शिमला: प्रदेश के हमीरपुर जिले में धर्मार्थ अस्पताल बंद किए जाने पर लोगों के प्रदर्शन जारी है. सरकार पर इसको लेकर दवाब साफ नजर आ रहा है. इस बीच सरकार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन ‘हिमाचल प्रदेश भूमि जोत सीमा अधिनियम’ में संशोधन करने के लिए एक विधेयक पेश करने वाली है. 18 दिसंबर से हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है. सराकर की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अस्पताल को बंद करने के मुद्दे पर रविवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की है. ये अस्पताल राधा स्वामी सत्संग ब्यास (आरएसएसबी) द्वारा बोथा में चलाया जाता है. वहीं, इस दौरान सीएम सुक्खू की ओर से विधेयक पेश करने का फैसला लिया गया.
संशोधन विधेयक का मसौदा तुरंत तैयार करने के निर्देश
बयान के अनुसार, हिमाचल के सीएम सुक्खू ने अधिकारियों को संशोधन विधेयक का मसौदा तुरंत तैयार करने को कहा है. साथ ही मंत्रिमंडल की आगामी बैठक में इसे पेश करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है कि अस्पताल खुला रहे ताकि लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिलती रहें. वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राधा स्वामी सत्संग ब्यास को राहत प्रदान करने के लिए शुरू में अध्यादेश लाने पर विचार किया था. लेकिन विधानसभा सत्र नजदीक है, इसलिए संशोधन विधेयक पेश करना ज्यादा बेहतर होगा. आरएसएसबी इस अस्पताल को महाराज जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसाइटी को हस्तांतरित करना चाहता है क्योंकि वह इसे अपना सहयोगी संगठन मानता है. इसने अस्पताल की भूमि के हस्तांतरण के लिए राज्य सरकार से बातचीत की थी, लेकिन हिमाचल प्रदेश भूमि जोत सीमा अधिनियम के तहत ऐसा नहीं हो सका।