



Himachal Pradesh News: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी. बजट 2025-26 से हिमाचल प्रदेश को बड़ी अपेक्षाएं हैं. तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश भौगोलिक स्थिति की वजह से एक अलग तरह का राज्य है. ऐसे में हिमाचल सरकार को केंद्रीय बजट से अलग उम्मीद है. मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि पहाड़ी राज्यों में विकास कार्यों की लागत अधिक होती है, इसलिए केंद्रीय बजट में हिमाचल को विशेष ग्रांट और ग्रीन बोनस मिलना चाहिए। शिमला सचिवालय में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत के दौरान उन्होंने हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियों का हवाला देते हुए कहा कि केंद्र सरकार को प्रदेश की जरूरतों पर ध्यान देना चाहिए। मंत्री धर्माणी ने कहा, “हर बार बजट में हिमाचल की अनदेखी होती है, जो उचित नहीं है। प्रदेश में विकास कार्यों के लिए अतिरिक्त वित्तीय मदद की आवश्यकता है।” उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि हिमाचल प्रदेश को ग्रीन बोनस दिया जाना चाहिए, जैसा कि विकासशील देशों में किया जाता है। तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने बताया कि जैसलमेर की प्री-बजट बैठक में भी उन्होंने हिमाचल प्रदेश का पक्ष केंद्र सरकार के सामने रखा है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश का कार्बन प्रिंट कम है. हिमाचल प्रदेश की वजह से कई अन्य राज्यों को भी साफ हवा और शुद्ध पानी उपलब्ध होता है. ऐसे में इसका कंपनसेशन भी राज्य सरकार को दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश भी भारत के संघीय ढांचे का हिस्सा है. ऐसे में हिमाचल प्रदेश के लिए विशेष बजट की उम्मीद है. राजेश धर्माणी ने कहा कि कई ऐसे इलाकों में लोगों को सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए धन खर्च होता है, जहां आबादी बेहद कम है. उन्होंने कहा कि इसके लिए सर्विस प्रोवाइड फंड दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए फंड से भी हिमाचल प्रदेश सरकार को फायदा मिल सकता है. ऐसे में उन दूरदराज के इलाकों तक लोगों को सुविधा पहुंचाई जा सकेगी, जहां इन सुविधाओं की कमी है. उन्होंने केंद्र सरकार से मांग उठाई है कि पहाड़ी राज्य होने के नाते हिमाचल प्रदेश का केंद्रीय बजट 2025-26 में विशेष ध्यान रखा जाए।