



लाइव हिमाचल/धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने धर्मशाला में राज्य की पहली 750 किलोवाट सौर ऊर्जा परियोजना का उद्घाटन किया. कांगड़ा जिले के धर्मशाला में स्थापित इस परियोजना का निर्माण 4.74 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है. यह परियोजना हरित ऊर्जा उत्पादन की दिशा में प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है और इसे हिमाचल को देश का पहला ‘हरित ऊर्जा राज्य’ बनाने के लक्ष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.स्थान: धर्मशाला, कांगड़ा जिलाक्षेत्रफल: 8,500 वर्ग मीटरलागत: ₹4.74 करोड़ऊर्जा उत्पादन: प्रतिदिन 2,000 यूनिट बिजलीमासिक आय: ₹2.80 लाखनिर्माण अवधि: अक्तूबर 2023 से नवंबर 2024यह परियोजना 1,364 सौर पैनलों से सुसज्जित है, जिनमें बिजली और अग्नि सुरक्षा जैसे आधुनिक सुरक्षा उपाय शामिल हैं. विद्युत सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अर्थिंग और बॉन्डिंग सिस्टम भी स्थापित किया गया है. मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक रणनीति पर काम किया जा रहा है.
72 मेगावाट की संयुक्त क्षमता वाली 7 सौर ऊर्जा परियोजनाएं जल्द ही आवंटित होंगी. 325 मेगावाट की क्षमता वाली 8 अन्य परियोजनाओं के लिए सर्वेक्षण और अध्ययन कार्य प्रगति पर हैं.‘ग्रीन पंचायत’ योजना:
राज्य में 200 किलोवाट क्षमता वाले ग्राउंड-माउंटेड सोलर प्लांट्स स्थापित कर 200 पंचायतों को ‘ग्रीन पंचायत’ के रूप में विकसित किया जाएगा.ऊना जिले में सफल परियोजनाएं
पेखूबेला सौर ऊर्जा परियोजना (32 मेगावाट): अप्रैल 2024 में जनता को समर्पित.6.5 महीने में 34.19 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन.₹10.16 करोड़ की आय.भंजाल सौर ऊर्जा परियोजना (5 मेगावाट):30 नवंबर 2024 से शुरू.अघलौर सौर ऊर्जा परियोजना (10 मेगावाट):शीघ्र निर्माण कार्य पूर्ण होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य 2026 तक हिमाचल प्रदेश को देश का पहला ‘हरित ऊर्जा राज्य’ बनाना है. यह पहल पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित करेगी और कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करेगी. हरित ऊर्जा का उपयोग जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने और टिकाऊ विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. यह न केवल ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ाएगा, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण सुनिश्चित करेगा।