



शिमला : लेह-लद्दाख में सड़क हादसे में शहीद हुए हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के फौजी जवान विजय कुमार का सोमवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया. शिमला में उनके पैतृक गांव में उन्हें लोगों ने अंतिम विदाई दी.
शिमला के सुन्नी के धामी के नेहरा गांव के लोग उनका पार्थिव शरीर लेने के लिए शिमला के लिए अनाडेल पहुंचे, जहां पर हेलीकॉप्टर के जरिए चंडीगढ़ से होते हुए उनके पार्थिव शरीर यहां पर लाया गया.
गांव के लोगों ने बताया कि विजय कुमार के परिवार में अब केवल उनके माता-पिता और उनकी पत्नी और दो बच्चे रह गए हैं. एक बेटा डेढ़ साल और दूसरा करीब 7 साल का है. विजय कुमार पहले से ही आर्मी में जाने के लिए काफी मेहनत करते थे. सेना में रहते हुए विजय कुमार ने करीब 17 साल का समय बिताया है. स्वभाव से काफी मिलनसार विजय जब भी गांव आते थे तो गांव के बच्चों को स्पोर्ट्स और आर्मी में जाने के लिए प्रेरित करते थे.
धामी से लेकर विजय कुमार के गांव डिमन गांव तक जगह-जगह पर स्कूल के बच्चे और स्थानीय निवासी विजय कुमार के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि देने के लिए खड़े रहे. शहीद विजय कुमार का पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचने से पहले ढाणी में एंबुलेंस से दूसरे वाहन में किया गया, जहां पर उनके गांव के लोगों और उनके परिवार के लोगों ने पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि अर्पित की.
जब कभी वह गांव आते थे तो उसे दौरान गांव के बच्चों को भी भारत में आगे बढ़ाने और सैनिक बनकर देश की सेवा करने के लिए प्रेरित किया करते थे. विजय कुमार अपने पीछे माता-पिता बड़े भाई और अपनी पत्नी और दो बच्चों को छोड़ कर गए हैं. विजय कुमार के दोस्त ओम प्रकाश ने बताया कि विजय कुमार के अंदर शुरू से ही देश की सेवा करने का काफी जज्बा था, इसीलिए वह देश की सेवा करने में आगे निकल गए.
शहीद विजय कुमार की धर्मपत्नी नीलम शर्मा ने कहा कि उन्हें अपने पति पर गर्व है लेकिन वह अपने दो बच्चों को छोड़कर चले गए हैं. आगे का जीवन उनके और उनके बच्चों के लिए कठिन होगा. शहीद विजय कुमार की माता ने कहा कि आज पूरे देश को उनके बेटे पर गर्व हो रहा है. विजय कुमार बचपन से ही सेना में जाना चाहते थे और आज अपनी ड्यूटी निभाते हुए जो शहीद हुए हैं और उनकी शहादत को आज पूरा देश सलाम कर रहा है.
उन्होंने कहा कि अपने बेटे विजय की तरह वह विजय के बच्चों को भी सेना में भेजेंगे. विजय के पिता बाबूराम शर्मा ने कहा कि वह अपने बेटे और साथ में शहीद हुए अन्य जवानों को भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. शहीद विजय कुमार को 6 साल के बेटे दक्ष और बड़े भाई के बेटे अभय ने मुखाग्नि दी.
लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमदित्य सिंह ने विजय कुमार की शहादत पर कहा कि यह दुख और गर्व दोनों का विषय है. अपनी ड्यूटी निभाते हुए विजय कुमार ने अपनी शहादत दी है, जिसे देश हमेशा याद रखेगा. इसके अलावा. विजय कुमार के बच्चों के भविष्य को लेकर भी प्रदेश सरकार विचार करेगी.