलाकात कर सीबीआई जांच की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा। वहीं राज्य सरकार ने मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। उन्हें 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी।