



Sawan 2024: भगवान प्रिय महीना 22 जुलाई से शुरू हो चुका है। यह 19 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान पांच सोमवार पड़ रहे हैं। सावन के महीने में शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। हर कोई अपने प्रकार से भगवान शिव को प्रसन्न करने की कोशिश करता है। कुछ पौधे ऐसे होते हैं, जो भगवान शिव को बहुत प्रिय हैं। यदि सावन में इन पौधों को लगा लिया जाए, तो भगवान की विशेष कृपा बरसती है। यह पौधे बहुत फायदेमंद माने जाते हैं। आइए, जानते हैं कि वह पौधे कौन-से हैं, जिन्हें सावन के महीने में लगाना शुभ माना जाता है।
शमी का पौधा
हम सभी जानते हैं कि शमी का पौधा भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। धार्मिक कार्यों में भी यह पौधा सबसे खास माना जाता है। इसके अलावा सेहत के लिए भी यह बहुत उपयोगी है। इस पौधे के उपयोग से कीटनाशक औषधि बनती है। शमी की पत्तियों में एंटीमाइक्रोबॉयल गुण पाए जाते हैं। साथ ही शमी की पत्ति भगवान शिव को अर्पित करने से भी वे प्रसन्न होते हैं।
पीपल का पौधा
पीपल के पेड़ की पूजा भारतीय संस्कृति में कई सालों से होती आ रही है। यह पेड़ अत्यंत पवित्र माना जाता है। ऑक्सीजन का सबसे अच्छा स्रोत पीपल को माना जाता है। आयुर्वेद में भी पीपल के पत्तों को बहुत गुणकारी बताया गया है। ऐसे में आप सावन के महीने में पीपल का पौधा किसी भी जगह रोपित करते हैं, तो आपको बहुत फायदा मिलेगा।
चंपा का पौधा
चंपा का पौधा भी औषधीय गुणों से भरपूर होता है। यदि सावन के महीने में इसे आप रोपित करते हैं, तो भगवान शिव प्रसन्न होकर अपनी कृपा आप पर बरसाते हैं। इसकी खुशबू बहुत ही अच्छी होती है। यह फूल सफेद और पीले रंग से मिला हुआ होता है। इन फूलों से निकलने वाली खुशबू तनाव को दूर करने में मददगार होती है।
केले का पौधा
केले का पौधा सावन में जरूर लगाना चाहिए, क्योंकि इससे भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं। केले का पौधा भगवान विष्णु को भी अत्यंत प्रिय माना जाता है। ऐसे में भगवान शिव के साथ-साथ भगवान विष्णु की भी कृपा प्राप्त होती है। कहा जाता है कि केले की जड़ में भगवान विष्णु का वास होता है। ऐसे में सावन के महीने में इसे जरूर लगाएं।
बेलपत्र का पौधा
बेलपत्र भगवान शिव को बहुत प्रिय होता है। सावन के महीने में इसे मुख्य रूप से अर्पित किया जाता है। ऐसे में यदि आप सावन के महीने में बेलपत्र का पौधा लगाते हैं, तो आपको दोगुना लाभ मिलता है। इस पौधे की पत्तियां, फल औषधीय गुणों से भरपूर माने जाते हैं। पुराणों में भी इस पौधे के बारे में वर्णन किया गया है।