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लोक निर्माण विभाग खरीदेगा नए वैली ब्रिज, सरकार ने जारी किए 20 करोड़

शिमला: हिमाचल प्रदेश में आपदा के दौरान करीब 700 करोड़ रुपए की संपत्ति को नुक्सान हो चुका है। बादल फटने की घटनाओं के दौरान कई पुल बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, ऐसे में राज्य सरकार ने लोक निर्माण विभाग को 20 करोड़ रुपए की धनराशि प्रदान की है, जिससे विभाग जल्द ही नए वैली ब्रिज खरीदेगा। ये ब्रिज उन पुलों की जगह पर लगाए जाएंगे जो तेज बहाव के कारण ध्वस्त हो जाते हैं। पिछले दो वर्षों में वैली ब्रिज की यह दूसरी बड़ी खरीद होगी। पिछले वर्ष विभाग ने 18 करोड़ रुपए खर्च कर 12 पुल खरीदे थे। इनमें से 2 पुल स्थापित कर दिए गए थे, जबकि 10 पुल सुरक्षित रखे गए हैं। अब 3 पुल रामपुर में कुर्पण खड्ड पर लगाए जाएंगे। बीते वर्ष पीडब्ल्यूडी ने कोलकाता की 2 कंपनियों से  12 पुल खरीदे थे। ये दोनों कंपनियां केंद्र सरकार को पुल सप्लाई करती हैं और इन पुलों का उपयोग सीमावर्ती क्षेत्रों में किया जाता है। बीआरओ भी पहाड़ी क्षेत्रों में इन्हीं पुलों का उपयोग कर रहा है। पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता एनपी सिंह ने बताया कि इस बार बादल फटने की घटना के बाद बर्बाद हुए पुलों की भरपाई वैली ब्रिज के माध्यम से की जाएगी। विभाग ने वैली ब्रिज की स्थापना के लिए उचित दिशा-निर्देश जारी किए हैं। किसी भी पुल के गिरने पर वैली ब्रिज की मदद से उसकी भरपाई की जाएगी। वैली ब्रिज को एक सप्ताह में तैयार किया जा सकता है। लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि बादल फटने की घटना और मानसून के दौरान पुलों के बह जाने पर वैली ब्रिज के माध्यम से उनकी भरपाई की जाएगी। पिछले साल भी वैली ब्रिज मंगाए गए थे, और इस बार भी विभाग नए पुल खरीदने की योजना बना रहा है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए 20 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है, ताकि जरूरत पड़ने पर इन पुलों का तुरंत उपयोग किया जा सके। वैली ब्रिज पूरी तरह से लोहे से बना होता है और इसकी बिक्री कंपनी पुर्जों में करती है। इन पुर्जों को साइट पर लाकर जोड़ा जाता है और पुल महज 7 से 10 दिन में तैयार हो जाता है। पुलों पर भारी वाहनों का गुजरना आसान होता है। जब सीमैंट का पुल तैयार हो जाता है।

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