



लाइव हिमाचल/शिमला: शिमला जिला के रोहड़ू उपमंडल के स्पैल वैली में कुटाड़ा गांव में सोमवार रात एक भयावह अग्निकांड का गवाह बना। लकड़ी से बने दो मंजिला मकान में अचानक लगी आग ने पूरे गांव को हिलाकर रख दिया। इस दर्दनाक घटना में मकान मालिक श्याम लाल की 70 वर्षीय मां दोसारी देवी की जलकर मौत हो गई। आग की चपेट में आने के कारण मकान पूरी तरह से राख के ढेर में तब्दील हो गया। सोमवार रात करीब नौ बजे श्याम लाल के घर में अचानक आग लग गई। मकान लकड़ी का बना हुआ था और आग ने तेजी से पूरे घर को अपनी चपेट में ले लिया। उस समय मकान में परिवार के सदस्य और बच्चे मौजूद थे। आग लगने का पता चलते ही परिवार ने जान बचाने के लिए भागने की कोशिश की। लेकिन अफरा-तफरी के बीच दोसारी देवी घर से बाहर निकलने में असमर्थ रहीं और आग की लपटों में फंस गईं। घटना के दौरान घर गांव के बीच स्थित होने के कारण आग लगने की खबर तुरंत पूरे गांव में फैल गई। ग्रामीणों ने पंप और पावर स्प्रे जैसे उपलब्ध साधनों का उपयोग करके आग पर काबू पाने का प्रयास किया। अपने घरों की टंकियों से पानी लाकर भी लोगों ने आग बुझाने की कोशिश की। लेकिन आग इतनी भीषण थी कि सबके प्रयास नाकाफी साबित हुए। आग की सूचना मिलते ही दमकल केंद्र रोहड़ू से वाहन तुरंत रवाना किए गए। लेकिन गांव का दुर्गम क्षेत्र में स्थित होना और दूर होने के कारण दमकल वाहनों को घटनास्थल तक पहुंचने में करीब आधे घंटे का समय लग गया। जब तक दमकल वाहन मौके पर पहुंचे तब तक मकान पूरी तरह जलकर राख हो चुका था। आग के समय मकान में मौजूद बच्चे और अन्य परिवार के सदस्य किसी तरह अपनी जान बचाकर बाहर निकलने में सफल रहे। लेकिन दोसारी देवी जो दूसरी मंजिल के बरामदे में थीं। आग की लपटों में फंस गईं। ग्रामीणों ने उन्हें बचाने की कोशिश की लेकिन आग की तीव्रता इतनी अधिक थी कि कोई भी अंदर जाने की हिम्मत नहीं कर सका। इस हादसे ने पूरे गांव को शोक में डाल दिया है। घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आया। मंगलवार को रोहड़ू के एसडीएम विजय वर्धन ने अन्य अधिकारियों के साथ घटनास्थल का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि प्रभावित परिवार को प्रशासन की ओर से तुरंत राहत प्रदान की गई है। दोसारी देवी के शव को बरामद कर लिया गया है, और बेघर हुए परिवार के रहने का अस्थायी प्रबंध किया गया है। इस दर्दनाक घटना ने गांव वासियों को गहरे सदमे में डाल दिया है। श्याम लाल का परिवार पूरी तरह से गमगीन है। दोसारी देवी के निधन को पूरे गांव ने व्यक्तिगत क्षति के रूप में महसूस किया है।