



लाइव हिमाचल/धर्मशाला:हिमाचल प्रदेश की खूबसूरती हर किसी का मन मोह लेती है। यह एक ऐसा राज्य है, जिसके ऊंचे-ऊंचे पहाड़, नदी, झीलें और मंदिर को अगर कोई एक बार देखता है तो बस इनका ही होकर रह जाता है।इस प्रदेश के शांत वातावरण में रहकर लोग अपना स्ट्रेस भूल जाते हैं। वहीं, कुछ लोग आकर यहां विभिन्न स्पोर्ट्स एक्टिविटी का आनंद उठाते हैं। मनाली धर्मशाला, कसौल, मनाली, मंडी, स्पीति घाटी समेत अन्य कुछ जगहें अमूमन लोगों की पसंदीदा जगह हैं।हालांकि, आज हम प्रदेश की खूबसूरती पर नहीं, बल्कि इसके इतिहास से जुड़ी कुछ बातों के बारे में बात करने जा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश 25 जनवरी, 1971 को भारतीय संघ का 18वां राज्य बना था।इसका एलान शिमला में आयोजित हुई एक जनसभा में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था। उन्होंने इस सभा में हिमाचल प्रदेश को देश के 18वें राज्य के तौर पर घोषित किया था। वहीं, इस साल यह राज्य अपने 52 साल पूरे कर चुका है। हिमाचल प्रदेश के 55वें पूर्ण राज्यत्व दिवस का राज्य स्तरीय समारोह इस बार जिला कांगड़ा के बैजनाथ में होगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इसकी अध्यक्षता करेंगे। बैजनाथ में होने वाले राज्यत्व के समारोह के संबंध में पत्र भी जारी किया जा चुका है। जिला कांगड़ा हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है। बैजनाथ इसी जिले के तहत आता है। इस राज्यस्तरीय समारोह के जरिए कांग्रेस सरकार सियासत के लिहाज से कांगड़ा के किले को मजबूत करने की कोशिश करेगी। इससे पहले साल 2024 में पूर्ण राज्यत्व दिवस समारोह जिला मंडी के धर्मपुर में हुआ था। विधायक किशोरी लाल ने कहा कि भगवान बोले नाथ की धरती पर 25 जनवरी के कार्यक्रम का आयोजन बहुत ही सौभाग्य की बात है और मुख्यमंत्री इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे जिसकी तैयारियां जोरों शोरों से चल रही हैं।