



धर्मशाला : हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जनपद के टांडा के समीप ‘लावारिस बैग’ में मिले हथियारों (weapons) के जखीरे के रहस्य से पर्दा उठ गया है। तकरीबन सवा महीने बाद कांगड़ा पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। लावारिस बैग के तार पंजाब के जिरकपुर(zirakpur) में मैट्रो मॉल के नजदीक दिनदिहाड़े गोलीबारी से जुड़े हैं। ये घटना तकरीबन तीन महीने पहले की है। वारदात में घायल गैंगस्टर(Gangster) विनय भंडारी ने ही ये बैग रोहित को छिपाने के मकसद से सौंपा था। जिरकपुर में गोलीकांड को अंजाम देने के दौरान देसी कट्टे के फट जाने के कारण विनय भंडारी भी जख्मी हो गया था। वारदात के बाद गढ़शंकर में छिपने के बाद हिमाचल में दाखिल हो गया था। हिमाचल (Himachal) के टांडा में लावारिस बैग की दास्तां 6 सितंबर को शुरू होती है। पुलिस को सूचना मिलती है कि संदिग्ध हालत में एक लावारिस बैग पड़ा हुआ है। मौके पर पहुंची पुलिस को लावारिस बैग में तीन देसी कट्टे, दो तेजधार चाकू, 40 बुलेट व 5250 नशीली गोलियां बरामद हुई।
घटनास्थल टांडा मेडिकल कॉलेज के समीप था। इलाके में कोई सीसीटीवी (cctv) न होने के कारण पुलिस को सुराग नहीं मिला। लेकिन पुलिस शिद्दत से ये पता लगाने में जुटी रही कि बैग को किसने और क्यों रखा है। पुलिस ने बारिश के पैटर्न का विश्लेषण किया, इसमें पाया कि 5 सितंबर को बारिश नहीं हुई थी। लिहाजा, पुलिस ने 5 सितंबर की रात से ही जांच को आगे बढ़ाया। ये साफ किया गया कि 5 से 6 सितंबर की मध्यरात्रि को ही बैग को रखा गया था।
इलाके में संदिग्ध व्यक्तियों की मूमेंट का पता लगाने की कोशिश शुरू कर दी गई। इस दौरान पुलिस को लीड मिली कि एक संदिग्ध व्यक्ति शाहपुर के निजी होटल में रुका था। इसके बाद पालमपुर, पंचरुखी, कांगड़ा, देहरा, ज्वालामुखी व बडोह में दबिश दी गई। एक गौशाला से विनय भंडारी को गिरफ्तार किया। भंडारी के कब्जे से 2 देसी पिस्टल, लोडिड मैगजीन, दो बुलेट, सेलफोन के अलावा वाईफाई मॉडम बरामद किया गया।
देसी पिस्तौलों की बनावट ठीक वैसी ही थी, जैसी लावारिस बैग में मिली थी। सख्ती से पूछताछ पर विनय भंडारी ने ये कबूल किया कि वो मेट्रो मॉल के नजदीक गोलीबारी में शामिल था। घटना के दौरान वो बंदूक की गोली के ब्लास्ट के कारण घायल हो गया था। इसके बाद वो लगातार भाग रहा था। पुलिस इस बात को लेकर भी आश्वस्त थी कि गैंगस्टर को छिपने में स्थानीय स्तर पर मदद की गई होगी। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, वैसे ही पुलिस को इस बात का पता चल गया कि ज्वालामुखी के रोहित उर्फ छोटू ने ही मदद की थी। भंडारी ने छोटू को हथियारों से भरा बैग संभालने को कहा था।
हालांकि, पुलिस की नाकाबंदी के दौरान छोटू को ये बैग टांडा के नजदीक छोड़ना पड़ा था, लेकिन छोटू इस बैग को दोबारा कब्जे में लेता, इससे पहले ही पुलिस ने ही लावारिस बैग को बरामद कर लिया था। अब पुलिस के सामने ये भी सवाल था कि छोटू ने किसके इशारे पर भंडारी की मदद की है। इसमें खुलासा हुआ कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग से संबंध रखने वाले ऊना के रहने वाले एक नामी गैंगस्टर राजीव कौशल के कहने पर छोटू ने भंडारी की मदद की थी। अंतरराष्ट्रीय नंबरों से ही छोटू को राजीव कौशल के नाम पर व्हाट्सएप व टेलीग्राम(WhatsApp OR Telegram) पर निर्देश दिए जाते थे।
आपको बता दें कि ज्वालामुखी का रहने वाले छोटू पर हत्या का आरोप है। पैरोल के दौरान छोटू ने भंडारी की मदद की थी।
उधर, एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में कांगड़ा की एसपी शालिनी अग्निहोत्री ने कहा कि विनय ने देसी पिस्तौलों व गोलियां इत्यादि छोटू को शाहपुर के समीप सौंपी थी। रात को टांडा रोड पर पुलिस की चैकिंग के कारण रोहित ने बैग वहीं छिपा दिया था। उचित समय पर बैग को उठाने का फैसला लिया था।
एसपी ने बताया कि विनय व रोहित कई आपराधिक मामलों में संलिप्त हैं। विनय पर पंजाब में शस्त्र अधिनियम के कई मामले दर्ज हैं।
उधर, एक अन्य जानकारी के मुताबिक रोहित के खिलाफ एनडीपीएस के मामले भी दर्ज हैं। ड्रग तस्करी के साथ भी तार जुड़े हुए हैं। छोटू ने नशे की खेप को अमृतसर के ड्रग तस्करों से खरीदा था। इसे लेकर वो नंगल जा रहा था। इसी बीच उसे विनय भंडारी की मदद के आदेश मिले। यही वजह थी कि हथियार व नशे की खेप को बैग में बरामद किया गया था।