



शिमला: पर्यवेक्षकों की ओर से विवादों के समाधान के लिए कमिटी बनाने के आश्वासन के बाद हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सुक्खू सरकार के सेफ होने के संकेत कल मिले थे। प्रतिभा सिंह समेत सभी बड़े नेताओं के साथ मीडिया ने बात भी की थी। लेकिन पूर्व सीएम और बीजेपी नेता जयराम ठाकुर ने सुबह दावा किया कि सुक्खू सरकार नहीं चलेगी। इस बयान के कुछ देर बाद कांग्रेस नेता विक्रमादित्य के पंचकूला में होने की खबर आई। विक्रमादित्य विधानसभा से निकाले गए छह एमएलए से बात करने पंचकूला गए हैं। वह एक-एक कर पूर्व विधायक से बात कर रहे थे। माना जा रहा था कि इन विधायकों ने विक्रमादित्य खेमे के इशारे पर ही राज्यसभा चुनाव और विधानसभा में बजट पर पार्टी लाइन से अलग रुख अपनाया था। सुबह कांग्रेस सूत्र दावा कर रहे थे कि विक्रमादित्य छह बागियों को समझाने के लिए गए हैं।सीएम सुक्खू ने कल कहा था कि छह बागी पार्टी में आना चाहें, तो स्वागत है। लेकिन छह बागी विधानसभा सदस्यता खत्म करने के फैसले के खिलाफ अदालत जाने की बात कह रहे थे। यह देखते हुए हिमाचल में कांग्रेस सरकार की भविष्य की स्थिति साफ होने में कुछ समय लग सकता है।
क्रॉस वोटिंग से शुरू हुआ विवाद
हिमाचल प्रदेश की एकमात्र राज्यसभा सीट के लिए मंगलवार को हुए चुनाव में कांग्रेस के 6 बागियों ने ‘क्रॉस वोटिंग’ की थी जिसके चलते भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार हर्ष महाजन ने कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को हरा दिया था। इसके बाद, कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने शिमला में पार्टी विधायकों से बात करने के लिए पर्यवेक्षकों की एक टीम भेजी। इस बीच, विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने विधानसभा में राज्य के बजट के लिए मतदान पर पार्टी व्हिप का कथित तौर पर उल्लंघन करने के चलते संबंधित छह विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया।
विक्रमादित्य का इस्तीफा
क्रॉस वोटिंग के घटनाक्रम के बाद प्रदेश कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने मंत्रिपरिषद से अपने इस्तीफे की घोषणा की थी, लेकिन पर्यवेक्षकों के साथ बैठक के बाद उन्होंने अपना रुख नरम कर लिया। सुक्खू ने कहा कि बागी पंचकूला में एक होटल में ठहरे हुए हैं। हम देखेंगे कि जब वे हिमाचल में प्रवेश करेंगे तो क्या करना है। यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस बागियों को वापस लेगी, सुक्खू ने कहा, ‘मैंने पहले ही इस मुद्दे पर अपना रुख साफ कर दिया है।’
हिमाचल प्रदेश सदन में सदस्यों की संख्या
बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद सदन में विधायकों की कुल संख्या 68 से घटकर 62 रह गई है तथा इस क्रम में कांग्रेस विधायकों की संख्या 40 से घटकर 34 हो गई है। विधानसभा में भाजपा के 25 और तीन निर्दलीय विधायक हैं। कांग्रेस के छह बागी विधायकों सहित तीनों निर्दलीय विधायकों ने भी भाजपा के राज्यसभा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया था।