



शिमला : आपदा की घड़ी में हिमाचल प्रदेश सरकार में सब कुछ ठीक नजर नहीं आ रहा है। एक ओर जहां आपदा क्षेत्रों का पहले सीएम खुद दौरा कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर उनके अन्य मंत्री भी उसी क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं। ऐसे में पीडब्ल्यूडी मंत्री के बयान को लेकर वबाल खड़ा हो गया है जिसे उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बचकाना बयान बताया है। बता दें कि एक दिन पूर्व ही कुल्लू में हुई भारी तबाही को लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने इलीगल माइनिंग का नतीजा करार दिया था। विक्रमादित्य सिंह ने कुल्लू में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा था कि यह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि यह सब इलीगल माइनिंग की वजह से हो रहा है। यदि नदी अपना रास्ता बदल रही है,तो इसके लिए इलीगल माइनिंग ही बड़ा कारण है।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने एसपी कुल्लू के भी तबादले की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि अगर एसपी कुल्लू इलीगल माइनिंग को नहीं रोक पा रही हैं, तो क्या कर रही हैं। हमेशा ही खुलकर और स्पष्ट तौर पर बात करने वाले लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा था कि वह इस मामले को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान और हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान भी उठाएंगे।
प्रदेश सरकार में उद्योग मंत्री और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के बेहद करीबी हर्षवर्धन चौहान ने मीडिया से पूछे के पूछे सवाल पर कहा कि उन्होंने विक्रमादित्य सिंह का यह बयान नहीं सुना है। लेकिन, यह तबाही इलीगल माइनिंग की वजह से नहीं बल्कि प्राकृतिक आपदा की वजह से हुई। यह संभव है कि एक-दो जगह पर इलीगल माइनिंग हो रही हो। छुटपुट माइनिंग होते ही रहती है, लेकिन इसके लिए इलीगल माइनिंग जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने कहा कि कुल्लू-मनाली में तो कोई माइनिंग का क्रेशर भी नहीं है। नदी से 100 मीटर दूरी तक कोई माइनिंग करने की अनुमति भी नहीं है। ऐसे में वे विक्रमादित्य सिंह के इस बयान से असहमत हैं। यही नहीं, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने विक्रमादित्य सिंह के इस बयान को बचकाना भी करार दिया। उद्योग मंत्री ने विक्रमादित्य सिंह से पूछा कि मंडी में जो तबाही हुई,क्या वह इलीगल माइनिंग की वजह से हुई? हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में हुई तबाही की वजह इलीगल माइनिंग नहीं,बल्कि प्राकृतिक आपदा है।
बता दें कि जब से हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सरकार बनी है,तब से मंत्रियों की गुटबाजी इस तरह सामने आती ही रहती है। इससे पहले भी उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान और उद्योग विभाग के ही मुख्य संसदीय सचिव राम कुमार की अंदरूनी लड़ाई भी खुलकर मीडिया के सामने आ चुकी है। इसके अलावा हमेशा ही पार्टी लाइन से हटकर बात करने वाले विक्रमादित्य सिंह को इस बार मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के बेहद करीबी हर्षवर्धन चौहान ने आड़े हाथों ले लिया। बता दें कि हिमाचल प्रदेश सरकार में कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार ने भी आपदा की वजह नदी किनारे हो रही इलीगल कंस्ट्रक्शन को बताया था।