



शिमला: बोर्ड मुख्यालय कुमार हाउस शिमला के बाहर संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले होने वाले राज्य स्तरीय प्रदर्शन में समिति ने प्रदेश भर से सैकड़ों कर्मचारियों और अधिकारियों के शामिल हुए। पुरानी पेंशन बहाली और प्रबंध निदेशक को पद से हटाने की मांग को लेकर गुरुवार को बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। बोर्ड मुख्यालय कुमार हाउस शिमला के बाहर संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले होने वाले राज्य स्तरीय प्रदर्शन में समिति ने प्रदेश भर से सैकड़ों कर्मचारियों और अधिकारियों के शामिल हुए। इस दौरान प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। कर्मचारी बोर्ड मुख्यालय के बाहर डटे हुए हैं। समिति के सह संयोजक हीरालाल वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा के कई माह बाद भी बिजली बोर्ड में पुरानी पेंशन को बहाल नहीं किया गया है। प्रदेश के सभी विभागों सहित निगमों और बोर्डों में पुरानी पेंशन बहाल हो चुकी है। बोर्ड प्रबंधन इस मामले को लेकर जानबूझ कर टाल रहा है। उन्होंने कहा कि जल्द ही वित्तीय वर्ष 2023-24 समाप्त हो जाएगा। अगर जल्द बोर्ड में पुरानी पेंशन बहाल नहीं हुई तो न्यू पेंशन योजना में आने वाले कर्मचारियों को नुकसान उठाना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2030 तक बिजली बोर्ड से 804 एनपीएस कर्मचारी सेवानिवृत्त होने हैं। इन्हें ओपीएस के दायरे में लाने से बोर्ड प्रबंधन के 365 करोड़ रुपये बचेंगे। बोर्ड में पुरानी पेंशन लागू नहीं होने से एनएसएलडी में 265 करोड़ रुपये पहले से ही फंसे हुए हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 में 70, 2025 में 80, 2026 में 108, 2027 में 77, 2028 में 99, 2029 में 104 और 2030 में 129 एनपीएस कर्मचारी सेवानिवृत्त होने हैं। इन पात्र कर्मचरियों को देय लाभ से वंचित नहीं रखा जाना चाहिए। संयुक्त संघर्ष समिति ने बोर्ड के प्रबंध निदेशक को भी पद से हटाने की मांग की है। समिति का कहना है कि वर्तमान प्रबंध निदेशक के पास तीन विभागों का कार्यभार है। बिजली बोर्ड में स्थायी प्रबंध निदेशक नियुक्त नहीं होने से वित्तीय स्थिति लगातार खराब हो रही है। समिति के सह संयोजक हीरालाल वर्मा ने कहा कि अगर मांगों को पूरा नहीं किया गया तो बिजली कर्मी उग्र प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होंगे।