



लाइव हिमाचल/मंडी : मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश नीतिगत और तकनीकी परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। कांग्रेस सरकार बनने के बाद पिछले दो वर्ष दस महीनों में शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में ठोस सुधार किए गए हैं। सरकार का लक्ष्य केवल इमारतें खड़ी करना नहीं, बल्कि समाज में आत्मविश्वास, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं लाना है। मुख्यमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कालेज एवं अस्पताल नेरचौक में मंगलवार को एंडोस्कोपी, समग्र स्तनपान प्रबंधन केंद्र (सीएलएमसी) पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) व राज्य प्रसूति प्रशिक्षण संस्थान का उदघाटन करने, विद्यार्थियों के छात्रावास की आधारशिला रखने के बाद कालेज के वार्षिक छात्र समारोह आइरिस की अध्यक्षता कर रहे थे। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि पहला चुनाव मैंने 26 वर्ष की उम्र में पार्षद के रूप में लड़ा था। तब नहीं सोचा था कि कभी मुख्यमंत्री बनूंगा। धीरे-धीरे हर सीढ़ी चढ़ी और जब प्रदेश की सेवा का अवसर मिला तो संकल्प लिया कि हिमाचल में नीतिगत बदलाव लाऊंगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार बनने के बाद शिक्षा क्षेत्र में 60 प्रतिशत तक परिवर्तन किए गए हैं। पहले क्वालिटी एजुकेशन पर ध्यान नहीं था, लेकिन हमने बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाने और उन्हें प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम शुरू किया। ढाई साल में हिमाचल 21वें स्थान से उठकर 5वें स्थान पर पहुंच गया है। सुक्खू ने कहा कि सरकार ने शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और गुणवत्ता लाने के लिए राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल खोले हैं। अब 100 सरकारी स्कूलों को सीबीएसई बोर्ड से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य यह नहीं कि केवल स्कूलों की संख्या बढ़े, बल्कि वहां ऐसा माहौल बने जहां बच्चे आत्मविश्वास के साथ सीखें और आगे बढ़ें। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियों पर भी विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि जब मैंने आइजीएमसी की स्थिति देखी तो यह जानकर हैरानी हुई कि वहां 20 साल पुरानी एमआरआइ मशीन चल रही थी, स्टाफ की भारी कमी थी और मरीजों को बेसिक सुविधाएं भी नहीं मिल रही थीं। हमने निर्णय लिया कि अब केवल डाक्टर और मरीज को धोखा नहीं देंगे। इसलिए हमने आइजीएमसी, टांडा और चमियानणा को एम्स स्तर की सुविधाओं से लैस किया है। उन्होंने बताया कि अब चमियाणा में रोबोटिक सर्जरी शुरू हो चुकी है। अब तक 45 मरीजों के सफल आपरेशन हो चुके हैं। नेरचौक मेडिकल कालेज में भी जल्द रोबोटिक सर्जरी सुविधा शुरू होगी। इसके लिए 28 करोड़ की एमआरआई मशीन और 12 करोड़ कैथ लैब के लिए स्वीकृत किए गए हैं।